बैंगलुरू विस्फोट:हिंदू नाम,तिलक,कलावा,फिर यूं पकड़े ताहा,शाजिब

KarnatakaBengaluruBengaluru Blast Accused Used Fake Hindu Id For Hiding In West Bengal Kolkata Know How Caught
हिंदू नामों से बनवाए कई आधार,कलावा और तिलक का लिया सहारा,बस एक गलती से यूं धरे गए बेंगलुरु ब्लास्ट के आरोपित 
बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे में 1 मार्च को आईईडी रखने के प्रमुख आरोपित अब्दुल मतीन ताहा और मुसव्विर हुसैन शाजिब को कोलकाता से गिरफ्तार किया गया। आरोपितों ने बंगाल के होटलों में ठहरने को हिंदू नामों के फर्जी आधार कार्ड बनवाए थे। फिलहाल एनआईए आरोपितों को बेंगलुरु ला रही है।

मुख्य बिंदु

बेंगलुरु ब्लास्ट के आरोपितों को कोलकाता से पकड़ा गया
एनआईए दस दिन की रिमांड पर वापस ला रही बेंगलुरु
आरोपितों ने हिंदू नामों से कई आधार कार्ड बनवाए थे
त्रिपुरा और झारखंड के पते लिखे और हिंदू नाम बताए
दुकान पर मोबाइल बनवाने को दिया और फिर यूं पकड़े गए

बेंगलुरु 14 अप्रैल 2024 : कर्नाटक के रामेश्वरम कैफे में हुए ब्लास्ट में गिरफ्तार दोनों आरोपितों को शनिवार को 10 दिन को NIA की कस्टडी में भेज दिया गया। इससे पहले NIA की विशेष अदालत में आरोपितों मुसाविर हुसैन शाजिब और अब्दुल मथीन अहमद ताहा को पेश किया गया। NIA ने शुक्रवार को मुसाविर हुसैन शाजिब और उसके साथी अब्दुल मथीन ताहा को कोलकाता से तब गिरफ्तार किया था जब वे बांग्लादेश भागने की फिराक में थे। आरोपितों को ट्रैक करने से लेकर उन्हें गिरफ्तार करने तक की सारी कहानी हैं। पता चला है कि आरोपित ने अपना मोबाइल कोलकाता की एक दुकान में ठीक करने दिया था, यहीं से उनके पकड़े जाने की पटकथा लिखी गई। दूसरी बात यह भी सामने आई है कि आरोपितों को पकड़ने में परेशानी इसलिए आई क्योंकि वे अलग-अलग हिंदू नामों के साथ होटल बदल-बदलकर रह रहे थे। वह दो-तीन दिन में होटल या लॉज बदल देते थे। खुद को हिंदू दिखाने को उन्होंने माथे पर तिलक लगाया और हाथों पर कलावा भी बांध रखा था। हिंदू नामों के आधार कार्ड भी बनवा रखे थे।

अब्दुल मतीन ताहा और मुसाविर हुसैन शजीब गिरफ्तारी से बचने को फोन, सिम कार्ड और आईडी बदलते रहे। इस दौरान कोलकाता के चांदनी चौक बाजार में एक साधारण मोबाइल मरम्मत की दुकान पर कुकी का टुकड़ा छोड़ गए, जिससे उन्हें ट्रैक करने में आसानी हुई।

दुकान पर बनने के लिए दिया मोबाइल
उस महत्वपूर्ण सुराग ने मास्टरमाइंड ताहा और बम बनाने वाले शजीब का दीघा होटल में पता लगाने में मदद की। सूत्रों ने बताया कि दोनों 12 मार्च को कोलकाता पहुंचे और एस्प्लेनेड के एक होटल में चेक इन किया। संदिग्धों में से एक अपना फोन ठीक कराने के लिए चांदनी में माइक्रोमैजिक इंफोटेक पहुंचा। तकनीकी समस्याओं के कारण वह अपना मोबाइल दुकान पर छोड़ आया। दुकान के मालिक ने फोन में अपना सिम लगा कर चैक किया तो मोबाइल के आईएमईआई नंबर की निगरानी कर रही एजेंसियों कोका उपयोग करके अनजाने में संदिग्धों के ठिकाने के बारे में पता किया।

सूत्रों ने बताया कि दुकान मालिक को संदिग्ध ने अपना नाम हिंदू बताया,लेकिन उसे कुछ संदेह हुआ। हालांकि उसने अपने मोबाइल का सिम संदिग्ध के मोबाइल पर डालकर मोबाइल का प्रोब्लम जानने की कोशिश की। इस दौरान एजेंसी अलर्ट हुई। दुकान के मालिक अब्दुल रब से संपर्क किया गया।

ऐसे धर दबोचे गए
दुकान के मालिक अब्दुल रब ने कहा कि जब वह व्यक्ति शाम को फोन के लिए दुकान पर लौटा तो उसने और समय मांगा। संदिग्ध अगले दिन फोन लेने के लिए लौटा, लेकिन फोन नहीं बन पाया था। हालांकि एनआईए पहुंची और आरोपियों को ट्रैक करके धर दबोचा।
डार्क नेट से बनाना सीखा बम
NIA के मुताबिक, मास्टरमाइंड ताहा शिवमोग्गा जिले के तीर्थहल्ली शहर का रहने वाला है। आरोपियों का संबंध इंटरनैशनल आतंकी संगठनों से है। दोनों बचपन के दोस्त हैं। हमले का मास्टरमाइंड ताहा है जो एक इंजिनियरिंग ग्रैजुएट है। इसने इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) डिवेलप किया। यह भी पता चला है कि ताहा ने डार्क नेट पर बम बनाना सीखा था।

बदले थे कई नाम
NIA सूत्रों के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपितों ने ब्लास्ट के बाद छिपने के लिए कई बार अपने नाम बदले और बदले हुए नामों का इस्तेमाल कर ही पश्चिम बंगाल के कोलकाता और मेदिनीपुर में होटलों में रुके थे। वहां इन्होंने खुद को झारखंड और त्रिपुरा से बताया था। आरोपित अपने लिए संजय अग्रवाल, उदय दास, यशु पटेल और विग्नेश जैसे नामों का इस्तेमाल कर रहे थे।

नदी के किनारे किया था ब्लास्ट का ट्रायल
मास्टरमाइंड ने ही नवंबर 2022 में मंगलुरु कुकर बम विस्फोट और इस साल 1 मार्च को रामेश्वरम कैफे विस्फोट घटना का भी षड्यंत्र रचा था। ट्रायल ब्लास्ट भी शिवमोग्गा में तुंगभद्रा नदी के तट पर किया गया था। ताहा ने क्रिप्टो करेंसी के जरिए पैसों का लेन-देन किया था। ताहा और मुसाविर के परिवार अपने घरों में ताला लगाकर अज्ञात स्थानों पर चले गए हैं। ताहा के पिता एक पूर्व सैनिक हैं और उसकी गतिविधियों के विरोधी हैं।

NIA सूत्रों ने बताया कि वह गिरफ्तार संदिग्ध आतंकवादियों और उनके स्थानीय नेटवर्क के बीच पैसे के लेनदेन की भी जांच करेगी। पता लगाया जाएगा कि आखिर इन्हें फंडिंग किसने की थी। आरोपितों का इरादा ब्लास्ट के जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को मारने का था ताकि अधिक दहशत फैले। उधर, कर्नाटक के CM सिद्धारमैया ने इस गिरफ्तारी के लिए NIA और कर्नाटक पुलिस की तारीफ की।

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