नैनीताल हाको निर्णय सुरक्षित, सरकार ने बताया – 400 मजारें और हटेंगी

Nainital: HC का मजारों को हटाने के विरोध में दायर याचिका पर निर्णय, 300 अवैध मजारें ध्वस्त, अन्य 400 की बारी
नैनीताल HC ने सरकारी भूमि से अवैध धार्मिक निर्माण ध्वस्तीकरण के खिलाफ जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद निर्णय के बाद कहा कि अवैध धार्मिक स्थलों को हटाने में नियमों का अनुपालन किया गया है। 300 अवैध मजारें हटा दी हैं 400 चिन्हित को हटाने की तैयारी है।

नैनीताल 17 मई: हाई कोर्ट ने सरकारी भूमि से अवैध धार्मिक निर्माण ध्वस्तीकरण के खिलाफ जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया है। इस दौरान सरकार ने साफ कहा कि अवैध धार्मिक स्थलों को हटाने में नियमों का अनुपालन किया गया है। तीन सौ अवैध मजारें हटा दी हैं, चार सौ और चिन्हित को हटाने की तैयारी है।

बुधवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में हरिद्वार निवासी हमजा राव व अन्य की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा है कि सरकार एक धर्म विशेष के धार्मिक स्थलों को अवैध बताकर ध्वस्त कर रही है।

याचिका में कोर्ट से धर्म विशेष के विरुद्ध की जा रही कार्रवाई पर रोक लगाने और ध्वस्त मजारों का फिर से निर्माण करने का आदेश पारित करने की प्रार्थना की है।

राज्य सरकार की ओर से मुख्य स्थायी अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत ने कोर्ट को बताया कि इससे पहले भी ऐसी ही एक याचिका एकलपीठ ने खारिज कर चुकी है।

राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हरिद्वार, रुड़की, टिहरी के मोलधार, रामनगर, देहरादून, खटीमा, हल्द्वानी, नैनीताल आदि जगह से पहले ही लगभग 300 अतिक्रमण हटा चुकी है। सरकार अभी 400 अन्य अवैध मजारों को हटाने की तैयारी कर रही है।

सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी भूमि से अवैध धार्मिक निर्माण हटाने के आदेश सभी राज्यों को दिये थे। सर्वोच्च अदालत ने आदेश में यह भी कहा है कि अगर इस आदेश का पालन नहीं किया जाता है तो सबंधित राज्यों पर अवमानना की कार्रवाई होगी।

मजार हटाने के विरोध में दायर याचिका वापस ली

हरिद्वार में मजार के मुतवल्ली सहित अन्य को नोटिस देने व इसके बाद इसके ध्वस्तीकरण के मामले में दायर याचिका वापस ले ली गई है। न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।

मामले के अनुसार पीठ बाजार ज्वालापुर हरिद्वार निवासी जुल्फिकार अख्तर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि वह हजरत चंदन पीर बाबा मजार नजदीक कनखल रोड आर्य नगर ज्वालापुर के मुतवल्ली हैं। राज्य सरकार की ओर से उत्तराखंड लोक मार्गों, लोक पार्कों तथा अन्य स्थानों के अनधिकृत धार्मिक संरचनाओं को हटाने, पुनर्स्था्पित करने, नियमितीकरण नीति-2016 का उल्लंघन कर मजार को ध्वस्त कर दिया गया। याचिकाकर्ता ने इससे पहले मजार को हटाने से संबंधित नोटिस को चुनौती दी थी। नोटिस में सहायक नगर आयुक्त हरिद्वार की ओर से कहा गया था कि मजार में व्यावसायिक गतिविधियां चल रहीं हैं और नगर निगम की भूमि पर यह मजार बनाई गई है। पिछले दिनों याचिकाकर्ता के अनुपस्थति रहने पर कोर्ट ने नोटिस को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया था। इसलिए मजार के पुनर्निर्माण को लेकर दूसरी याचिका दायर की थी। सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता सहित केयर टेकर को विधिवत नोटिस देकर सुनवाई का पूरा मौका दिया गया।

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