उत्तराखंड: गो सदनों के पशुओं के भरण-पोषण की राशि बढ़ी पांच गुणा

Gram Go Sevak Scheme, Government Increased The Amount Of Cow Protection Maintenance Five Times

Uttarakhand: सरकार ने पांच गुना बढ़ाई गो संरक्षण भरण पोषण की राशि, जल्द शुरू होगी ग्राम गो सेवक योजना

देहरादून 09 जुलाई। पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा की अध्यक्षता में गो सदन राजकीय अनुदान चयन समिति की बैठक में संरक्षित पशुओं के भरण पोषण राशि बढ़ाने का निर्णय लिया गया। पशुपालन मंत्री ने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष में गो सदनों को राजकीय अनुदान देने के लिए 15 करोड़ बजट का प्रावधान किया है।

प्रदेश सरकार ने गो सदनों में संरक्षित पशुओं की भरण पोषण राशि में पांच गुना की बढ़ोतरी की है। राज्य में संचालित मान्यता प्राप्त गो सदनों को प्रति पशु मिलने वाली राशि को छह रुपये से बढ़ाकर 30 रुपये किया गया है। इसके अलावा लावारिस पशुओं को संरक्षण देने के लिए सरकार की ओर से जल्द ही ग्राम गो सेवक योजना शुरू की जाएगी।

विधानसभा स्थित कार्यालय में पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा की अध्यक्षता में गो सदन राजकीय अनुदान चयन समिति की बैठक में संरक्षित पशुओं के भरण पोषण राशि बढ़ाने का निर्णय लिया गया। वर्तमान में प्रदेश में 39 मान्यता प्राप्त गो सदन संचालित हैं। इनमें लगभग 10 हजार पशुओं का भरण पोषण किया जा रहा है। पशुचारे के लिए भूसे की कीमत बढ़ने से उत्तर प्रदेश की तर्ज पर संरक्षित पशुओं के भरण पोषण राशि में पांच गुना की बढ़ोतरी की।

पशुपालन मंत्री ने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष में गो सदनों को राजकीय अनुदान देने के लिए 15 करोड़ बजट का प्रावधान किया है। पंजाब व हरियाणा राज्य की ओर से भूसे के परिवहन पर रोक लगाने के लिए कीमतों में भारी वृद्धि हुई है। जिससे गो सदनों को भी भूसे के लिए वित्तीय चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

गो सदनों को भूसा स्टोर, गोशाला निर्माण के लिए 60 प्रतिशत अनुदान

बैठक में निर्णय लिया गया कि उत्तराखंड अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (उरेडा) के माध्यम से गो सदनों को गोबर गैस ऊर्जा उत्पादन संयंत्रों व सोलर लाइट के लिए अनुदान राशि दी जाए। गो सदनों को भूसा स्टोर, गोशाला निर्माण के लिए 60 प्रतिशत अनुदान राशि दी जाए।

पशुपालन मंत्री ने कहा कि प्रदेश में लावारिस पशुओं के संरक्षण के लिए सरकार जल्द ही पायलट प्रोजेक्ट के रूप में ग्राम गो सेवक योजना शुरू करेगी। जिसमें गांव स्तर पर ग्राम गो सेवकों के माध्यम से संरक्षित पशुओं को भरण पोषण किया जाएगा। 200 से अधिक संरक्षित पशुओं का भरण पोषण करने वाले गो सदनों को दक्षता सुधार गतिविधियों, उपकरण, औजार, सामग्री के लिए 90 प्रतिशत अनुदान देने का निर्णय लिया गया।

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संरक्षित पशुओं के कल्याण गतिविधियों के संचालन के लिए उत्तराखंड गोवंश संरक्षण निधि को तीन करोड़ किया जाएगा।

बैठक में उत्तराखंड गो सेवा आयोग के अध्यक्ष पंडित राजेंद्र अण्थवाल, सचिव डॉक्टर बीवीआरसी पुरुषोत्तम, अपर निदेशक डॉक्टर अशोक कुमार, संयुक्त निदेशक एवं प्रभारी अधिकारी पशु कल्याण बोर्ड डॉक्टर आशुतोष जोशी, डॉक्टर दिनेश सेमवाल, डॉक्टर उर्वशी आदि मौजूद थे।

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