15वें वित्त आयोग से उत्तराखंड को हर साल 180 अरब रुपए

उत्तराखंड को हर साल मिलेंगे 17969 करोड़ रुपये

उत्तराखंड को 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के रूप में बड़ा तोहफा मिला है।
खराब माली हालत और बढ़ते खर्च से जूझते उत्तराखंड को 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के रूप में बड़ा तोहफा मिला है। इस हिमालयी राज्य को अगले पांच वित्तीय वर्षों तक आयोग ने 89845 करोड़ की राशि देने की सिफारिश की है।

देहरादून 01 फरवरी । खराब माली हालत और बढ़ते खर्च से जूझते उत्तराखंड को 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के रूप में बड़ा तोहफा मिला है। इस हिमालयी राज्य को अगले पांच वित्तीय वर्षों तक आयोग ने 89845 करोड़ की राशि देने की सिफारिश की है। इसके मुताबिक राज्य को प्रति वर्ष करीब 17969 करोड़ की धनराशि केंद्र सरकार से मिलेगी। राज्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर 2021-26 तक राजस्व घाटा अनुदान के रूप में 28,147 करोड़ की राशि मंजूर की गई है।

कोरोना संकट काल में अब तक चार हजार करोड़ का घाटा उठा चुके उत्तराखंड को 15वें वित्त आयोग की अगले पांच वित्तीय वर्ष की सिफारिशें बड़ी राहत के रूप में सामने आई हैं। केंद्र सरकार ने अपने अगले वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट के साथ आयोग की सिफारिशों को भी मंजूरी दे दी। इस मामले में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की कोशिशें रंग लाई हैं। मुख्यमंत्री ने 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह से मुलाकात कर कई दफा राज्य का पक्ष रखा। राज्य सरकार की ओर से पेश किए गए दस्तावेजों में इस हिमालयी राज्य के सीमित आर्थिक संसाधन, पर्यावरणीय चुनौती के चलते विकास गतिविधियों पर पडऩे वाले असर का उल्लेख किया गया। उत्तराखंड ने हिमालय कान्क्लेव आयोजित कर पर्यावरण की रक्षा में अहम भूमिका निभाने वाले सभी 11 हिमालयी राज्यों के पक्ष को आयोग के समक्ष मजबूती से रखा था।

आयोग ने इन सभी तथ्यों के आधार पर राज्य को राजस्व घाटा अनुदान की सिफारिश की है। इससे राज्य को अगले पांच वर्षों तक हर वर्ष औसतन 5629 करोड़ की राशि मिलेगी। इससे पहले आयोग ने चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए उत्तराखंड के लिए 5076 करोड़ की राशि बतौर राजस्व घाटा अनुदान की सिफारिश की थी। केंद्र सरकार से मंजूर यह अनुदान राज्य को हर महीने मिल रहा है। हालांकि अगले वित्तीय वर्ष में दी जाने वाली ये अनुदान राशि हर वित्तीय वर्ष में क्रमश: घटती जाएगी। सबसे ज्यादा 7772 करोड़ वित्तीय वर्ष 2021-22 में राज्य को मिलेंगे।

आयोग की अगले पांच वित्तीय वर्षों के लिए केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में उत्तराखंड को 47234 करोड़ की सिफारिश पर भी केंद्र ने हामी भरी है। इससे आगे हर वित्तीय वर्ष में राज्य को करीब 9446.80 करोड़ की राशि मिलेगी। केंद्रीय करों में हिस्सेदारी, राजस्व घाटा अनुदान समेत विभिन्न मदों में आयोग ने कुल 89845 करोड़ की राशि देने की सिफारिश की है। इस कुल राशि में से राज्य विशेष के रूप में 1600 करोड़ की राशि उत्तराखंड को देने के बारे में अभी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। माना जा रहा है कि केंद्र से इस राशि को भी मंजूरी मिल सकती है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उक्त सिफारिशों को मंजूरी मिलने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और आयोग अध्यक्ष एनके सिंह का आभार व्यक्त किया है।

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(धनराशि: करोड़ रुपये में)

मद, स्वीकृत धनराशि केंद्रीय कर, 47234 राजस्व घाटा अनुदान, 28127 शहरी-पंचायती निकाय, 4181 आपदा प्रबंधन, 5178 स्वास्थ्य, 728 पीएमजीएसवाइ, 2322 सांख्यिकी, 25 न्याय, 70 उच्च शिक्षा, 83 कृषि, 277 राज्य विशेष, 1600 (इस राशि पर अंतिम फैसला होना शेष है)

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