सैंट्रल विस्टा में गांधी खानदान का नाम न जोड़ पाने की खींज उतार रहीं हैं कांग्रेस?

‘सेंट्रल विस्टा’ परियोजना गांधी परिवार के नाम पर नहीं होने की वजह से परेशान है कांग्रेस: अनुराग ठाकुर

अनुराग ठाकुर ने कहा, कांग्रेस की तरह इस परियोजना का नाम एक परिवार के नाम पर नहीं है.
नई दिल्ली 04 जून। सैंट्रल विस्टा का विरोध करने के लिए कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राजस्थान, छत्तीसगढ़ और कांग्रेस समर्थित महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों से क्यों नहीं पूछा, जब उनके राज्यों में ऐसी ही परियोजनाओं को अनुमति दी  केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता अनुराग ठाकुर ने शुक्रवार को कहा कि सेंट्रल विस्टा परियोजना गांधी परिवार के नाम पर नहीं होने की वजह से कांग्रेस परेशान है. साथ ही उन्होंने विपक्षी दल पर यह कहते हुए ढोंग करने का आरोप लगाया कि ऐसी ही परियोजनाएं उसके शासित राज्यों में जारी हैं. उन्होंने दावा किया कि सेंट्रल विस्टा परियोजना देश की जनता का है और यह उन नीतियों और कार्यक्रमों को आकार देगा, जो ना सिर्फ देश के गरीबों के जीवन में बदलाव लाएगा बल्कि भारत को आर्थिक महाशक्ति भी बनाएगा.

ठाकुर ने कहा, कांग्रेस की तरह इस परियोजना का नाम एक परिवार के नाम पर नहीं है. मैं कांग्रेस की परेशानी समझ सकता हूं क्योंकि उसने इस परियोजना को गांधी परिवार के नाम पर रखने का एक मौका गंवा दिया. कांग्रेस नेतृत्व को नागरिक शास्त्र का पाठ समझ आना चाहिए. आधिकारिक निवास और कार्यालय देश के होते हैं, व्यक्तिगत नहीं होते.राहुल गांधी पर भी साधा निशाना।

सेंट्रल विस्टा परियोजना का विरोध करने के लिए कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राजस्थान, छत्तीसगढ़ और कांग्रेस समर्थित महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों से क्यों नहीं पूछा, जब उनके राज्यों में ऐसी ही परियोजनाओं को अनुमति दी गई.

एक बयान में उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस शासित राजस्थान ने 125 करोड़ रुपये तक की पुनर्निमाण और अवसंरचना परियोजना की अनुमति दी है जबकि महाराष्ट्र सरकार नरीमन प्वाइंट क्षेत्र में विधायकों के लिए 900 करोड़ रुपये के आवास परियोजना का निर्माण कर रही है.

कांग्रेस की आदत है गलत धारणा बनाने की

उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस की आदत है गलत धारणा बनाने की लेकिन सच्चाई सामने आते ही वह ताश के पत्तों की तरह बिखर जाती है. नये संसद भवन के निर्माण की मांग दशकों पहले उठी थी. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने 2012 में इस बारे में एक पत्र भी लिखा था. इससे कांग्रेस का ढोंग परिलक्षित होता है.’

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