‘सेटेनिक वर्सेज’ के सलमान रूश्दी हमले के बाद वैंटीलेटर पर,गंवा सकते हैं एक आंख की रोशनी

सलमान रुश्दी की हालत नाजुक:लेखक को वैंटिलेटर पर रखा गया, बोल नहीं पा रहे; एक आंख की रोशनी खो सकते हैं

न्यूयॉर्क 13 अगस्त।न्यूयॉर्क में हुए जानलेवा हमला के बाद पिछले 12 घंटे से भारतीय मूल के ब्रिटिश-अमेरिकी लेखक सलमान रुश्दी वैंटिलेटर पर हैं। उनकी हालत नाजुक बताई जा रही है। रुश्दी के एजेंट एंड्रू यील ने बताया कि वे बिल्कुल बोल नहीं पा रहे हैं। एक आंख खो सकते हैं। उनके लिवर में भी गंभीर चोट लगी है। साथ ही हाथों की नसें भी कट गई हैं।

शुक्रवार को रुश्दी पर एक लाइव प्रोग्राम के दौरान 24 साल के हादी मातर ने अटैक किया था। मातर ने उनके गले पर चाकू से 10-15 बार हमला किया, जिसके बाद रुश्दी को एयर लिफ्ट करके एक अस्पताल में भर्ती कराया गया।

अस्पताल के एक डॉक्टर ने अमेरिकी मीडिया को बताया कि रुश्दी के गले और पेट पर चाकू के कई घाव थे। अभी उनकी सर्जरी की गई है।

सलमान रुश्दी पर हमले की आंखों देखी: चश्मदीद बोला- 20 सेकेंड में 15 वार चाकू से हमला, किसी को कुछ समझ ही नहीं आया
मुंबई में जन्मे, राइटर होने के बाद एक्टर भी बनना चाहते थे, लेकिन कामयाब नहीं रहे;

Photos में देखिए सलमान रुश्दी की जिंदगी

33 साल पहले ईरान के धार्मिक नेता ने जारी किया था फतवा

सलमान मुस्लिम परम्पराओं पर लिखे उपन्यास ‘द सैटेनिक वर्सेस’ को लेकर विवादों में रहे। ईरान के धार्मिक नेता अयातुल्ला खोमैनी ने 1989 में उनके खिलाफ फतवा जारी किया था। हमले को उसी से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि, ईरान के एक डिप्लोमैट ने कहा- हमारा इस हमले से कोई लेना-देना नहीं है।

घटना के बाद मंच पर मौजूद सोफे और दीवार पर खून के छींटे दिखाई दिए। कार्यक्रम के दौरान ऑडियंस में मौजूद एक डॉक्टर ने बताया कि रुश्दी के शरीर पर कई घाव देखे गए।
उपन्यास ‘सैटेनिक वर्सेस’ में पैगंबर के अपमान का आरोप
रुश्दी का जन्म 19 जून 1947 को मुंबई में हुआ था। 75 साल के सलमान रुश्दी ने अपनी किताबों से पहचान बनाई। अपने दूसरे ही उपन्यास ‘मिडनाइट्स चिल्ड्रन’ के लिए 1981 में ‘बुकर प्राइज’ और 1983 में ‘बेस्ट ऑफ द बुकर्स’ पुरस्कार से सम्मानित किए गए। रुश्दी ने लेखक के तौर पर शुरुआत 1975 में अपने पहले उपन्यास ‘ग्राइमस’ (Grimus) के साथ की थी।

घायल होने के बाद रुश्दी को अस्पताल ले जाती मेडिकल टीम। न्यूयॉर्क की गवर्नर कैथी होचुल ने कहा कि सलमान का इलाज चल रहा है।
रुश्दी को पहचान उनके दूसरे उपन्यास ‘मिडनाइट्स चिल्ड्रन’ से मिली। उन्होंने कई किताबें लिखीं। इनमें द जैगुआर स्माइल, द मूर्स लास्ट साई, द ग्राउंड बिनीथ हर फीट और शालीमार द क्लाउन शामिल हैं। सबसे ज्यादा ‘द सैटेनिक वर्सेस’ को लेकर चर्चा में रहे।

भारत समेत कई देशों में ‘द सैटेनिक वर्सेस’ बैन

‘द सैटेनिक वर्सेस’ सलमान रुश्दी का चौथा उपन्यास था। भारत और दुनिया के कई देशों में यह उपन्यास बैन है। यह 1988 में प्रकाशित हुआ था। रुश्दी पर पैगंबर मोहम्मद साहब के अपमान का आरोप लगा।

रुश्दी ने उपन्यास ‘द सैटेनिक वर्सेस’ में एक मुस्लिम परंपरा के बारे में लिखा है। उपन्यास में पैगंबर मोहम्मद के भी अपमान का आरोप लगा।

उपन्यास के कारण हत्या और हमले भी हुए

‘द सैटेनिक वर्सेस’ के जापानी ट्रांसलेटर हितोशी इगाराशी की हत्या कर दी गई थी, जबकि इटैलियन ट्रांसलेटर और नॉर्वे के पब्लिशर पर भी हमले हुए। रुश्दी की तारीफ करने के लिए दक्षिण अफ्रीका में भारतीय मूल की महिला लेखक जैनब प्रिया पर भी जानलेवा हमले हुए थे। हमलावरों ने प्रिया के गर्दन पर चाकू रख दिया था। ईंट से चेहरे पर वार किया था। पिछले साल एक इंटरव्यू में रुश्दी से जब पूछा गया कि उनकी जिंदगी अब कैसी चल रही है तो उन्होंने कहा था- जाने दीजिए, मुझे तो अपनी जिंदगी जीना ही है।

पुलिस ने घटना के कुछ ही देर बाद हमलावर (पुलिस ऑफिसर्स के बीच टी-शर्ट में) को गिरफ्तार कर लिया। इसका नाम हादी मातर है।

रुश्दी के प्रोग्राम में 4 हजार लोग मौजूद थे

रुश्दी जिस हॉल में लेक्चर के लिए पहुंचे थे, वहां करीब चार हजार ऑडियंस मौजूद थे। रुश्दी करीब 10 साल से पुलिस प्रोटेक्शन में थे। 1998 में तब के ईरानी राष्ट्रपति मोहम्मद खातमी ने कहा- अब हम रूश्दी को कत्ल किए जाने का समर्थन नहीं करते। हालांकि, फतवा फिर भी वापस नहीं लिया गया। रुश्दी ने इस बारे में एक संस्मरण ‘जोसेफ एंटन’ भी लिखा। इसके बाद से रुश्दी न्यूयॉर्क में सुकून की जिंदगी गुजार रहे थे। 2019 में उन्होंने अपने नए उपन्यास क्विहोते लिखा।

हमले के बाद रुश्दी मंच पर गिर पड़े। कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने उन्हें उठाया और अस्पताल भेजा। सलमान रुश्दी के प्रोग्राम में करीब 4 हजार लोग शामिल हुए थे।
हमले के बाद रुश्दी मंच पर गिर पड़े। कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने उन्हें उठाया और अस्पताल भेजा। सलमान रुश्दी के प्रोग्राम में करीब 4 हजार लोग शामिल हुए थे।

चार शादियां रचा चुके हैं रुश्दी

रुश्दी अफेयर्स को लेकर भी चर्चा में रहे हैं। वो 4 शादियां कर चुके हैं। जन्म के कुछ समय बाद ही ब्रिटेन चले गए थे। इंग्लैंड के रगबी स्कूल में उन्होंने प्राइमरी की। बाद में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में इतिहास से ग्रेजुएशन किया। साहित्यकार बनने से पहले ऐड एजेंसियों में कॉपी राइटर का भी काम कर चुके हैं।

एक्स वाइफ पद्मालक्ष्मी के साथ रुश्दी। लक्ष्मी ने अपने संस्मरण ‘लव, लॉस, एंड व्हाट वी एट’ में रुश्दी के बारे में खुल कर लिखा है।

चार शादियां: पहली 46 साल पहले, चौथा तलाक 15 साल पहले

क्लेरिसा लॉर्ड: शादी 1976, तलाक 1987, मैरियाने विगिन्स: शादी 1988, तलाक 1993, एलिजाबेथ वेस्ट: शादी 1997, तलाक 2004, पद्मालक्ष्मी: शादी 2004, तलाक 2007। इसके अलावा बॉलीवुड अभिनेत्री ऋया सेन के साथ भी उनकी अफेयर की खबरें रहीं।

तसलीमा नसरीन ने कहा- चिंतित हूं

मशहूर लेखिका तसलीमा नसरीन ने कहा-मुझे अभी पता चला कि न्यूयॉर्क में सलमान रुश्दी पर हमला हुआ है। मैं हैरान हूं। कभी नहीं सोचा था कि ऐसा होगा। यदि उन पर हमला हो जाता है, तो इस्लाम की आलोचना करने वाले किसी भी व्यक्ति पर हमला किया जा सकता है। मैं फिक्रमंद हूं।

स्टीफन किंग और अमिताभ घोष ने जताई चिंता

अमेरिकी लेखक स्टीफन किंग ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा- मुझे उम्मीद है कि सलमान रुश्दी ठीक हैं। वहीं, भारतीय लेखक अमिताभ घोष ने लिखा- न्यूयॉर्क में एक भाषण कार्यक्रम में सलमान रुश्दी पर हमला किया गया है। मैं यह सुनकर डर गया हूं। उनके जल्द ठीक होने की कामना करता हूं।

 

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