व्हीलचेयर पर डॉक्टर आर्थो जावेद अख्तर,पेपराजी देख उतर पड़े

एयरपोर्ट पर व्हीलचेयर पर दिखे जावेद अख्तर तो लोगों ने दी सलाह – डॉ ऑर्थो का तेल लगाइए: पैपराजी को देख कर बोले – रुक जाओ, पहले उतर जाने दो

जावेद अख्तर ऑर्थो तेल
व्हीलचेयर पर चल रहे जावेद अख्तर पैपराजी को देखते ही उठे, सोशल मीडिया पर उड़ा मजाक (फोटो साभार: filmgyan/ @drpandeyanil)

मशहूर गीतकार व लेखक जावेद अख्तर (Javed Akhtar) की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। इसमें जावेद अख्तर व्हीलचेयर पर बैठे हुए नजर आ रहे हैं। यह तस्वीर एयरपोर्ट की बताई जा रही है। एयरपोर्ट पर पैपराजी को देखते ही व्हीलचेयर पर चल रहे गीतकार ने उनसे कहा, “रुक जाओ, मुझे पहले उतर जाने दो।” इसके बाद वह व्हीलचेयर से उतरकर पैदल चलने लगते हैं।

वह कहते हैं, “इतनी दूर तक पैदल कौन चले, इसलिए व्हीलचेयर पर बैठा हूँ। लेकिन उस पर बैठे हुए जब मेरी तस्वीर आएगी, तो सब कहेंगे बड़ा बीमार है।” यह कहकर वह आगे बढ़ जाते हैं।

जावेद अख्तर की व्हीलचेयर पर बैठे हुए तस्वीर वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर यूजर्स ने उनका जमकर मजाक उड़ाया। डॉ. अनिल पाण्डेय लिखते हैं, “ये तो वही उर्फी के अब्बू जावेद अख्तर हैं ना, जो डॉ. ऑर्थो तेल का विज्ञापन करते हैं। इनसे तो खुद ही खड़ा नहीं हुआ जाता।”

जर्नादन मिश्रा लिखते हैं, “विडंबना देखिए। यही जावेद अख्तर टीवी पर डॉ. ऑर्थो तेल का विज्ञापन करते हैं, जो दावा करता है कि इस तेल को लगाने के बाद यदि आपके घुटने घिस गए हो, आप खड़े नहीं हो पा रहे हो तो दौड़ने लगेंगे।”

एक यूजर ने लिखा, “डॉ. ऑर्थो तेल का विज्ञापन करने वाले जावेद अख्तर जी खुद घुटने टेक कर चल रहे हैं। यह कैसी विडंबना है विज्ञापनों की।”

अनुज त्रिपाठी ने लॉफिंग इमोजी के साथ लिखा, “Knee Joint Pain के लिए डॉ. ऑर्थो तेल का विज्ञापन करने वाले जावेद अख्तर व्हीलचेयर पर।”

अश्विनी ने तंज कसते हुए लिखा, “अरे जावेद अख्तर जी! क्या आपने डॉ. ऑर्थो तेल के बारे में नहीं सुना? सुना है उसकी मालिश करने से कमजोर से कमजोर जोड़ एकदम चुस्त हो जाते हैं। एक बार ट्राइ करिए सर।”

गौरतलब है कि यह पहला मौका नहीं जब जावेद अख्तर का सोशल मीडिया पर मजाक उड़ाया गया हो। हाल ही में जावेद अख्तर ने एक ट्वीट किया था, “तालिबानियों ने इस्लाम के नाम पर सभी महिलाओं और लड़कियों के स्कूल-कॉलेजों और नौकरियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। भारतीय मुस्लिम पर्सनल बोर्ड और अन्य इस्लामिक विद्वानों ने इसकी निंदा क्यों नहीं की। क्यों। क्या वे तालिबानियों से सहमत हैं?” इसको लेकर अल हिंद नाम के एक ट्विटर यूजर ने लिखा था, “श्याम बिहारी की चौथी पीड़ी तू ज़्यादा दख़ल ना दे शरीयत में।”

इसके बाद आदिल साइन नाम के यूजर ने लिखा था, “जावेद भाई, अपने मुल्क की चुनौतियों को पहले समझ लें, फिर पड़ोसी मुल्क की बातों पर सोचा जाए। पर नहीं आप तो आप हैं… ऐसी उम्र में लोग थोड़े चिंतित हो ही जाते हैं, उम्र का कसूर है आप तो मासूम हैं।”

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