वाल्मिकी पर टिप्पणी: मुनव्वर को हाईकोर्ट से गिरफ्तारी में राहत नहीं

मुनव्वर राना की गिरफ्तारी पर रोक से इनकार : वाल्मीकि की तुलना तालिबान से करने के मामले में हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत
राना ने कहा था कि वाल्मीकि एक लेखक थे। तालिबान भी दस साल बाद वाल्मीकि होंगें। हिंदू धर्म में तो किसी को भी भगवान कह देते हैं। वादी का आरोप था कि इस प्रकार राना ने न केवल हिंदू धर्म पर आक्रमण किया है वरन देश के दलित समाज, वाल्मीकि के अनुयायियों और भगवान वाल्मीकि के खिलाफ विष वमन किया है।

लखनऊ 02 सितंबर।हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ से रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि की तुलना तालिबान से करने के मामले में अरोपी शायर मुनव्वर राना को राहत नहीं मिली। कोर्ट ने अपराधिक केस में उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। साथ ही मामले में दर्ज प्राथमिकी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी।
न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा व न्यायमूर्ति सरोज यादव की खंडपीठ ने बृहस्पतिवार को यह आदेश राना की याचिका पर दिया। इसमें याची ने मामले में यहां हजरतगंज थाने में दर्ज कराई गई एफआईआर को रद्द किए जाने का आग्रह किया था। साथ ही मामले में खुद की गिरफ्तारी पर रोक लगाने की गुजारिश कोर्ट से की थी।

सामाजिक सरोकार फाउंडेशन संस्था की तरफ से राना के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाकर आरोप लगाया गया कि हाल ही में राना ने भगवान वाल्मीकि की तुलना तालिबान से करके हिंदू आस्था का अपमान किया। महर्षि वाल्मीकि न केवल पवित्र ग्रंथ रामायण के रचनाकार हैं, बल्कि हम लोग (वादी) उन्हें भगवान मानकर उनकी पूजा करते हैं। राना ने कहा था कि वाल्मीकि एक लेखक थे। तालिबान भी दस साल बाद वाल्मीकि होंगें। हिंदू धर्म में तो किसी को भी भगवान कह देते हैं। वादी का आरोप था कि इस प्रकार राना ने न केवल हिंदू धर्म पर आक्रमण किया है वरन देश के दलित समाज, वाल्मीकि के अनुयायियों और भगवान वाल्मीकि के खिलाफ विष वमन किया है।

प्राथमिकी में उक्त कथन के साथ समुदायों में धार्मिक वैमनस्यता फैलाने अदि के आरोप थे। याची की तरफ से कहा गया कि प्राथमिकी से उसके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है। ऐसे में यह रद्द करने लायक है। उधर, याचिका का विरोध करते हुए अपर शासकीय अधिवक्ता प्रथम शिवनाथ तिलहरी का कहना था कि एफआईआर से याची के खिलाफ गंभीर मामला बनता है। जिसमें अभी तफ्तीश के स्तर पर वह राहत दिए जाने योग्य नहीं है और याचिका खारिज किए जाने लायक है। तिलहरी के मुताबिक कोर्ट ने प्राथमिकी रद्द करने व राना की गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इनकार कर याचिका खारिज कर दी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *