भाजपा और अन्नाद्रमुक गठजोड़ टूटने के 10 कारण

तमिलनाडु में क्यों टूटा गठबंधन? 10 कारण जिनसे बढ़ी AIADMK और BJP में दूरी
तमिलनाडु में पार्टी मुख्यालय में एक बैठक के बाद अन्नाद्रमुक ने भाजपा से अलग होने की घोषणा की और कहा कि भाजपा “अन्नाद्रमुक के पूर्व नेताओं के बारे में गैरजरूरी कॉमेंट कर रही है. “अन्नाद्रमुक ने बैठक में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया और कहा कि पार्टी आज से भाजपा और राजग गठबंधन से सभी संबंध तोड़ रही है।

नई दिल्ली, 25 सितंबर 2023, तमिलनाडु में BJP और AIADMK (ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम) की राहें जुदा हो गई हैं और इसी के साथ, NDA गठबंधन से एक सहयोगी दल सोमवार को बाहर निकल गया. AIADMK अब NDA यानी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल नहीं है और 25 सितंबर का दिन इसकी औपचारिक घोषणा की तारीख बन गया.

भाजपा से क्यों नाराज हुई AIADMK?

पार्टी की ओर से कहा गया कि राज्य भाजपा नेता पिछले एक साल से AIADMK के पूर्व नेताओं, पार्टी महासचिव एडप्पादी के पलानीस्वामी (EPS) और कार्यकर्ताओं के बारे में टिप्पणी कर रहे थे. तमिलनाडु में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई के हालिया बयानों से AIADMK नाराज़ थी और गठबंधन तोड़े जाने की बात पहले ही कह दी गई थी.

भाजपा अभी भी कर रही अन्नामलाई का समर्थन

2024 चुनावों से ठीक पहले तमिलनाडु में एनडीए को करारा झटका लगा है. सूत्रों का कहना है कि अन्नाद्रमुक के पार्टी के साथ गठबंधन तोड़ने के फैसले के बावजूद भाजपा तमिलनाडु पार्टी प्रमुख के अन्नामलाई का अभी भी मजबूती से समर्थन कर रही है.

अन्नामलाई की टिप्पणी से बिगड़ी बात

दरअसल के अन्नामलाई ने द्रविड़ आइकन सीएन अन्नादुरई पर टिप्पणी की थी,जिसे लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने अन्नामलाई से माफी मांगने को कहा था.सूत्रों के मुताबिक, भाजपा से अन्नामलाई के इस्तीफे की मांग को लेकर सहमति नहीं बन सकी जिसके बाद इस गठबंधन तोड़ दिया गया और दोनों दल अलग हो गए.

अन्नामलाई

‘भाजपा हमारे नेताओं पर कर रही गैरजरूरी कॉमेंट’

तमिलनाडु में पार्टी मुख्यालय में एक बैठक के बाद अन्नाद्रमुक ने भाजपा से अलग होने की घोषणा की और कहा कि भाजपा “अन्नाद्रमुक के पूर्व नेताओं के बारे में गैरजरूरी कॉमेंट कर रही है. “अन्नाद्रमुक ने बैठक में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया और कहा कि पार्टी आज से भाजपा और राजग गठबंधन से सभी संबंध तोड़ रही है.

‘अन्नादुरई, पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता को बदनाम करने की कोशिश’

‘ एआईएडीएमके के पी मुनुसामी ने कहा कि भाजपा का राज्य नेतृत्व बीते एक साल से लगातार हमारे पूर्व नेताओं, हमारे महासचिव एडप्पादी के पलानीस्वामी और हमारे बारे में अनावश्यक टिप्पणियां कर रहा है.’ प्रस्ताव में किसी का नाम लिए बिना कहा गया है कि भाजपा का राज्य नेतृत्व उसकी नीतियों की आलोचना करने के अलावा, द्रविड़ आइकन, दिवंगत सीएन अन्नादुरई और दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता को बदनाम कर रहा है.

अन्नामलाई ने क्या कहा?

11 सितंबर को भाजपा नेता अन्नामलाई की टिप्पणी से विवाद खड़ा हो गया था. उन्होंने आरोप लगाया कि अन्नादुरई ने 1956 में मदुरै में एक कार्यक्रम में हिंदू धर्म का अपमान किया था.उन्होंने कहा कि अन्नादुराई को अपनी टिप्पणी के बाद मदुरै में छिपना पड़ा और माफी मांगने के बाद ही वे यात्रा कर सके.

अन्नामलाई ने माफी मांगने से किया इनकार

अन्नामलाई ने तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री के बारे में अपनी विवादास्पद टिप्पणी के लिए माफी मांगने से इनकार कर दिया था और कहा था कि उनकी पार्टी और अन्नाद्रमुक के बीच कोई समस्या नहीं है.उन्होंने दावा किया कि उन्होंने अन्नादुराई के बारे में बुरा नहीं कहा था और केवल 1956 की एक घटना का जिक्र किया था.

गठबंधन टूटने के क्या रहे कारण

अब सवाल उठता है कि क्या सिर्फ के अन्नामलाई की टिप्पणी ही गठबंधन टूटने के लिए जिम्मेदार थी. सूत्र बताते हैं कि इसके पीछे कुछ और फैक्टर और कुछ अन्य नाराजगियां भी काम कर रही हैं.
पिछले कुछ महीनों में अन्नाद्रमुक के तमिलनाडु भाजपा प्रमुख के अन्नामलाई से नाराजगी बनी रही है, इसके कुछ खास कारणों पर डालते है नजर.

1. एआईएडीएमके का मानना ​​है कि अन्नामलाई गठबंधन धर्म के खिलाफ काम कर रहे हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का ये मानना रहा कि, अन्नामलाई की तुलना में पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष इस गठबंधन को संभालने में अधिक सम्मानजनक और परिपक्व थे. वह इस बात का खास ध्यान रखते थे कि अन्नाद्रमुक ही तमिलनाडु में गठबंधन का नेतृत्व करती है.

2. एआईएडीएमके नेताओं का मानना ​​है कि अन्नामलाई शुरू से ही पार्टी के साथ गठबंधन जारी नहीं रखना चाहते थे. यहां तक ​​कि उन्होंने स्थानीय निकाय चुनाव भी अकेले लड़ने का फैसला किया था. अन्नामलाई का मानना ​​है कि भाजपा को तमिलनाडु में पार्टी को आगे बढ़ाने के लिए अकेले लड़ने की जरूरत है, भले ही इसमें समय लगे.

3. इरोद ईस्ट उपचुनाव के दौरान, अन्नामलाई ने कथित तौर पर ईपीएस और ओपीएस दोनों गुटों के साथ बातचीत करके एआईएडीएमके के आंतरिक पार्टी मामलों में हस्तक्षेप करने की कोशिश की और दावा किया कि भाजपा चाहती है कि एआईएडीएमके एक संयुक्त मोर्चा बने.

4. अन्नामलाई खुद को राज्य के विपक्षी नेता के तौर पर पेश करने की कोशिश कर रहे हैं. अन्नाद्रमुक के सूत्रों के अनुसार, अन्नामलाई ने पिछले कुछ महीनों में खुद को और भाजपा को एक आक्रामक विपक्षी दल के रूप में पेश करने की कोशिश की है. कई प्रमुख मुद्दों पर, भाजपा को अन्नाद्रमुक की तुलना में द्रमुक के खिलाफ अपने हमले में अधिक मुखर माना जाता था

5. जब भाजपा आईटी विंग के प्रमुख निर्मल कुमार ने भाजपा छोड़ दी और ईपीएस की मौजूदगी में एआईएडीएमके में शामिल हो गए, तो गठबंधन में तनाव और बढ़ गया क्योंकि इसके बाद कई अन्य भाजपा पदाधिकारी भी एआईएडीएमके में शामिल हो गए.

6. अन्नामलाई के शीर्ष डीएमके नेताओं के कथित भ्रष्टाचार उजागर करने वाली डीएमके फाइलें जारी करने के बाद, उन्होंने मीडिया से कहा कि वह तमिलनाडु में सभी पार्टियों के भ्रष्टाचार को उजागर करेंगे, जिसमें एआईएडीएमके भी था.

7. एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अन्नामलाई ने कहा कि राज्य में पूर्व मुख्यमंत्रियों को भ्रष्टाचार का दोषी ठहराया गया है, उनका मतलब पूर्व मुख्यमंत्री और दिवंगत एआईएडीएमके सुप्रीमो जे जयललिता से था. इसे एआईएडीएमके ने अपमान के तौर पर लिया. तब अन्नामलाई के खिलाफ कड़े शब्दों में एक प्रस्ताव पारित किया था जिसमें कहा गया था कि अन्नामलाई के पास कोई राजनीतिक अनुभव और परिपक्वता नहीं है.

8. अन्नामलाई, पार्टी में उनके करीबी सहयोगियों और एआईएडीएमके के वरिष्ठ नेताओं के बीच लगातार जुबानी जंग और व्यक्तिगत हमले. एआईएडीएमके और अन्नामलाई के बीच बढ़ते मनमुटाव के कारण समय-समय पर दोनों दलों के नेताओं के बीच राजनीतिक तकरार देखने को मिली.

9. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रतिष्ठित द्रविड़ आइकन सीएन अन्नादुराई पर अन्नामलाई की हालिया टिप्पणियां भी इस टूट की जिम्मेदार हैं.अन्नाद्रमुक के इस पर कड़ी आपत्ति जताने के बावजूद अन्नामलाई ने अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगने से इनकार कर दिया

10. अन्नामलाई ने तमिलनाडु में एनडीए के मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में ईपीएस का समर्थन करने से इनकार कर दिया था. जबकि अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेता सेलुर राजू ने भाजपा से अगले चुनावों के लिए मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में ईपीएस का खुलकर समर्थन करने को कहा, अन्नामलाई ने दावा किया कि ऐसा करना उनके ऊपर निर्भर नहीं है और केवल राष्ट्रीय नेतृत्व ही कोई घोषणा करेगा.

क्या थी AIADMK की दो मांगें जो नहीं पूरी हुईं?

अन्नादुरई पर अन्नामलाई की टिप्पणी पर हालिया विवाद के बाद, अन्नाद्रमुक नेताओं ने दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की.सूत्रों के मुताबिक,एआईएडीएमके ने भाजपा से अन्नामलाई को फटकार लगाने या उन्हें पद से हटाने की जोरदार मांग की.उन्होंने भाजपा नेतृत्व से तमिलनाडु में एनडीए संयोजक नियुक्त करने को भी कहा ताकि चुनाव के समय उन्हें अन्नामलाई से निपटने की जरूरत न पड़े.

भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से मिले पर नहीं बनी बात

ये दोनों मांगें पूरी नहीं की गईं,जिसके कारण अंततः अन्नाद्रमुक को गठबंधन तोड़ना पड़ा.ये सभी कारण और तथ्य यह बताते हैं कि अन्नाद्रमुक-भाजपा गठबंधन जमीनी तौर पर बिल्कुल भी प्रैक्टिकल नहीं था.पार्टी के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता गठबंधन से खुश नहीं थे.पार्टी के भीतर इसे पसंद के गठबंधन के बजाय मजबूर गठबंधन के रूप में देखा गया.

विपक्ष ने अन्नाद्रमुक को भाजपा का ‘गुलाम’ बता दिया

भाजपा के साथ अन्नाद्रमुक के गठबंधन ने राज्य में अल्पसंख्यक समुदायों के भीतर द्रविड़ पार्टी की विश्वसनीयता और विश्वास को भी खो दिया.इसके अलावा,एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में,भाजपा तमिलनाडु में जनता की भावनाओं और विभिन्न प्रमुख मुद्दों पर अन्नाद्रमुक की बताई गई स्थिति के विपरीत रुख अपना रही है.तमिलनाडु में विपक्ष,काफी हद तक अन्नाद्रमुक को भाजपा के “गुलाम” के रूप में स्थापित करने में सफल रहा है.

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