पाकिस्तानी गज़वा- ए-हिंद मॉडल का आपरेटर था पटना का दानिश

पटना का दानिश पाकिस्तानी गजवा-ए-हिन्द मॉडल का ऑपरेटर:2016 से चल रही थी 2023 जिहाद की तैयारी; खुफिया एजेंसियों को नहीं लगी भनक

पटना16 जुलाई। भारत में दहशतगर्दी के लिए गजवा-ए-हिन्द का मॉडल तैयार किया गया था। इसकी कमांड पाकिस्तान के हाथ में थी। यह अनावरण शुक्रवार को फुलवारी शरीफ से मरगूव अहमद दानिश नामक एक आरोपित की गिरफ्तारी के बाद हुआ। पुलिस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पटना आगमन से एक दिन पहले 11 जुलाई को इस आतंकी नेटवर्क का अनावरण किया था। प्रधानमंत्री भी इनके निशाने पर थे। अब तक गिरफ्तार आरोपितों की पहचान पर पुलिस और गिरफ्तारियां कर रही है। इसी क्रम में कल दानिश को पकड़ा गया था।

पटना पुलिस को दानिश के स्मार्टफोन से कई बेहद संवेदनशील जानकारियां मिली हैं। पुलिस के मुताबिक, दानिश ही गजवा-ए-हिन्द मॉडल को ऑपरेट कर रहा था। हैरानी की बात तो यह है कि यह मॉडल बिहार में 2016 से काम कर रहा था, लेकिन भारतीय खुफिया एजेंसियों को इसकी भनक तक नहीं लगी।

पुलिस के अनुसार इस काम को वॉट्सऐप ग्रुप बनाया गया था। ग्रुप के दो एडमिन थे। इनमें से एक पाकिस्तान का फैजान और दूसरा पटना का दानिश था।

अभिसूचना तंत्र पर भारी पड़ा आतंकियों का कनेक्शन

 

पटना पुलिस ने शुक्रवार को फुलवारी शरीफ से मरगूव अहमद दानिश को गिरफ्तार किया था। उसके स्मार्ट फोन से पाकिस्तानी कनेक्शन खुलासा हुआ है। पुलिस ने 2016 से लेकर अब तक के वॉट्सऐप चैट के बारे में जानकारी दी है जिसमें पाकिस्तान से भारत की तबाही का मैसेज दिया जा रहा था। इसके लिए पाकिस्तान से बड़ी फंडिंग भी हो रही थी।

इन चैट्स से साफ हो रहा है कि पाकिस्तान के फैजान और बिहार के दानिश मिलकर भारत के खिलाफ बडे षड्यंत्र पर काम कर रहे थे। अब तक पुलिस वॉट्सऐप ग्रुप का ही अनावरण कर पाई है, पूछताछ में अभी बड़े नेटवर्क का अनावरण बाकी है।

बिहार की राजधानी से चल रहे आतंकवाद के इस खेल के अनावरण के बाद अब पटना पुलिस प्रवर्तन निदेशालय (ED) से जांच की मांग कर रही है। वहीं पाक का कनेक्शन सामने आते ही खुफिया एजेंसियां भी अलर्ट हो गई हैं।

फुलवारी शरीफ से गिरफ्तार मरगुव अहमद दानिश उर्फ सैफुद्दीन अहमद।

2023 में जिहाद के प्लान पर चल रहा था काम

पटना पुलिस ने जो अनावरण किया है, उसके मुताबिक 2023 में जिहाद का पूरी योजना थी। इस बड़े प्लान पर 2016 से काम चल रहा था और अभिसूचना तंत्र को इसकी जानकारी नहीं हो पाई है। पटना पुलिस के पास भी दानिश को लेकर कोई बड़ा इनपुट नहीं था। पुलिस ने PFI कनेक्शन को लेकर पूछताछ को दानिश को हिरासत में लिया था, लेकिन पुलिस के हाथ लगे दानिश के स्मार्ट फोन ने ऐसा राज खोला कि पुलिस की नींद उड़ गई।

ऐसी आशंका है कि 2016 से 2022 तक पाकिस्तान ने बिहार में बड़ा नेटवर्क तैयार कर लिया होगा। पटना में आतंकवाद के नए मॉडल पर काम चल रहा था, लेकिन स्थानीय पुलिस से लेकर अभिसूचना तंत्र काे भी इसकी एक भी कड़ी का पता नहीं था।

वॉट्सऐप ग्रुप का स्क्रीनशॉट, जिसमें 2023 में सीधे जिहाद की बात है।

बिहार में जड़ खंगालना बड़ी चुनौती

पटना से आतंक के इंटरनेशनल कनेक्शन की जड़ें कितनी फैली हैं, इसका अनावरण बड़ी चुनौती होगी। साल 2016 से पाकिस्तान के हाथों ऑपरेट हो रहे दानिश ने कितना बड़ा नेटवर्क खड़ा किया है, इसका अनावरण पुलिस की जांच में ही हो पाएगा। सूत्रों की मानें तो बिहार को सॉफ्ट टॉरगेट के रूप में चुना गया था। इसके लिए पटना के फुलवारी को सेफ जोन बनाया गया था।

पुलिस के हाथ लगे प्रपत्र और स्मार्ट फोन से हुआ अनावरण भारत की सुरक्षा को  खतरे की घंटी है। अब पुलिस और अभिसूचना एजेंसियों के लिए दानिश की एक-एक कड़ी सामने लाना बड़ी चुनौती होगी। पाकिस्तानी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक ने भारत में तबाही के लिए क्या-क्या षड्यंत्र रचा था, इसका  अनावरण भी आसान नहीं होगा।

पाकिस्तानी कनेक्शन के अनावरण से 5 सवाल

1-2016 से भारत में तबाही की योजना पर काम चल रहा था तो अभिसूचना तंत्र को भनक क्यों नहीं लगी?
2-फुलवारी में स्थानीय पुलिस 6 साल में कोई जानकारी क्यों नहीं जुटा सकी?
3-इंटरनेशनल कॉल और मैसेज का बिहार पुलिस को क्यों पता नहीं चला?
4-भारत में तबाही को पाकिस्तान की फंडिंग का सुराग क्यों नहीं लगा?
5-संदिग्ध लोगों का आना जाना था, फिर भी पुलिस पुष्टि क्यों नहीं कर पाई?

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