दर्द दे रहा रामपुर तिराहा कांड: पीड़िताओं को छह को कोर्ट में कथन अंकित कराने के आदेश

Uttar PradeshMuzaffarnagarRampur Tiraha Incident Muzaffarnagar Victims Statement Held On 6 July 6 Uttarakhand History Black Day

रामपुर तिराहा कांड की पीड़िताओं के 6 जुलाई को होंगे बयान, उत्तराखंड से जुड़ा दर्दनाक किस्सा जानिए

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मुजफ्फरनगर रामपुर तिहरा कांड की पीड़िताओं के कोर्ट में बयान होंगे
मुजफ्फरनगर कोर्ट ने रामपुर तिराहा कांड से जुड़े मामले में महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। कोर्ट ने मामले की पीड़िताओं को मौके की गवाह के रूप में पेश होकर गवाही देने का आदेश दिया है। 1994 में उत्‍तराखंड गठन को लेकर हुए आंदोलन में पुलिस की गोली से 7 आंदोलनकारी मुजफ्फरनगर में मारे गए थे।

मुजफ्फरनगर(एम राशिद अली) 26 जून।  मुजफ्फरनगर कोर्ट ने रामपुर तिराहा कांड पीड़िताओं को गवाही के लिए पेश होने का आदेश दिया है। कोर्ट ने सीबीआई को आदेशित किया है कि वह पूरी सुरक्षा में उन्हें 6 जुलाई को कोर्ट में पेश करें। सोमवार को रामपुर तिराहा कांड के मामले में मौके के गवाह ढाबा मालिक ने भी गवाही दी, जिससे बचाव पक्ष के अधिवक्‍ताओं ने जिरह की। 1-2 अक्टूबर 1994 की रात को उत्तराखंड गठन की मांग को लेकर देहरादून से दिल्ली जा रहे आंदोलनकारियों को पुलिस ने रामपुर तिराहा पर बैरिकेडिंग लगाकर रोक लिया था। रात के समय आंदोलन उग्र होने पर पुलिस ने फायिरंग कर दी थी, जिसमें 7 आंदोलनकारी की मौत हो गई थी। वहीं कई महिलाओं के साथ दुष्कर्म के आरोप भी पुलिस पर लगे थे। सीबीआइ ने विवेचना के बाद कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी।

एडीजीसी परविंदर सिंह ने बताया कि सोमवार को केस की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या 7 में हुई। शक्ति सिंह की कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआइ की तरफ से न्यायालय में सरकार बनाम राधा मोहन द्विवेदी मामले को लेकर मौके के गवाह ढाबा मालिक की गवाही कराई गई।

बचाव पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेंद्र शर्मा और राजेंद्र पवार ने गवाह से जिरह की। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता परविंदर सिंह ने बताया कि सीबीआई को कोर्ट ने आदेशित किया कि उक्त मामले में 3 जुलाई को अगला गवाह पेश करें। उन्होंने बताया कि रामपुर तिराहा कांड के दूसरे मुकदमे सरकार बनाम मिलाप सिंह के अंतर्गत गवाही के लिए पूरी सुरक्षा में पीड़िताओं को 6 जुलाई को बुलाने के आदेश भी जारी किए।

सीबीआइ को नहीं मिल पा रहे मुकदमे के मूल दस्‍तावेज

सीबीआइ को रामपुर तिराहा कांड से जुडे एक मुकदमे से संबंधित मूल दस्तावेज नहीं मिल पा रहे हैं। पूर्व में इस मामले में सीबीआइ ने मूल दस्‍तावेज मिलने तक साक्ष्य की कार्रवाई रोकने की गुहार लगाई थी। एडीजीसी ने बताया कि इसे न्यायाधीश ने अत्यंत आपत्तिजनक मानते हुए एसपी सीबीआई को निर्देशित किया था कि लिखित रूप से न्यायालय को अवगत कराया जाए कि मूल दस्तावेज कहां चले गए। इसकी जानकारी होने पर मूल दस्तावेज नहीं हैं और कब तक न्यायालय में प्रस्तुत करने के लिए क्या कार्रवाई की गई है। इसकी रिपोर्ट देने के लिए एसपी सीबीआइ को निर्देशित किया था।

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