कब्ज़ और अति भोजन ले डूबा मुख्तार अंसारी को?

Uttar Pradesh Banda Mukhtar Ansari Did Not Stop Fasting Till His Death
मुख्तार अंसारी ने मरते दम तक नहीं छोड़ा रोजा, क्या यही बना मौत की वजह?
मुख्तार को दो दिन पहले ही अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पूरे 14 घंटे हॉस्पिटल में मुख्तार रहा था। देर शाम फिर उसे जेल भेज दिया गया था।
बांदा 29 मार्च 2024 मार्च : उत्तर प्रदेश के बांदा में पिछले तीन दिनों से मुख्तार अंसारी गंभीर रूप से बीमार था। मुख्तार अंसारी ने मरते दम तक रोजा नहीं छोड़ा। डॉक्टर का कहना था मुख्तार की रोजा के कारण तबीयत बिगड़ी है। इसके बावजूद भी वह रोजा रहता रहा, आज भी मुख्तार रोजे से था।

7 अप्रैल 2021 से बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी हर साल रमजान के महीने में रोजा रखता था। इस दौरान जेल में अन्य बंदियों के साथ इफ्तार में शामिल होता था। स्वयं बंदी साथियों को फल व अन्य खाद्य सामग्री वितरित करता था। इधर रमजान का पवित्र मह शुरू होने के साथ ही उसकी तबीयत बिगड़ती चली गई फिर भी उसने रोजा नहीं छोड़ा।
सोमवार को जब हालात बिगड़ गई तो एक बार फिर जांच के बाद डॉक्टरों ने कहा कि वह रोजा रहने के बाद शाम को अत्यधिक खाना खा लेता है। जिसकी वजह से उसे कब्जियत की शिकायत होती है। लेकिन इन बातों की मुख्तार ने परवाह नहीं की और उसने अपना रोजा प्रतिदिन की तरह आज भी रखा था। जब जेल के बैरक में बेहोश होकर गिर पड़ा उस समय भी वह रोजे से था। इफ्तार के दौरान ही उसकी मौत हुई।

इस बारे में डीजी जेल एस एन सबत का भी कहना है कि आज भी रोजा रखने के कारण मुख्तार अंसारी की तबीयत खराब हुई। इसी के दौरान उसे हार्ट अटैक आया। जेल के अधिकारियों द्वारा फौरन उसे मेडिकल कॉलेज लेकर जाया गया जहां उसकी मौत हो गई।

बताते चलें कि इस्लाम में रमजान माह को बहुत पवित्र माना जाता है। इस माह जो भी नेक कार्य किए जाते हैं। उसका 70 फ़ीसदी ज्यादा पुण्य मिलता है। अगर किसी ने एक रुपए दान दिया तो उसे उसका 70 गुना मिलेगा। इस माह में हर मुस्लिम नमाज और रोजा से रहने की कोशिश करता है। जो व्यक्ति साल भर नमाज नहीं पड़ता वह भी विशेष नमाज तरावीह में सम्मिलित होता है। मुख्तार अंसारी भी अपने धर्म के प्रति कट्टर था। वह हर साल रोज से रहता था।

माफिया मुख्तार के परिवार के सदस्य बांदा के लिए रवाना हुए हैं। मुख्तार के छोटे बेटे उमर अंसारी बांदा के लिए रवाना हो गए हैं।मुख्तार के बड़े बेटे अब्बास अंसारी की पत्नी निखत और अफजाल अंसारी कुछ देर पहले गाजीपुर से बांदा के लिए रवाना हुए। हाईकोर्ट में मुख्तार अंसारी की पैरवी करने वाले वकील अजय श्रीवास्तव भी बांदा के लिए रवाना हुए।

बांदा जेल में बंद बाहुबली मुख्तार अंसारी की तबीयत गुरुवार रात दोबारा खराब हो गई थी। डॉक्टरों की मौजूदगी में तबीयत खराब होने पर मुख्तार को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत गंभीर में मौत हो गई।

चेकअप के दौरान मुख्तार बेहोश हो गया था। तुरंत बांदा जेल से निकलकर आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस दौरान रास्ते में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था।

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