अमित कत्याल

Bihar Patna Who Is Amit Katyal Problems May Increase For Rjd Chief Lalu Yadav And Bihar Deputy Chief Minister Tejashwi
अमित कात्याल कौन हैं, जिन पर एक्शन के बाद बढ़ सकती है लालू यादव-तेजस्वी की मुश्किलें
केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी की ओर से नौकरी के बदले जमीन घोटाले मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए व्यवसायी अमित कात्याल को गिरफ्तार कर लिया है। कात्याल लालू परिवार के करीबी और एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर रहे है। ईडी की ओर से कात्याल को गिरफ्तार किए जाने के बाद लालू यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
पटनाः नौकरी के बदले जमीन घोटाले में आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के करीबी बिजनेसमैन अमित कात्याल को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। दावा किया जा रहा है कि लालू यादव और तेजस्वी यादव के करीबी अमित कात्याल को केंद्रीय जांच एजेंसी की ओर से पूछताछ के लिए समन भेजा गया था, लेकिन कात्याल करीब दो महीने से बचने की कोशिश कर रहा था। इसी कारण उसकी गिरफ्तारी हुई है। लालू परिवार के कथित सहयोगी अमित कात्याल एक व्यवसायी है और एके इन्फोसिस्टम्स के प्रमोटर हैं। यह कंपनी भी जमीन के बदले नौकरी मामले में मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल रही है।
Lalu Prasad

नौकरी के बदले जमीन घोटाले मामले में गिरफ्तार अमित कात्याल और उसकी कंपनी ईडी के साथ सीबीआई की जांच के दायरे में भी हैं। सीबीआई ने घोटाले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ भी आरोप पत्र दायर किया है। वहीं ईडी की ओर से 600 करोड़ रुपये मनी लांड्रिंग का आरोप लगाया गया है।

ईडी ने मार्च में कई ठिकानों पर ली थी तलाशी

सूत्रों के अनुसार ईडी ने इस मामले में मार्च महीने में लालू परिवार के विभिन्न ठिकानों के अलावा कात्याल से जुड़े ठिकानों की भी तलाशी ली थी। कात्याल एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड का पूर्व निदेशक भी है। इस घोटाले में यह कंपनी भी एक ‘लाभार्थी’ कंपनी है। इसका पंजीकृत पता दक्षिणी दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित एक आवासीय इमारत है। दावा किया जाता है कि इसका इस्तेमाल तेजस्वी यादव भी कर रहे थे।

घोटाले में कात्याल की कंपनी को ही जमीन ट्रांसफर!

केंद्रीय जांच एजेंसियों की छानबीन में अमित कात्याल के खिलाफ कई साक्ष्य मिलने की बात कही जा रही है। छानबीन में यह बात सामने आई है कि यह कथित घोटाला 2004 से 2009 के बीच यूपीए-1 शासन में हुआ है। उस दौरान लालू प्रसाद रेल मंत्री थे। इस कार्यकाल में भारतीय रेलवे के विभिन्न क्षेत्रों में समूह ‘डी’ पदों पर कई लोगों को नियुक्त किया गया था। बदले में इनमें से कई लोगों ने अपनी जमीन लालू परिवार के सदस्यों और एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड को ट्रांसफर कर दी।

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