अब मणिपुर हिंसा में खालिस्तानी एंगल, कुकीज़ को करोड़ों की फंडिंग

कुकी नेता ने आतंकी पन्नू के साथ मीटिंग की:कनाडा में मुलाकात हुई, फिर खालिस्तानी आतंकियों ने मणिपुर में करोड़ों की फंडिंग की
ये फुटेज उस वीडियो का है जो NIA को मिली है। इसमें कनाडा के सरे में खालिस्तानियों को संबोधित करते हुए कूकी लीडर लीन गंग्ते।
मणिपुर में फिर से शुरू हुई हिंसा के पीछे खालिस्तानी आतंकियों का भी हाथ है। खुफिया एजेंसियों को सबूत मिले हैं कि कनाडा में खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या के बाद कुकी समुदाय के एक बड़े नेता ने आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू के साथ बैठक की। 3 घंटे चली इस बैठक के बाद खालिस्तानी नेटवर्क के ​जरिए करोड़ों रुपए हवाला से मणिपुर पहुंचाए गए।

भारतीय एजेंसियों को कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया स्थित सरे के एक गुरुद्वारे में आयोजित खालिस्तानी समर्थकों की सभा का वीडियो मिला है। इसमें कुकी अलगाववादी नेता लीन गंग्ते भी मौजूद है। गंग्ते नार्थ अमेरिकन मणिपुर ट्राइबल एसोसिएशन (एनएएमटीए) यानी नामटा का प्रमुख है। 2 मिनट 20 सेकंड के इस वीडियो में गंग्ते वहां मौजूद लोगों को संबोधित कर रहा है।
तस्वीर खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की है। (फाइल फोटो)
कनाडा से शरण मांग रहे कुकी नेता
गंग्ते ने कनाडा के गुरुद्वारे में आयोजित कार्यक्रम में भारत विरोधी भाषण में कहा- ‘जिस तरह से आप लोग खालिस्तान की मांग कर रहे है, उसी तरह हम भी अलग मणिपुर के लिए लड़ रहे हैं। मणिपुर में हमारे समुदाय के नेताओं को सरकार मिटा देना चाहती है, उन्हें कनाडा में राजनीतिक शरण दी जाए।

गंग्ते ने आगे कहा- हमारे समुदाय को भी कनाडा में सियासी तौर पर आगे बढ़ने का मौका मिले।’ इसके बाद गुरुनानक गुरुद्वारा समिति सरे की ओर से कुछ खालिस्तानी समर्थकों ने गंग्ते को आगे की रणनीति साथ मिलकर बनाने का भरोसा दिया।

कूकी नेता ने कहा- भारत में अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं
वीडियो में कूकी नेता मणिपुर मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुप रहने पर सवाल उठा रहा है। वो कहा रहा है- मोदी अमेरिका गए, फ्रांस गए, मिस्र गए पर मणिपुर मुद्दे पर कुछ नहीं कहा। कूकी नेता ने कहा कि भारत में अल्पसंख्यकों पर हमले हो रहे हैं। वो वहां सुरक्षित नहीं हैं।

मणिपुर में आतंकी कनेक्शन को लेकर पहली गिरफ्तारी
NIA (नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी) ने सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोप में मणिपुर में पहली गिरफ्तारी की है। NIA ने चूराचांदपुर से से इमीन्लुन गंग्ते को हिरासत में लिया है। गंग्ते पर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है। आरोप है कि आतंकी संगठन चिन-कुकी-मिजो लोगों के लिए अलग राज्य बनाने के लिए युद्ध छेड़ने की साजिश रच रहे हैं।

इंफाल पश्चिम जिले के मोइरांगखोम में बुधवार को भीड़ को कंट्रोल करने के लिए सुरक्षाबलों ने पैलेट गन चलाई, इस दौरान एक प्रदर्शनकारी छर्रे लगने से गंभीर रूप से घायल हो गया।
लापता स्टूडेंट्स की बॉडीज मिलने के बाद फिर भड़की हिंसा
मणिपुर में जुलाई से लापता दो मैतेई स्टूडेंट्स की डेड बॉडीज की तस्वीरें सामने आने के बाद हिंसा फिर भड़क गई है। बुधवार को राजधानी इंफाल समेत कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच हिंसक झड़प हुई।

प्रदर्शनकारियों में बड़ी संख्या में छात्र शामिल थे। इस हिंसा में 50 घायल हुए हैं जिनमें से ज्यादातर स्कूली छात्र हैं। हैरान करने वाली बात ये है कि जिन इलाकों में हिंसा भड़की है उन्हें मणिपुर सरकार ने ‘शांतिपूर्ण’ घोषित कर AFSPA से दूर रखा है।

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इंफाल पूर्व के लुवांगसांगबाम स्थित निजी घर पर गुरुवार रात उपद्रवी हमला करने पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उनको घर से करीब 500 मीटर पहले ही रोक लिया।

सुरक्षाकर्मियों ने स्टूडेंट्स पर लगाया एक्स्ट्रा फोर्स:मणिपुर CM बोले- जिम्मेदार गिरफ्तार होंगे

मणिपुर CM एन बीरेन सिंह ने शनिवार को कहा- दो स्टूडेंट्स की हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर ज्यादा फोर्स का इस्तेमाल किया गया, मैं इस घटना से हैरान हूं। मामले की जांच की जा रही है, जो लोग इसमें शामिल पाए जाएंगे उन पर कार्रवाई होगी।

उन्होंने कहा- गंभीर रूप से घायल हुए स्टूडेट्स पर पैलेट गन चलाने वाले सुरक्षाकर्मियों को गिरफ्तार किया जाएगा और कानूनी कार्रवाई होगी। राज्य के लोग इस वक्त एकजुट होकर रहें, शांति बनाए रखें और दुश्मनों से सामूहिक रूप से लड़ें।

सुप्रीम कोर्ट बोला-यहां से मणिपुर का शासन नहीं चलाना चाहते:राज्य सरकार को आदेश- UIDAI रिकॉर्ड से विस्थापितों के आधार कार्ड बनें

सुप्रीम कोर्ट में सोमवार 25 सितंबर को मणिपुर हिंसा से जुड़ी याचिकाओं के बैच पर सुनवाई हुई। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की बनाई गई 3 जजों की कमेटी ने 9वीं रिपोर्ट सौंपी। सुनवाई में CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने मणिपुर सरकार को निर्देश दिया कि जिन विस्थापितों के आधार कार्ड जल गए या खो गए हैं। उनके आधार कार्ड बनाए जाएं।

बेंच ने यह भी कहा कि इसके लिए UIDAI के रिकॉर्ड और बायो-मैट्रिक्स का डेटा इस्तेमाल करें ताकि सत्यापन के बाद मूल निवासियों को ही आधार कार्ड लागू हों। मामला अगले हफ्ते सुनवाई को लिस्ट किया गया है।

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