उत्तराखंड में पहले से मौजूद धर्म स्वातंत्र्य कानून को और सख्त करने की तैयारी

Love Jihad: उत्तराखंड में धर्म स्वतंत्रता कानून को और सख्त करने की तैयारी, यहां 2018 में बन चुका है लॉउत्तराखंड में धर्म स्वतंत्रता कानून को और सख्त करने की तैयारी।
देहरादून, 11 दिसंबर। Love Jihad उत्तराखंड में जानबूझकर विवाह या गुप्त एजेंडे के जरिये धर्म परिवर्तन के खिलाफ पहले से मौजूद कानून को राज्य की भाजपा सरकार और सख्त बना सकती है। कैबिनेट मंत्री और शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने यह बात कही है। हरिद्वार में शुक्रवार शाम अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी के लव जिहाद को सनातन परंपरा के खिलाफ बताया। साथ ही इसके खिलाफ सख्त से सख्त कानून बनाने की पैरवी के बाद उत्तराखंड में भी यह कानून धर्म स्वातंत्र्य कानून के नाम से पहले से मौजूद रहने की जानकारी सामने आई है।
महंत नरेंद्र गिरी के बयान के बाद कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक सामने आए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार वर्ष 2018 में उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता विधेयक पारित कर इसे कानून बना चुकी है। दरअसल लव जिहाद को लेकर देशभर में छिड़ी सियासी बहस के बीच उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की भाजपा सरकारों ने कानून बनाने की घोषणा की है ।
वहीं, प्रदेश की भाजपा सरकार दो साल पहले ही उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता अधिनियम के जरिये लव जिहाद पर शिकंजा कस चुकी है। कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि बलपूर्वक धर्म परिवर्तन का मामला पकड़ में आने पर कानून में सख्ती से निपटने का प्रविधान है। अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के मामले में न्यूनतम दो वर्ष की जेल व जुर्माने दोनों का प्रविधान है। धोखे से धर्म परिवर्तन कराने के मामले में मां-बाप, भाई-बहन पर मुकदमा दर्ज कराया जा सकेगा।
अगर धर्म परिवर्तन के उद्देश्य से विवाह किया गया तो धर्म परिवर्तन अमान्य होगा। धर्म परिवर्तन के लिए जिला मजिस्ट्रेट या कार्यपालक मजिस्ट्रेट के समक्ष एक माह पहले शपथ पत्र देना होगा। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो इस कानून को और सख्त किया जा सकता है।

संघप्रिय ने धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश को बताया बेहतर पहल


उत्तर प्रदेश सरकार ने लव जिहाद को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 को पास कर महिलाओं को एक मजबूत हथियार दिया है। अब उत्तर प्रदेश में कोई धमकी देकर या झांसा देकर धर्म परिवर्तन करने एवं शादी करने की घटनाओं को अंजाम नहीं दे पाएगा। यह बात भारतीय बौद्ध संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष भंते संघप्रिय राहुल ने गुरुवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता में कही।

भंते संघप्रिय ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के इस नए अध्यादेश के अनुसार जबरन या धोखे से धर्म परिवर्तन कराने पर 15000 रुपये जुर्माने के साथ ही पांच साल तक जेल की सजा का प्रावधान है। नाबालिग बालिकाओं या महिलाओं के साथ ऐसी घटना होने पर 25000 जुर्माने के साथ ही 10 साल तक जेल हो सकती है।
अगर कोई स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करना चाहेगा तो उसे जिलाधिकारी को दो महीने पूर्व निर्धारित प्रारूप पर सूचना देनी होगी और जिलाधिकारी की स्वीकृति के बाद ही वह धर्म परिवर्तन कर सकेगा। इस प्रक्रिया का उल्लंघन करने पर तीन साल तक की जेल एवं 10 हजार रुपये जुर्माना अदा करना पड़ेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से प्रदेश में भी लव जिहाद के खिलाफ अध्यादेश लाकर ऐसा प्रभावी कानून बनाने की मांग की।

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