देश के लिए मैट पर कुश्ती क्यों नहीं लड़ता अखाड़े का विराट कोहली जस्सा पट्टी?

 

कुश्ती का विराट कोहली – जस्सा पट्टी
By Pradeep Morya –

मिट्टी की कुश्ती आज भी जिंदा है। सालाना लाखों दंगल होते हैं। इसमें लाखों करोड़ों के इनाम दिए भी दिए जाते हैं। आज की इस मिट्टी की कुश्ती का स्टार है जस्सा पट्टी। जस्सा ने पहलवानी अपनी पिताजी को देखकर शुरू की थी जब वो 7 साल के थे दंगल देखने जाया करते थे और 12 साल की उम्र से दंगल लड़ना स्टार्ट किया ।

जस्सा पट्टी का पूरा नाम जसकंवर सिंह गिल है। नाम छोटा इसलिए करना पड़ा क्योंकि पंजाब के बाहर जसकंवर सिंह गिल बुलाने में अनाउंसर को बड़ी दिक्कत होती थी। इसलिए जसकंवर का जस्सा हो गया और पीछे गांव का नाम पट्टी लगा दिया।

“जब में दंगल लड़ने जाता था तो वहां जो एनाउंसर होता था उससे मेरे नाम लेने में दिक्कत होती थी इसलिए मेरे नाम वहां से शार्ट होकर जस्सा पट्टी पड़ गया। पट्टी साथ में इसलिए लगा क्यूंकि पट्टी मेरा गांव है” जस्सा ने रेसलिंग टीवी को बताया।

26 साल का ये पहलवान 12 साल की उम्र से पहलवानी कर रहा है और खुद बताता है कि वो अभी तक 1500 से ज़्यादा कुश्तियां लड़ चुका है। जीत के मामले में ये युवा पहलवान आज के दौर की कुश्ती का विराट कोहली है। किसी ने जस्सा के लिए शेर लिखा था जिसमे उन्होंने विराट कोहली की जीत के जज़्बे को उनकी कुश्ती में लगातार जीत से कम्पेयर किया था। तभी से लोग उन्हें कुश्ती का कोहली बोलते हैं। विरोधियों पर जीत हासिल करने के मामले में भी इस शानदार पहलवान का कोई सानी नहीं है। जस्सा खुद कहते है कि उनका 70 परसेंट कुश्ती जीतने का रिकॉर्ड है। धोबी पछाड़ से लेकर कुंडा पाणा (प्रतिद्वंदी को नीचे दबा लेना) जैसे दांवों में जस्सा पट्टी का कोई सानी नहीं है।

“मैं अभी तक करीब 1500 से ज्यादा कुश्ती लड चुका हूँ और 70 परसेंट कुश्ती जीती है। लोग काफी प्यार करते है मेरे कुश्ती को यह भगवान की दया है । लोग मुझे इतना प्यार देते हैं। मुझे लोग कुश्ती का विराट कोहली भी बुलाते है” जस्सा ।

जस्सा पहलवान दंगल के सभी बड़े टाइटल जीतकर अपने नाम कर चुके है। वो पंजाब केसरी,भारत केसरी और रुस्तम ए हिंद है । साथ ही उन्होंने दंगल में अब तक 98 बाइक्स जिसमे 32 बुलेट बाइक्स है 7 आल्टो कार, 4 ट्रेक्टर, 50 भैसे और बेहिसाब सोने की अंगूठियां, कड़े और चेन समेत हजारों किलो देसी घी के कनस्तर इनाम के तौर पर मिल चुके हैं

जस्सा ने बताया, “टोटल जो मेने अभी तक दंगल में प्राइज जीतें है उसमे मेरे पास 98 बाइक्स जिसमे 32 बुलेट बाइक्स है 7 आल्टो कार, 4 ट्रेक्टर, 50 भैसे और कैश प्राइस, गोल्ड भी शामिल है”।

कुश्ती देखने वालों में इतना क्रेज है कि जस्सा पट्टी की सोशल मीडिया पर तगड़ी फॉलोइंग है। फेसबुक पर फैन पेज बने हुए हैं। ऑफिशयल पेज पर 13 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। लड़के इस पहलवान के टैटू बनवा कर घूमते हैं। सिंगर इन पर गाने बना रहे हैं।

“2 -3 सांग्स मेरे नाम पर बन चुके है  जिसमे एक गाना पूरा मेरे पर ही था । एक भाई ने मेरे नाम का टैटू बनवाया है और लोगों ने मेरे नाम भी गुदवा रखा है ” पट्टी।

पंजाब की कुश्ती का नाम पहले बहुत हुआ करता था लेकिन अब पंजाब से कम रेसलर निकलते हैं लेकिन जस्सा मानते हैं कि  फिर से पंजाब की कुश्ती बाउंस बैक कर रही है ।

“पिछले 15 -20 सालो से पंजाब की कुश्ती डाउन चली गए थी लेकिन अब पंजाब की कुश्ती अच्छी चल रही है ।जो नए लड़के आए है निकल कर मैट और मिट्टी दोनों पर अच्छा कर रहे है । मिट्टी की कुश्ती में तो पंजाब शुरू से अच्छा रहा है” ।

जस्सा जब मिट्टी पर इतना अच्छा लड़ते है तो वो इंडिया के मैट पर क्यों नहीं खेलते? जस्सा ने बताया कि वो इंडिया के लिए टर्की के इस्तांबुल में कुश्ती का इंटरनेशनल इंवेट खेलने गए थे । पंजाब से दंगल के पहलवान जसकंवर गिल को मैट पर खेलने नहीं दिया गया। कारण ये आया कि 25 साल का ये पहलवान सिर पर पटका बांध कर कुश्ती लड़ता है। सिख होने के चलते सिर पर लंबे बाल हैं और उन्हें बांधकर वो कुश्ती लड़ता रहा है।

“रैफरी ने कहा कि पटका उतारना पड़ेगा, मैने बोला कि ये मेरे धर्म का मामला है । मै पटका नहीं उतार सकता। हुआ ये कि सामने वाले को वॉक ओवर दे दिया गया। और दूसरे पहलवान को विजेता घोषित कर दिया गया” जस्सा ने बताया ।

इंडिया के लिए खेलना मेरा सपना ही रह गया । मैं चाहता था कि देश के लिए ओलिंपिक मैं खेलू लेकिन टर्की वाले प्रकरण में मेरा किसी ने साथ नहीं दिया तो मेरा भी इंटरेस्ट कम हो गया।

“देश के लिए ओलिंपिक में खेलने के लिए सोचता तो हर एक प्लेयर है लेकिन टर्की वाले हादसे ने मेरा इंटरस्ट कम कर दिया । फेडरेशन की तरफ से या मिनिस्टरी की तरफ से कोई आश्वाशन नहीं दिया गया । इसलिए मेरा मन मैट की कुश्ती से हट गया ” जस्सा

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