दुनिया के सबसे बड़े 200 सदस्यीय परिवार के मुखिया जिओना चाना दिवंगत, भारत के मिजोरम में था उनका गांव

 

दुनिया के सबसे बड़े परिवार के मुखिया का निधन, करीब 200 सदस्यों के परिवार में 38 पत्नियाँ और 89 बच्चे
जिओना चाना मिजोरम
दुनिया के सबसे बड़े परिवार के मुखिया जिओना चाना का निधन

मिजोरम निवासी 38 पत्नियों और 89 बच्चों के साथ दुनिया के सबसे बड़े परिवार के रूप में विख्यात मुखिया जिओना चाना का 76 साल की उम्र में निधन हो गया है। उनके निधन की सूचना सीएम जोरमथांगा ने सोशल मीडिया पर दी। मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, “मिजोरम और बकटावंग तलंगनुम में उनका गाँव उनके परिवार के कारण राज्य में एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण बन गया था।”

Mizoram: Ziona Chana (76), believed to be the head of world’s largest family with 38 wives and 89 children, passes away, as per CM Zoramthanga

“Mizoram and his village at Baktawng Tlangnuam has become a major tourist attraction in the state because of the family,” the CM tweets pic.twitter.com/w94G16AKug

— ANI (@ANI) June 13, 2021
रिपोर्ट के अनुसार, पेशे से बढ़ई जिओना चाना का परिवार 100 कमरों वाले चार मंजिला मकान में रहता है। यह फैमिली जिस घर में रहती है, उसका नाम छौन थर रन (न्यू जेनरेशन होम) है। यह आत्मनिर्भर है। अधिकांश सदस्य किसी ना किसी व्यापार में लगे हुए हैं।

उनके परिवार में करीब 200 लोग हैं। जिओना चाना का परिवार 14 बहुओं और 33 पोते-पोतियों और एक नन्हा प्रपौत्र के साथ बड़े प्यार से रहते थे। इस परिवार के बारे में बताया जाता है कि चाना की सबसे बड़ी पत्नी घर के सभी सदस्यों के काम का बँटवारा करती हैं। वह सभी के काम पर नजर भी रखती हैं।

बता दें कि चाना का जन्म 21 जुलाई 1945 को हुआ था। वह चाना पावल नाम के समुदाय के प्रमुख थे। इसे उनके पिता ने स्थापित किया था। इस संप्रदाय में कई शादियों की परंपरा है। चाना की इतनी पत्नियों की यही वजह है। इस परिवार का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस परिवार को एक दिन के राशन में 45 किलो चावल, 25 किलो दाल, 20 किलो फल, 30 से 40 मुर्गे और 50 अंडों की जरूरत पड़ती है

मिजोरम में दुनिया का सबसे बड़ा परिवार रहता है, जिसके 181 सदस्य 100 कमरों के मकान में एक साथ रहते हैं. महंगाई के इस दौर में जब चार-पांच सदस्यों वाले परिवार का पालन पोषण करना एक बड़ी चुनौती हो सकती है, वहीं जिओना चाना अपनी 39 पत्नियों और अन्य सदस्यों के साथ खुशी से रहते हैं

39 पत्नियों से जिओना चाना के 94 बच्चे हैं. इनके साथ 14 बहुओं और 33 पोते-पोतियों और एक नन्हा प्रपौत्र के साथ वे बड़े प्यार से रहते हैं.

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बेटों के साथ बढ़ई का काम करने वाले जियोना का परिवार मिजोरम में खूबसूरत पहाडि़यों के बीच बटवंग गांव में एक बड़े से मकान में रहता है. मकान में कुल सौ कमरे है।

जियोना दुनिया के इस सबसे बड़े परिवार के मुखिया होने पर गौरवान्वित महसूस करते हैं. जिओना अपने परिवार को बड़े अनुशासन से चलाते है

जिओना के बड़े पुत्र नुनपरलियाना की पत्नी थेलेंजी बताती हैं कि परिवार में सब लोग बड़ी खुशी से रहते हैं और लड़ाई-झगड़े जैसी कोई बात नहीं है. खाना बनाने और घर के अन्य कामकाज भी सब मिलकर करते हैं.

 

परिवार की महिलाएं खेती करती हैं और घर चलाने में योगदान देती हैं. जिओना की सबसे बडी पत्नी मुखिया की भूमिका निभाती है और घर के सभी सदस्यों के कार्यों का बंटवारा करने के साथ ही कामकाज पर नजर भी रखती हैं.

एक आम परिवार में जितना राशन दो महीने चलता है, इस परिवार की भूख मिटाने के लिए हर दिन उतना राशन खर्च हो जाता है.

यहां एक दिन में 60 किलो सब्जियों की जरूरत होती है. इसके अलावा इस परिवार में लगभग 20 किलो फल की भी हर रोज खपत होती है।
परिवार में इतने सदस्यों के नाम, उनके जन्मदिन और उनके अन्य क्रियाकलाप पर नजर रखना कितना मुश्किल होता है, इस बारे में जिओना के सबसे बड़े पुत्र नुनपरलियाना बताते हैं कि परिवार में सभी सदस्यों के नाम याद रखना मुश्किल नहीं है.

नुनपरलियाना ने कहा कि लोग अपने ढेरों दोस्तों के नाम भी तो याद रखते हैं, हम उसी तरह अपने भाई बहनों और अपने तथा उनके बच्चों के नाम याद रखते हैं. हां, जन्मदिन याद रखने में दिक्कत होती है, लेकिन किसी न किसी को याद रह ही जाता है।

इलाके की सियासत में भी चाना परिवार का काफी महत्व है. एक साथ एक ही परिवार में इतने सारे वोट होने की वजह से तमाम नेता और इलाके की राजनीतिक पार्टियां जियोना चाना को तवज्जो देती हैं.
एक तरफ जहां देश में संयुक्त परिवार की परंपरा बदल रही है, एक ही छत के नीचे इतने बड़े परिवार का एक साथ रहना आश्चर्य के साथ साथ एक सुखद एहसास भी देता है.
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज इस परिवार के सदस्य अपने आप में पूरा गांव हैं. बात करें तो सुनने वालों की कमी नहीं, मैच खेलने जाएं तो देखने वालों की कमी नहीं और एक साथ बैठ जाएं तो अपने आप में मेला और त्योहार हो जाए।

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