सिंधु जल समझौता निलंबन: सैटेलाइट चित्र बता रहे कि शुरू हो चुका पाकिस्तान से खेल
सूखने लगा PAK का गला! सैटेलाइट तस्वीरों में देखें चिनाब-झेलम नदियों का कितना बदल गया हाल
पिछले एक महीने में सैटेलाइट तस्वीरों और पानी के डेटा से साफ है कि भारत ने चिनाब और झेलम नदियों पर पानी के बहाव को नियंत्रित करना शुरू कर दिया है. डैम से फ्लशिंग और रिजर्वायर भरने की वजह से पाकिस्तान में पानी का बहाव ऊपर-नीचे हो रहा है. यह पाकिस्तान की खेती और पानी की सप्लाई को प्रभावित कर सकता है.
ऊपर और नीचे की फोटो में पानी का फ्लो समझ में आ रहा है.
नई दिल्ली,23 मई 2025,। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने 65 साल पुरानी इंडस वाटर्स ट्रीटी (IWT) को निलंबित कर दिया था. अब एक महीने बाद, इसका पाकिस्तान पर क्या असर हुआ है, इसे समझने के लिए हमने नदी के पानी के बहाव और सैटेलाइट तस्वीरों का अध्ययन किया. पिछले एक महीने में भारत ने चिनाब और झेलम नदियों पर अपने डैम से पानी की निकासी (फ्लशिंग) को नियमित कर दिया है.
आइए आसान भाषा में समझते हैं कि इसका मतलब क्या है और पाकिस्तान पर इसका असर कैसे दिख रहा है…
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Indus Waters Treaty halt
डैम में पानी भरना और निकालना: क्या हो रहा है?
इंडिया टुडे की ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस (OSINT) टीम ने पाया कि भारत के चिनाब और झेलम नदियों पर बने डैम में एक खास पैटर्न देखा गया है. पहले डैम को पूरी तरह से पानी से भरा जा रहा है, फिर अचानक सारा पानी निकाल दिया जाता है ताकि उसमें जमा गाद (सिल्ट) साफ हो सके. इससे डैम की पानी स्टोर करने की क्षमता बढ़ती है और बिजली बनाने वाली टर्बाइनों को भी फायदा होता है.
सैटेलाइट तस्वीरों और पानी के बहाव के डेटा से पता चला कि चिनाब नदी पर भारत का आखिरी डैम, बगलिहार डैम और पाकिस्तान का पहला डैम, मराला डैम, इस बदलाव को दिखा रहे हैं. मराला डैम पर पानी का बहाव (आउटफ्लो) इस तरह बदला…
Indus Waters Treaty halt
जब संधि रद्द हुई, तब बहाव 14,800 क्यूसेक (पानी की मात्रा प्रति सेकंड) था.
2 मई को यह घटकर 8,087 क्यूसेक हो गया.
3 मई को अचानक बढ़कर 55,148 क्यूसेक हो गया.
6 मई तक यह फिर से बहुत कम होकर 3,761 क्यूसेक रह गया.
9 मई को यह 18,331 क्यूसेक तक पहुंचा, फिर 16 मई को 3,470 क्यूसेक तक गिर गया. 20 मई को 20,648 क्यूसेक तक बढ़ गया.
सैटेलाइट तस्वीरों में बगलिहार डैम पर 1 मई को फ्लशिंग दिखी. पानी के साथ गाद निकलने से नदी का रंग बदल गया. इसके बाद 10 दिन तक डैम के गेट बंद रहे. फिर 11 मई को अचानक पानी छोड़ा गया. अगले हफ्ते भी ऐसा ही हुआ.
Indus Waters Treaty halt
झेलम नदी पर क्या दिखा?
झेलम नदी पर पाकिस्तान के मंगला डैम में पानी का स्तर बहुत ज्यादा नहीं बदला, लेकिन कुछ समय के लिए पानी का बहाव बढ़ा हुआ दिखा. यह भारत के ऊपरी डैम से फ्लशिंग की वजह से हो सकता है. यूरोपियन स्पेस एजेंसी की सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला कि झेलम की सहायक नदी पर बने किशनगंगा डैम के गेट 29 अप्रैल को पूरी तरह खुले थे. अगले हफ्ते तक सिर्फ एक गेट खुला रहा, और 21 मई को यह पूरी तरह बंद कर दिया गया. किशनगंगा एक रन-ऑफ-द-रिवर प्रोजेक्ट है, जिसका मतलब है कि यह ज्यादा पानी स्टोर नहीं कर सकता. इसका रिजर्वायर सिर्फ 18.8 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी रख सकता है.
Indus Waters Treaty halt
इंडस नदी पर कोई बदलाव नहीं
इंडस नदी पर अभी कोई बड़ा बदलाव नहीं दिखा, क्योंकि भारत के पास इस नदी पर कोई बड़ा स्टोरेज डैम नहीं है.
पाकिस्तान को क्या नुकसान?
पहले, जब IWT लागू था, तब पाकिस्तान इस फ्लशिंग का विरोध करता था. फ्लशिंग से पानी के साथ गाद नीचे जाती है, जो पाकिस्तान की नहरों को ब्लॉक कर सकती है. वहीं, जब डैम के गेट बंद करके रिजर्वायर भरा जाता है, तो कुछ समय के लिए पाकिस्तान में पानी का बहाव कम हो जाता है. इससे उसकी खेती और पानी की सप्लाई पर असर पड़ सकता है.
Indus Waters Treaty halt
भारत की लंबी योजना
भारत अब इन नदियों का ज्यादा से ज्यादा पानी इस्तेमाल करने की योजना बना रहा है. इसके लिए चार नए पावर प्लांट बनाने का प्रस्ताव है, जिनके रिजर्वायर से पानी का उपयोग बढ़ेगा। इसके अलावा…
झेलम नदी पर तुलबुल नेविगेशन प्रोजेक्ट को फिर से शुरू करने की बात है.
वुलर झील और झेलम नदी को बाढ़ नियंत्रण के लिए बेहतर बनाया जाएगा.
जम्मू क्षेत्र में रणबीर और प्रताप नहरों का बेहतर इस्तेमाल होगा.
लिफ्ट इरिगेशन प्रोजेक्ट्स से पानी का उपयोग बढ़ेगा.
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान ने भारत को चिट्ठी लिखकर कहा है कि वह IWT को फिर से शुरू करने के लिए बातचीत करना चाहता है. लेकिन भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने साफ कहा है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को पूरी तरह बंद नहीं करता, तब तक यह संधि रद्द ही रहेगी.
Pakistani Senator Tells Consequences Of India Suspending Indus Pact We Will Die Of Hunger Its A Water Bomb
‘हम भूखे मर जाएंगे..एक वाटर बम है’: सिंधु समझौता रुका तो तड़पने लगा शत्रु,पाकिस्तानी संसद में सीनेटर ने बताया परिमाण
पाकिस्तान के एक सीनेटर ने संसद में कहा है कि अगर सिंधु जल संधि निलंबित रहा तो देश भूखे मर जाएगा।
पाकिस्तान के सीनेटर सैयद अली जफर ने भारत के सिंधु जल संधि निलंबित करने के प्रभाव को बहुत ही चिंताजनक ढंग में समझाते हुए इसे एक ‘वाटर बम’ बताया है। सीनेटर जफर ने शहबाज शरीफ सरकार से इस ‘पानी के बम’ को निष्क्रिय करने का आग्रह किया है। भारत ने यह कदम जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल के आतंकी हमले के बाद उठाया था। सीनेटर जफर, जो विपक्षी दल पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी से हैं, ने सीनेट संबोधन में कहा कि पाकिस्तान के 10 में से 9 व्यक्ति सिंधु नदी प्रणाली के पानी पर निर्भर है। उन्होंने चेताया कि इस संकट का समाधान नहीं किया गया तो बड़ी संख्या में लोग भूखे मर सकते हैं।
‘हमारी 90% फसलें सिंधु प्रणाली के पानी पर निर्भर हैं’
पाकिस्तानी संसद में जफर ने कहा, ‘ इस जल संकट को अभी नहीं सुलझाया, तो हम भूखे मर सकते हैं। इसका कारण यह है कि सिंधु बेसिन हमारी जीवन रेखा है। हमारे पानी का तीन-चौथाई हिस्सा देश के बाहर से आता है। हर 10 में से 9 लोग इस बेसिन के आधार पर अपना जीवन जीते हैं।’ उन्होंने आगे कहा, ‘आंकड़ों के अनुसार, हमारी 90% फसलें इस पानी पर निर्भर हैं। हमारी सभी बिजली परियोजनाएं और बांध इसके पानी पर बने हैं। इसलिए हमें यह समझना होगा कि यह हमारे ऊपर लटकते पानी के बम जैसा है – हमें इसे निष्क्रिय करना होगा, इसे हल करना होगा।’ भाजपा नेता अमित मालवीय ने X पर पाकिस्तानी सीनेटर का भाषण शेयर किया है।
पहलगाम हमले के बाद भारत ने रोकी है सिंधु जल संधि
पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की जान गई थी। तब भारत ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश देने को कई कदम उठाए। इनमें सिंधु जल संधि (IWT) स्थगित करना भी शामिल था। भारत का कहना है कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद का समर्थन करता है। पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद सीमा पर तनाव बढ़ गया था। इसके बाद भारत और पाकिस्तान तत्काल संघर्ष विराम को सहमत हो गए। पाकिस्तान ने इसे बिना किसी शर्त स्वीकार कर लिया। लेकिन भारत ने अपने पड़ोसी देश के खिलाफ कई दंडात्मक उपाय जारी रखे हैं।
कुछ पाकिस्तानी क्षेत्रों में जलापूर्ति प्रभावित
सिंधु जल संधि में पाकिस्तान को तीन पश्चिमी नदियों – सिंधु, झेलम और चिनाब के पानी को नियंत्रित करने की अनुमति मिली हुई थी। वहीं, भारत को पूर्वी नदियों – रावी, सतलुज और ब्यास – तक पहुंच मिली हुई है। ये नदियां पाकिस्तान की सिंचाई और पीने के पानी की जरूरतों के लिए बहुत जरूरी हैं। ये देश के लगभग 80% पानी की आपूर्ति करती हैं। भारत ने विश्व बैंक समर्थित IWT को फिलहाल निलंबित ही किया है। इसका मतलब है कि पश्चिमी नदियों और उनकी सहायक नदियों से पानी का प्रवाह अब भारत की इच्छा का मोहताज हो गया है। हालांकि, प्राकृतिक चैनल अभी भी बह रहे हैं, लेकिन भारत के इस कदम से कुछ पाकिस्तानी इलाकों में भीषण गर्मी के बीच पीने के पानी की आपूर्ति प्रभावित हुई है।
पाकिस्तन ने संधि के निलंबन को ‘युद्ध का कार्य’ बताया है। वहीं, भारत ने कहा है कि IWT तब तक स्थगित रहेगी जब तक कि ‘पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद को विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से रोका नहीं जाता।’ मतलब, जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को जड़ से खत्म नहीं करता, तब तक यह संधि रुकी रहेगी। सीनेटर जफर की बातों से पता चलता है कि पाकिस्तान इस मुद्दे को लेकर कितना चिंतित है। उन्होंने सरकार से जल्द से जल्द इस मामले को सुलझाने की अपील की है। उनका कहना है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो पाकिस्तान में गंभीर जल संकट हो सकता है। इससे लोगों की जान भी जा सकती है।
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