उत्तराखंड कोरोना 14 सितंबर:नये केस 19, ठीक हुए 26, सक्रीय केस 285

Uttarakhand Coronavirus Update: तीन जिलों में शून्य, सात जिलों में एक-एक मामला; संक्रमण दर 0.10 फीसद
राज्य के तीन जिलों में कोरोना का कोई नया मामला नहीं आया है जबकि सात जिलों में एक-एक ही मरीज मिला है। इधर संक्रमितों की तुलना में कहीं ज्यादा मरीज अब स्वस्थ हो रहे हैं। मंगलवार को भी यह क्रम बरकरार रहा।

तीन जिलों में शून्य, सात जिलों में एक-एक मामला; संक्रमण दर 0.10 फीसद।

देहरादून 14 सितंबर। उत्तराखंड में कोरोना के मामलों में लगातार गिरावट आ रही है। राज्य के तीन जिलों में कोरोना का कोई नया मामला नहीं आया है, जबकि सात जिलों में एक-एक ही मरीज मिला है। इधर, संक्रमितों की तुलना में कहीं ज्यादा मरीज अब स्वस्थ हो रहे हैं। मंगलवार को भी यह क्रम बरकरार रहा। राज्य में 19 व्यक्तियों में कोरोना की पुष्टि हुई है, वहीं 26 मरीज स्वस्थ हुए हैं। राहत इस बात की है कि कोरोना संक्रमित किसी मरीज की मौत नहीं हुई है।

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, निजी व सरकारी लैब से 19 हजार 37 सैंपल की जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई, इनमें 19 हजार 18 सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आई है। देहरादून में सबसे अधिक आठ लोग संक्रमित मिले हैं। वहीं नैनीताल व पिथौरागढ़ में भी दो-दो मामले आए हैं। इसके अलावा अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, चंपावत, हरिद्वार, पौड़ी गढ़वाल व टिहरी गढ़वाल में भी एक-एक व्यक्ति की रिपोर्ट पाजिटिव आई है। ऊधमसिंह नगर, रुद्रप्रयाग व उत्तरकाशी में कोरोना का कोई नया मामला नहीं आया है।

अब तक प्रदेश में कोरोना के तीन लाख 43 हजार 261 मामले आए हैं। इनमें तीन लाख 29 हजार 521 (96 फीसद) स्वस्थ हो गए हैं। अभी राज्य में कोरोना के 285 सक्रिय मामले हैं। जबकि संक्रमण दर 0.10 फीसद है। कोरोना संक्रमित 7389 मरीजों की अब तक मौत हो चुकी है। सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 285 पहुंच गई है।

स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार, मंगलवार को 19018 सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। तीन जिलों रुद्रप्रयाग, ऊधमसिंह नगर और उत्तरकाशी में एक भी संक्रमित मरीज नहीं मिला है। वहीं, अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, चंपावत, हरिद्वार, पौड़ी और टिहरी में एक-एक, देहरादून में आठ, नैनीताल और पिथौरागढ़ में दो-दो संक्रमित मरीज मिले हैं।

प्रदेश में अब तक कोरोना के कुल संक्रमितों की संख्या 343261 हो गई है। इनमें से 329521 लोग ठीक हो चुके हैं। प्रदेश में कोरोना के चलते अब तक कुल 7389 लोगों की जान जा चुकी है। प्रदेश की रिकवरी दर 96 प्रतिशत और संक्रमण दर 0.10 प्रतिशत दर्ज की गई है।

21 वेंटिलेटर मिले, लेकिन सभी बंद पड़े

कोरोना की तीसरी लहर की तैयारी के नाम पर ऋषिकेश में सरकारी अस्पतालों को केवल चिकित्सा उपकरण थमाए जा रहे हैं। एसपीएस राजकीय अस्पताल को गंभीर कोविड मरीजों के इलाज के लिए 21 वेंटिलेटर मिले थे। लेकिन सभी वेंटिलेटर बंद पड़े है। वेंटिलेटर के संचालन के लिए अस्पताल के पास विशेषज्ञ और प्रशिक्षित स्टाफ ही नहीं है।

सरकार कोरोना की आशंकित तीसरी लहर से निपटने की पुख्ता तैयारी का दावा कर रही है। लेकिन सरकार की कोविड व्यवस्थाएं केवल अस्पतालों को चिकित्सा उपकरण उपलब्ध कराने तक सीमित है। एसपीएस राजकीय अस्पताल में गंभीर कोविड मरीजों के इलाज के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत 21 वेंटिलेटर मिले थे।

अस्पताल में सभी वेंटिलेटर स्थापति कर दिए गए थे। लेकिन दूसरी लहर के दौरान ये वेंटिलेटर अस्पताल में केवल शोपीस बन रहे। असल में वेंटिलेटर के संचालन के लिए एनेस्थेटिक, टेक्नीशियन और प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ की जरूरत होती है।

तीन शिफ्ट में वेंटिलेटर बेड के संचालन के लिए अस्पताल को दो एनेस्थेटिक, 10 टेक्नीशियन और आठ प्रशिक्षित स्टाफ नर्स की जरूरत है। लेकिन अस्पताल के पास एक भी एनेस्थेटिक, टेक्नीशियन या प्रशिक्षित स्टाफ नर्स नहीं है। ऐसे में अगर तीसरी लहर आती है सभी वेंटिलेटर एक बार फिर केवल कबाड़ साबित होंगे।

सीएमओ को पत्र लिख एनेस्थेटिक, टेक्नीशियन और प्रशिक्षित स्टाफ की मांग की गई है। विशेषज्ञ प्रशिक्षित स्टाफ मिलने के साथ वेंटिलेटर बेड की सुविधा शुरू कर दी जाएगी।
– डॉ. विजयेश भारद्वाज, सीएमएस, एसपीएस राजकीय अस्पताल

कैंपटी फॉल में मलबा भरने से मायूस हुए पर्यटक
टिहरी गढ़वाल क्षेत्र स्थित कैंपटी फॉल में सोमवार को भारी बारिश की वजह से काफी मलबा आ गया था। इससे मंगलवार को पहुंचे पर्यटकों को मायूस होना पड़ा। हालांकि फॉल के उथले पानी में नहाकर पर्यटकों ने लुत्फ उठाया। सोमवार को कैंपटी फॉल का रूप विकराल हो गया। पहाड़ से काफी मलबा भी आ गया था।

दिल्ली से आए पर्यटक प्रियांशु ने बताया कि कैंपटी फॉल बेहद खूबसूरत है। बारिश के कारण झील में पत्थर और मलबा आने से नहाने में परेशानी हुई। थानाध्यक्ष कैंपटी नवीन चंद्र जुराल ने बताया कि कुछ मलबा स्थानीय लोगों ने हटा दिया था। इससे पर्यटकों को नहाने के लिए कुछ जगह मिल गई। मौसम विभाग के अलर्ट के चलते कैंपटी फॉल के आसपास अतिरिक्त पुलिस लगाई गई है। लोगों को लगातार चेतावनी दी जा रही है।

फंगस से एक और मौत

प्रदेश में मंगलवार को फंगस (म्यूकर माइकोसिस) से पीडि़त एक मरीज की मौत हुई है। वह एम्स ऋषिकेश में भर्ती था। इसके अलावा एम्स से ही एक मरीज डिस्चार्ज भी हुआ है। राज्य में अब तक फंगस के 580 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 132 मरीजों की मौत हो चुकी है, जबकि 351 ठीक हुए हैं।

70 हजार से अधिक का टीकाकरण

कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान भी तेज गति से चल रहा है। प्रदेश में 1108 केंद्रों पर 70 हजार 408 व्यक्तियों को कोरोनारोधी टीका लगाया गया। हरिद्वार में सबसे अधिक 17610 व्यक्तियों को टीका लगा। इसके अलावा देहरादून में 14168, उधमसिंह नगर में 13325, नैनीताल में 6605, पौड़ी में 3613, अल्मोड़ा में 2756, पिथौरागढ़ में 2725, टिहरी में 2254, उत्तरकाशी में 1946. चमोली में 1575 रुद्रप्रयाग में 1500, चंपावत में 1181 व बागेश्वर में 1150 व्यक्तियों को टीका लगाया गया है। इस तरह राज्य में अब तक 70 लाख 69 हजार 91 व्यक्तियों को वैक्सीन की पहली खुराक लग चुकी है। जबकि 24 लाख 33 हजार 671 का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है। 18 से 44 आयु वर्ग के भी 41 लाख 64 हजार 196 व्यक्तियों को वैक्सीन की पहली और छह लाख 25 हजार 540 को दोनों खुराक लग चुकी हैं।

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