उप्र: एमएलसी चुनाव में 11 में से छह सीटें भाजपा को, शिक्षक सीटों पर शर्मा गुट बेदम

Uttar Pradesh में हुए एमएलसी चुनाव में शर्मा गुट की हार, भाजपा की तूती बोली
ओमप्रकाश शर्मा की हार से माध्यमिक शिक्षक संघ की राजनीति में एक युग का अंत हो गया है. शर्मा गुट की हार ने शिक्षक राजनीति की दिशा बदल दी है. पहली बार मैदान में उतरी बीजेपी ने जीत का दमखम दिखा दिया है.

उत्तर प्रदेश विधान परिषद के चुनाव में पहली बार उतरी भाजपा को वोटरों ने पसंद किया.

लखनऊ. उत्तर प्रदेश की विधान परिषद (UP Legislative Council) की 11 सीटों पर हुए चुनाव के नतीजे आ चुके हैं. शिक्षक चुनाव में शर्मा गुट का वर्चस्व खत्म हो चुका. योगी सरकार पर विश्वास और सुनील बंसल की बिसात ने दिखाया इस चुनाव में कमाल
उत्तर प्रदेश MLC चुनाव: BJP ने 11 में से छह सीटों पर जमाया कब्‍जा, जानें किसका कितना है संख्‍या बल
उत्तर प्रदेश विधान परिषद (Uttar Pradesh Legislative Council) की खंड शिक्षक और खंड स्‍नातक क्षेत्र की 11 में से छह सीटें भाजपा (BJP) के खाते में गई हैं. इसके अलावा तीन पर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और दो बार निर्दलियों ने कब्‍जा जमाया है.

उत्तर प्रदेश MLC चुनाव: BJP ने 11 में से छह सीटों पर जमाया कब्‍जा, जानें किसका कितना है संख्‍या बल
आगरा खंड स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के मानवेंद्र सिंह ‘गुरु जी’ ने जीत हासिल की है.

लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधान परिषद (Uttar Pradesh Legislative Council) के लखनऊ खंड स्‍नातक क्षेत्र का रविवार को चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद सभी 11 सीटों की तस्‍वीर साफ हो गई है जिसमें सत्तारूढ़ भाजपा को छह सीटें मिली हैं. खंड शिक्षक और खंड स्‍नातक क्षेत्र की छह सीटें भाजपा (BJP) के खाते में गई हैं. जबकि तीन सीटों पर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और दो सीटों पर निर्दलियों ने कब्‍जा जमाया है. आपको बता दें कि चुनाव परिणाम शुक्रवार देर रात से आने शुरू हुए और रविवार शाम तक मतगणना संपन्‍न हुई है. यही नहीं, खंड स्नातक कोटे से पांच निर्वाचन क्षेत्रों में संपन्न हुए चुनावों में सपा ने दो और तीन सीटों पर भाजपा को जीत मिली है.
निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि लखनऊ खंड स्‍नातक क्षेत्र से भाजपा के अवनीश कुमार सिंह चुनाव जीत गये हैं. इसके पहले शनिवार को आगरा खंड स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के ही मानवेंद्र सिंह ‘गुरु जी’ और मेरठ स्नातक क्षेत्र से भाजपा के दिनेश गोयल ने जीत हासिल की. आगरा में भाजपा के लिए काफी कड़ी चुनौती रही, क्‍योंकि यहां सपा के असीम यादव खासे दमदार उम्‍मीदवार थे. वाराणसी खंड स्नातक क्षेत्र से सपा के आशुतोष सिन्हा और झांसी-इलाहाबाद खंड स्नातक क्षेत्र से सपा के मान सिंह यादव ने जीत दर्ज की. यही नहीं, वाराणसी और झांसी-इलाहाबाद खंड स्नातक क्षेत्र में सपा ने भाजपा के कब्ज़े वाली सीटें हासिल की हैं. जबकि आगरा खंड स्नातक क्षेत्र की सीट सपा को गंवानी पड़ी है. मेरठ स्नातक सीट पर पिछले चार बार से निर्दलीय (शिक्षक दल) हेम सिंह पुंडीर जीतते आ रहे थे जिनका वर्चस्व खत्म हो गया. लखनऊ खंड स्नातक सीट पर पिछली बार निर्दलीय कांति सिंह जीती थी.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने रविवार को बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के क्रम में सभी सीटों पर मतगणना पूरी हो गई और परिणाम घोषित कर दिये गये.उल्लेखनीय है कि शिक्षक कोटे की छह सीटों के परिणाम शुक्रवार को ही घोषित कर दिये गये थे,जिनमें तीन सीटें भाजपा,एक सपा और दो निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीती है.

भाजपा का दिखा दबदबा

लखनऊ खंड शिक्षक क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के उमेश द्विवेदी ने दोबारा जीत दर्ज की लेकिन पिछली बार वह निर्दलीय जीते थे. इसके अलावा मेरठ खंड शिक्षक क्षेत्र से भाजपा के ही श्रीशचंद्र शर्मा ने शिक्षक दल के नेता और करीब पांच दशक से लगातार चुनाव जीत रहे ओम प्रकाश शर्मा को हरा दिया. बरेली-मुरादाबाद खंड शिक्षक क्षेत्र से भाजपा के हरी सिंह ढिल्लों ने सपा के संजय कुमार मिश्र को हराकर जीत हासिल की. इसके अलावा वाराणसी खंड शिक्षक क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी लाल बिहारी यादव ने निर्दलीय चेत नारायण सिंह को चुनाव हराया. जबकि आगरा खंड शिक्षक क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार आकाश अग्रवाल ने निर्दलीय (शिक्षक दल) जगवीर किशोर जैन से यह सीट जीत ली. गोरखपुर फैजाबाद खंड शिक्षक क्षेत्र से निर्दलीय (शिक्षक दल) ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने अपनी सीट बरकरार रखी है.

199 उम्मीदवार थे मैदान में

विधान परिषद की 11 सीटों के लिए मंगलवार को मतदान संपन्न हुआ था, जो छह खंड शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र और पांच खंड स्नातक निर्वाचन क्षेत्र की सीटों के लिए कराया गया था. इस चुनाव में भाजपा, सपा, कांग्रेस, शिक्षक दलों के प्रत्याशी और निर्दलीय उम्मीदवार समेत कुल 199 उम्मीदवार थे. बहुजन समाज पार्टी इस चुनाव से बाहर थी.

गौरतलब है कि 100 सदस्यों वाली उत्तर प्रदेश विधान परिषद में इस समय सपा के 52, भाजपा के 19, बसपा के आठ, कांग्रेस के दो, अपना दल सोनेलाल के एक, शिक्षक दल के एक और तीन निर्दलीय सदस्य हैं. इसके अलावा कुल 14 सीटें खाली थीं जिनमें 11 सीटों पर मंगलवार को मतदान हुआ. 11 सीटों के परिणाम घोषित होने के बाद सपा के सदस्यों की संख्या 55 हो गई हैं. जबकि भाजपा के सदस्यों की संख्या बढ़कर 25 हो गई है, अभी भी तीन सीटों पर चुनाव होने बाकी हैं.

मेरठ शिक्षक सीट पर भाजपा के श्रीचंद शर्मा को 7187 वोट मिले. वहीं माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष और सिटिंग एमएलसी ओमप्रकाश शर्मा को 3003 वोट ही मिल सके. पहली वरीयता के आधार पर भाजपा के श्रीचंद शर्मा ने 4184 वोटों से बढ़त बना ली थी. द्वितीय वरीयता के मतों के आधार पर श्रीचंद शर्मा ने ओपी शर्मा को 4187 वोटों से हरा दिया.

एमएलसी चुनाव: ओम प्रकाश शर्मा की हार से शिक्षक संघों को बड़ा झटका

उत्तर प्रदेश की शिक्षक राजनीति के भीष्म पितामह माने जाने वाले ओम प्रकाश शर्मा ने पूरे पचास साल परचम लहराया। शिक्षक हितों के आंदोलन को लेकर वह माध्यमिक शिक्षक संघ (शर्मा गुट) के बैनर तले हर सरकार के लिए चुनौती भी बने रहे। शिक्षक संघ के अन्य गुटों ने शर्मा के वर्चस्व को चुनौती देने का प्रयास किया, लेकिन असफल रहे। इस बार भाजपा ने उनके वर्चस्व को तोड़ दिया, बल्कि आने वाले चुनावों में दूसरे शिक्षक संघों के लिए भी बड़ी चुनौती पेश कर दी है।
ओम प्रकाश शर्मा ने विधान परिषद का पहला चुनाव 1970 में जीता था। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। अंतिम चुनाव उन्होंने 2014 में जीता था। शर्मा की लोकप्रियता 90 के दशक में इतनी थी कि सुबह आठ बजे मतगणना शुरू हुई और साढ़े 10 बजे तक उन्हें प्रथम वरीयता के 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिल गए थे।
प्रबंध समिति की राजनीति का खामियाजा भाजपा की जीत का सबसे बड़ा तथ्य उसके द्वारा शिक्षकों के वोट बनवाए जाने हैं। वहीं यह बात भी चर्चा में है कि शर्मा शिक्षकों की कम बल्कि प्रबंध समिति की राजनीति ज्यादा करने लगे थे। वित्त विहीन कॉलेज के शिक्षकों के लिए भी उन्होंने कोई सार्थक प्रयास नहीं किया, उल्टे शिक्षक-अभिभावक संघ का विरोध किया। जानकारों के मुताबिक जिस तरह भाजपा ने इस चुनाव में जीत हासिल की है, उससे भविष्य की पटकथा भी साफ नजर आ रही है।

👉उत्तराधिकारी की घोषणा कर पलट गए

इस बार शर्मा ने लगभग 80 साल की उम्र में नौवां चुनाव लड़ा। आठ बार लगातार जीतने और अपने गुट से स्नातक सीट पर भी प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित कराने वाले शर्मा उत्तराधिकारी तैयार नहीं कर पाए। 1990 का चुनाव जीतने के बाद शर्मा ने घोषणा की थी कि यह उनका अंतिम चुनाव है। हरिओम शर्मा उत्तराधिकारी होंगे। बावजूद इसके अगले चुनाव में वह खुद उतर आए। नतीजतन, हरिओम ने दूरी बना ली। यही नहीं, नरेंद्र करुण ने उनसे बगावत कर चुनाव भी लड़ा। नित्यानंद शर्मा भी उनसे दूर हो गए। तीनों की ही 1990 के दशक में शर्मा का उत्तराधिकारी माना जाता था।

लखनऊ शिक्षक सीट से भाजपा प्रत्याशी उमेश द्विवेदी ने 3247 वोटों से जीत दर्ज की. चंदेल गुट के निर्दलीय प्रत्याशी महेंद्रनाथ राय दूसरे नंबर पर रहे. मुरादाबाद-बरेली खंड में 7,960 वोट के बड़े अंतर से भाजपा के डॉक्टर हरी सिंह ढिल्लो ने चुनाव जीता.

गोरखपुर में शर्मा गुट तीसरी बार जीता

गोरखपुर –फैजाबाद शिक्षक सीट पर शर्मा गुट के ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने जीत दर्ज की. भाजपा ने इस सीट पर प्रत्याशी नहीं उतारा था. चंदेल गुट के अजय सिंह को 1935 वोट से शर्मा गुट के ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने मात दी

वाराणसी में समाजवादी पार्टी ने दिखाया दमखम

वाराणसी सीट पर भाजपा ने अपना प्रत्याशी उतारने के बजाय चेतनारायण सिंह का समर्थन किया था, जिनके लिए पार्टी नेताओं ने वोट भी मांगे थे. इसके बावजूद तेजनारायण सिंह को सपा के लाल बिहारी यादव ने मात देकर अपना कब्जा जमाया है.

भाजपा की जीत पर प्रवक्ताओं ने हर्ष जताया

भाजपा प्रवक्ता हीरो वाजपेयी कहते हैं कि शिक्षक नेता ओमप्रकाश शर्मा का पिछले 48 साल से मेरठ सीट पर दबदबा था. ओमप्रकाश शर्मा की हार से माध्यमिक शिक्षक संघ की राजनीति में एक युग का अंत हो गया है. शर्मा गुट की हार ने शिक्षक राजनीति की दिशा बदल दी है. पहली बार मैदान में उतरी बीजेपी ने जीत का दमखम दिखा दिया है, वहीं भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक कहते हैं कि 48 साल से जमे शर्मा गुट को पटखनी देना भाजपा की रणनीति का हिस्सा है. शिक्षकों ने योगी सरकार पर विश्वास जताया है. उन्होंने कहा कि महामंत्री संगठन सुनील बंसल की चुनावी बिसात और योगी सरकार के काम ने ये नतीजे दिए हैं.

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश शर्मा ,MLC के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी श्रीचन्द शर्मा से 4830 वोटो से हारे।इस से पूर्व श्री ओम प्रकाश शर्मा विगत 40 वर्षों से लगातार उत्तर प्रदेश विधानपरिषद में MLC थे।

उत्तर प्रदेश में विधान परिषद की 11 खाली सीटों के लिए मतदान हुआ था। इनमें खंड शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र की लखनऊ, आगरा, मेरठ, वाराणसी, बरेली-मुरादाबाद और गोरखपुर-फैजाबाद सीट शामिल है। वहीं खंड स्नातक निर्वाचन क्षेत्र की लखनऊ, आगरा, मेरठ, वाराणसी और इलाहाबाद-झांसी सीट रिक्त हुई थी।

महत्त्वपूर्ण
विधान परिषद के शिक्षक और स्नातक निर्वाचन की 11 सीटों के लिए चुनाव
यूपी विधान परिषद में कुल 100 सीटें, सदन में बीजेपी अभी बहुमत में नहीं है
परिषद में समाजवादी पार्टी के 52 सदस्य, बीजेपी के पास 19 का संख्याबल
6 साल एमएलसी का कार्यकाल, विधान परिषद को उच्च सदन माना जाता है

विधान परिषद की मेरठ खंड शिक्षक सीट से भाजपा के श्रीचंद शर्मा 4830 वोटों से विजयी। श्रीचंद शर्मा ने माध्यमिक शिक्षा परिषद के ओम प्रकाश शर्मा को हराया है। श्रीचंद शर्मा 7186 वोट लेकर सबसे आगे रहे। ओम प्रकाश शर्मा को 2954 और तीसरे पर उमेश त्यागी को 1962 वोट मिले। पिछले 40 सालों से एमएलसी थे ओम प्रकाश शर्मा।

भाजपा के लिए थी प्रतिष्ठा की लड़ाई

भाजपा के लिए नतीजे काफी महत्वपूर्ण हैं। पार्टी विधान परिषद में संख्या बल बढ़ाना चाहती है। 100 सदस्यों के सदन में अभी भाजपा के 19 प्रतिनिधि ही हैं, जबकि समाजवादी पार्टी के पास 52 का संख्याबल है। स्नातक निर्वाचन में भाजपा ने लखनऊ से अवनीश सिंह पटेल, वाराणसी से केदारनाथ सिंह, आगरा से मानवेंद्र सिंह, मेरठ से दिनेश गोयल और इलाहाबाद-झांसी से डॉक्टर यज्ञदत्त शर्मा को उतारा । दूसरी और शिक्षक निर्वाचन में पार्टी ने लखनऊ से उमेश द्विवेदी, आगरा से दिनेश वशिष्ठ, मेरठ से शिरीष चंद्र शर्मा और बरेली-मुरादाबाद से हरि सिंह ढिल्लो को उतारा । इसके साथ ही वाराणसी सीट पर चेतनारायण सिंह और गोरखपुर-फैजाबाद सीट पर अजय सिंह को भाजपा का समर्थन था। समाजवादी पार्टी ने सभी 11 सीटों पर उम्मीदवार उतारे। इससे पहले के चुनावों में ओम प्रकाश शर्मा के नेतृत्व वाले उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ की तूती बोलती रही है।

लखनऊ खंड स्नातक क्षेत्र से कांति सिंह, वाराणसी खंड स्नातक से केदार नाथ सिंह, आगरा खंड स्नातक से डॉक्टर असीम यादव, मेरठ खंड स्नातक से हेम सिंह पुंडीर, इलाहाबाद-झांसी खंड स्नातक से डॉक्टर यज्ञदत्त शर्मा और लखनऊ खंड शिक्षक निर्वाचन से उमेश द्विवेदी, वाराणसी खंड शिक्षक से चेत नारायण सिंह, आगरा खंड शिक्षक से जगवीर किशोर जैन, मेरठ खंड शिक्षक से ओमप्रकाश शर्मा, बरेली-मुरादाबाद शिक्षक खंड से संजय कुमार मिश्र और गोरखपुर-फैज़ाबाद खंड शिक्षक से निर्वाचित विधान परिषद सदस्य ध्रुव कुमार त्रिपाठी का कार्यकाल छह मई, 2020 को पूरा हो चुका है। कोरोना संक्रमण की वजह से यह चुनाव निर्धारित समय पर नहीं हो सका था।
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *