यूएनओ के मानव विकास सूचकांक में भारत 131वें स्थान पर

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संयुक्त राष्ट्र के मानव विकास सूचकांक में भारत का 131वें नंबर पर, समझिए इसके मायने
संयुक्त राष्ट्र के मानव विकास सूचकांक में भारत को 131वां स्थान मिला है। बता दें कि मानव विकास सूचकांक किसी देश में स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन के स्तर को मापता है। यूएनडीपी के रेजिडेंट प्रतिनिधि शोको नोडा ने संवाददाताओं से कहा कि भारत की रैंकिंग में गिरावट का यह अर्थ नहीं कि “भारत ने अच्छा नहीं किया, बल्कि इसका अर्थ है कि अन्य देशों ने बेहतर किया।”

हाइलाइट्स:
संयुक्त राष्ट्र के मानव विकास सूचकांक में भारत को 131वां स्थान मिला है
मानव विकास सूचकांक किसी देश में स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन के स्तर को मापता है
रैंकिंग में गिरावट का यह अर्थ नहीं कि भारत ने अच्छा नहीं किया, बल्कि इसका अर्थ है कि अन्य देशों ने बेहतर किया।
वर्ष 2019 में भारतीयों की जीवन प्रत्याशा 69.7 साल थी
नई दिल्ली16 दिसंबर। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की ओर से जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2020 में 189 देशों में मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) की सूची में भारत को 131वां स्थान प्राप्त हुआ। मानव विकास सूचकांक किसी राष्ट्र में स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन के स्तर का मापन है। मानव विकास रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2019 में भारतीयों की जीवन प्रत्याशा 69.7 साल थी। बांग्लादेश में यह 72.6 साल और पाकिस्तान में 67.3 साल थी।
रिपोर्ट के अनुसार सूचकांक में भूटान 129वें स्थान पर, बांग्लादेश 133वें स्थान पर, नेपाल 142वें स्थान पर और पाकिस्तान 154वें स्थान पर रहा। सूचकांक में नॉर्वे सबसे ऊपर रहा और उसके बाद आयरलैंड, स्विट्जरलैंड, हांगकांग और आइसलैंड का स्थान रहा। यूएनडीपी के रेजिडेंट प्रतिनिधि शोको नोडा ने संवाददाताओं से कहा कि भारत की रैंकिंग में गिरावट का यह अर्थ नहीं कि “भारत ने अच्छा नहीं किया, बल्कि इसका अर्थ है कि अन्य देशों ने बेहतर किया।
नोडा ने कहा कि भारत दूसरे देशों की मदद कर सकता है। उन्होंने भारत द्वारा कार्बन उत्सर्जन कम करने के प्रयासों की भी सराहना की। यूएनडीपी की ओर से मंगलवार को जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार क्रय शक्ति समता (पीपीपी) के आधार पर 2018 में भारत की प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय 6,829 अमेरिकी डॉलर थी जो 2019 में गिरकर 6,681 डॉलर हो गई।

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