रामजन्म भूमि मंदिर गर्भगृह की मूर्ति का निर्णय करेंगें आचार्य गणेश्वर द्रविड़ और काशी के विद्वान

Uttar Pradesh Ayodhya Ramlala Three Idols Will Be Installed In Ram Temple Acharya Ganeshwar Dravid Will Take Final Decision
राम मंदिर में ही स्थापित होंगी रामलला की तीनों मूर्तियां, आचार्य गणेश्वर द्रविड़ करेंगें गर्भगृह की मूर्ति पर आखिरी फैसला
रामलला के पांच वर्षीय बाल स्वरूप की तीनों मूर्तियों पर फैसला नहीं हो पाया है। हालांकि, यह निर्णय लिया गया है कि रामलला की तीनों मूर्तियों को राम मंदिर में ही स्थापित किया जाएगा। कौन सी मूर्ति कहां स्थापित होगी, इसका फैसला आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ करेंगे। उनके साथ लगने वाली प्राण प्रतिष्ठा समारोह के आचार्यों की टीम गर्भगृह में स्थापित होने वाली मूर्ति पर फैसला लेगी।
मुख्य बिंदु
मंदिर के गर्भगृह की मूर्ति पर काशी के विद्वान लेंगे आखिरी निर्णय
आचार्य द्रविड़ और काशी के विद्वान बताएंगे तीनों मूर्ति कहां लगेगी
भव्‍य राम मंदिर में ही रामलला की तीनों नवनिर्मित प्रतिमाएं लगेंगी
तीनों मूर्तिकारों की कला को माना गया परफेक्ट,एक का चयन मुश्किल

अयोध्या दो जनवरी 2024: भव्‍य राम मंदिर में रामलला की तराशी गई तीनों मूर्तियों को स्‍थापित किया जाएगा । इसमें से कौन मूर्ति गर्भ गृह में स्‍थापित होगी,कौन पहले तल के राम दरबार में और कौन दूसरे तल के भवन में,इसका निर्णय दक्षिण मूल के काशी के आचार्य गणेश्‍वर द्रविड़ और प्राण प्रतिष्‍ठा के विद्वान आचार्य करेंगें। मंदिर ट्रस्‍ट की हाल ही संपन्‍न बैठक में गर्भगृह में कौन सी मूर्ति स्थापित हो इस पर सदस्‍यों ने अपनी अलग-अलग राय दी जिसके बाद तय किया गया कि देश के तीनों जाने-माने मूर्तिकारों की 7 महीने के कड़े परिश्रम से बनाई गई मूर्तियां बेहद मोहक,लुभावनी और चित्ताकर्षक हैं। ऐसे में तीनों को भव्‍य राम मंदिर में ही स्‍थापित किया जाए, इसकी सहमति बनी है।
मंदिर ट्रस्‍ट तीनों में से एक के चयन के विवाद में नही पड़ना चाहता इस लिए जिस विद्वान आचार्य ने मंदिर की प्राण प्रतिष्‍ठा का मुहूर्त निकाला है, उन्‍हीं को भव्‍य मंदिर में तीनों के स्‍थान चयन की जिम्‍मेदारी सौंप दी गई है।
यह जानकारी मंदिर ट्रस्‍ट के ट्रस्‍टी एवं विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय उपाध्‍यक्ष कामेश्‍वर चौपाल ने दी है। रामलला की तीनों मूर्तियां नवनिर्मित मंदिर में ही स्‍थापित होंगी। एक मूर्ति गर्भगृह में स्थापित होगी। दूसरी पहले तल पर राम दरबार में लगेगी। तीसरी मूर्ति द्वितीय तल पर स्थापित होगी। कौन सी मूर्ति कहां स्थापित होगी, इसका फैसला काशी के आचार्य गणेश्‍वर द्रविड़ और प्राण- प्रतिष्‍ठा के विद्वान आचार्य करेंगें।

मूर्ति पर नहीं बन पाई एक राय

मंदिर ट्रस्‍ट की हाल में हुई बैठक में गर्भगृह में स्थापित होने वाली मूर्ति पर एकराय नहीं बन सकी। इसके बाद तय किया गया कि तीनों मूर्तियां मंदिर में ही स्‍थापित होगी। यह जानकारी मंदिर ट्रस्‍ट के ट्रस्‍टी व विहिप के केंद्रीय उपाध्‍यक्ष कामेश्‍वर चौपाल ने दी है। कामेश्वर चौपाल ने बताया कि विशेषज्ञों की जांच में सामने आया है कि श्याम वर्ण का पत्थर संगमरमर से ज्यादा मजबूत है। ऐसे में पूरी संभावना है कि गर्भगृह में श्याम वर्ण की प्रतिमा ही स्थापित होगी। दो मूर्तियां श्याम वर्ण की हैं। एक को कर्नाटक के जाने-माने मूर्तिकार गणेश भट्ट तो दूसरी को दक्षिण के मूर्तिकार अरुण योगिराज ने तराशा है।

तीसरी मूर्ति जयपुर के संगमरमर की है। इसे नामी मूर्तिकार सत्‍य नारायण पांडे की टीम ने तैयार किया है। तीनों मूर्तियों के लिए वस्‍त्र,जेवर और मुकुट निर्माण हो रहा है। रामलला को गर्भगृह में जिस आसन पर विराजमान करवाना है,वह भी तैयार है। कामेश्वर ने बताया कि अस्थायी मंदिर में स्थापित सभी मूर्तियों को गर्भगृह में स्‍थानांतरित किया जाएगा।

अब तीन की जगह 5 बार आरती

मंदिर ट्रस्‍ट अब राम लला की पूजा को और विस्‍तार दे रहा है। इसमें दर्शन की अवधि बढ़ाने से लेकर आरती में वृद्धि होगी। अभी राम लला की केवल तीन आरती होतीं हैं। सुबह, दोपहर और शाम। अब आरती की संख्‍या बढ़ा कर पांच की जाएगी। इसमें मंगला आरती और शयन आरती बढ़ जाएगी। पूजा पद्धति में और क्‍या जोड़ा जाएगा? इसका निर्णय मंदिर ट्रस्‍ट की उच्चाधिकार प्राप्त धार्मिक समिति करेगी।

पांच लाख गांवों में बंटेगा अक्षत

देशभर के 5 लाख गांवों में पूजित अक्षत,साथ में राम मंदिर की जानकारी के पत्र और मंदिर के मॉडल का चित्र वितरण एक जनवरी से शुरू हो गया है। संघ परिवार के करीब दो दर्जन संगठन घर-घर अक्षत पहुंचाकर लोगों को रामलला के दर्शन को आमंत्रित कर रहे हैं। साथ ही यह भी अनुरोध किया जाएगा कि वे 22 जनवरी को अयोध्या न आकर उस दिन अपने घर-परिवार में ही आनंद उत्सव मनाएं। 15 जनवरी तक चलने वाले इस अभियान में 11 करोड़ परिवारों तक अक्षत पहुंचाने का लक्ष्‍य है।

मंदिर उड़ाने की धमकी, FIR

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ,एसटीएफ चीफ अमिताभ यश और भारतीय किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेंद्र तिवारी को एक व्यक्ति ने जान से मारने की धमकी दी है। साथ ही अयोध्या में राम मंदिर को भी बम से उड़ाने की बात कही है। यूपी-112 की ओर से सुशांत गोल्फ सिटी में एफआईआर अंकन के साथ ही जांच एसटीएफ को सौंप दी गई है। भारतीय किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजे ई-मेल में किसी जुबैर हुसैन ने खुद को आईएसआई का सदस्य बता अभद्र टिप्पणियों के साथ धमकी दी हैं।

जानिए कौन हैं गणेश्‍वर शास्‍त्री द्रव‍िड, जिन्‍होंने रामलला के प्राण प्रतिष्‍ठा का शुभ मुहूर्त निकाला

Who Is Ganeshwar Shastri Dravid : अयोध्‍या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्‍ठा को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्‍ठा होनी है. काशी के सबसे बड़े ज्योतिषार्य गणेश्‍वर शास्‍त्री द्रव‍िड ने रामलला की प्राण प्रतिष्‍ठा के लिए शुभ मुहूर्त निकाला है.

रामलला के प्राण प्रतिष्‍ठा का शुभ मुहूर्त

काशी के ज्‍योतिषाचार्य गणेश्‍वर शास्‍त्री द्रव‍िड के अनुसार, 22 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से लेकर 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड तक शुभ मुहूर्त है. 84 सेकंड का समय ही विशेष है.गणेश्‍वर शास्‍त्री द्रविड ने ही रामलला भूमि पूजन का शुभ मुहूर्त निकाला था.

यह सम्‍मान भी मिल चुका

इसके अलावा उन्‍होंने काशी विश्‍वनाथ धाम के लोकार्पण के समय भी शुभ मुहूर्त निकाला था.आचार्य गणेश्‍वर शास्‍त्री द्रविड़ जगद्गुरु रामानंदाचार्य पुरस्‍कार से भी सम्‍मानित हैं. गणेश्‍वर शास्‍त्री दक्षिण भारत से काशी आए थे.अभी वह काशी के रामघाट इलाके में गंगा किनारे रहते हैं.गणेश्‍वर शास्‍त्री के साथ उनके भाई पंडित विश्‍वेश्‍वर शास्‍त्री भी रहते हैं.वह भी प्रकांड विद्वान हैं.

उनके बड़ा ज्‍योतिषाचार्य नहीं

कहा जाता है कि गणेश्‍वर शास्‍त्री से बड़ा देश में कोई ऐसा ज्‍योतिषाचार्य नहीं है जो ग्रह,नक्षत्र,चौघड़‍ियां जानता हो. गणेश्‍वर शास्‍त्री बड़े-बड़े मुहूर्तों के धर्मसंकट से निकालने में भी दक्ष है.गणेश्‍वर शास्‍त्री यहां बच्‍चों को आचार्य और कर्मकांड शिक्षा भी करवाते हैं.

17-22 जनवरी तक क्या-क्या होगा?

रामलला के प्राण प्रतिष्‍ठा समारोह 17 जनवरी से शुरू हो जाएगा.17 जनवरी को रामलला की अचल मूर्ति भव्य शोभा यात्रा के बाद रामजन्म भूमि परिसर में स्थापित होगी. 18 जनवरी से पूजन-अर्चन अनुष्ठान प्रक्रिया शुरू होगी. 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा से अनुष्ठान पूर्णाहुति होगी. 22 जनवरी को मृगशिरा नक्षत्र में दिन 12:20 के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी. 12:30 बजे प्रधानमंत्री मोदी रामलला की पहली आरती उतारेंगें.

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