ज्ञानवापी के हाईकोर्ट के सर्वे आदेश को चुनौती सुनेगा सुप्रीम कोर्ट

‘इलाहाबाद हाई कोर्ट का आदेश आ गया है, उन्हें सर्वे करने से रोकें’: सुप्रीम कोर्ट से मुस्लिम पक्ष, CJI ने कहा- जल्द करेंगे विचार
ज्ञानवापी पर मुस्लिम पक्ष ने फिर खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गुरुवार (3 अगस्त, 2023) को वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में ASI को अपना सर्वे जारी रखने का आदेश दिया। इसके खिलाफ मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुँच गया है। हिंदू पक्ष ने भी शीर्ष अदालत में कैविएट याचिका दायर की है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इलाहबाद हाई कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर में ASI सर्वे पर लगी रोक हटा दी। हाई कोर्ट के इस फैसले को चुनौती देने के लिए अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमिटी सुप्रीम कोर्ट पहुँच गई। मस्जिद कमिटी के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में ASI को सर्वे करने की अनुमति न देने की माँग की है।

वकील निजाम पाशा ने इस मामले का उल्लेख अनुच्छेद 370 पर सुनवाई कर रही संविधान पीठ के सामने किया। उन्होंने कहा, “इलाहाबाद हाई कोर्ट का आदेश आज सुबह आया है। उन्हें सर्वेक्षण नहीं करने दें। मैंने आदेश ईमेल कर दिया है।” इसके जवाब में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने उन्हें जल्द ईमेल देखने का आश्वासन दिया।

मुस्लिम पक्ष के अब तक के रुख को देखते हुए हिंदू पक्ष की ओर से पहले ही एक कैविएट याचिका दाखिल कर दी गई थी। गुरुवार (3 अगस्त, 2023) को दाखिल इस याचिका में हिंदू पक्ष ने आग्रह किया है कि यदि मुस्लिम पक्ष ASI को सर्वे करने की अनुमति देने वाले हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दायर करता है तो उनका पक्ष सुने बिना किसी प्रकार का आदेश पारित न किया जाए। ज्ञात हो कि कोई भी याचिकाकर्ता कैविएट अर्जी यह सुनिश्चित करने के लिए दाखिल करता है कि उसका पक्ष सुने बिना सुने उसके खिलाफ कोई भी प्रतिकूल आदेश पारित न किया जाए।

बता दें कि ज्ञानवापी परिसर को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट कोर्ट ने गुरुवार (3 अगस्त, 2023) को दिए अपने फैसले में ASI सर्वे को जारी रखने को कहा। ज्ञानवापी सर्वेक्षण मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा, “इलाहाबाद HC ने कहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का एएसआई सर्वेक्षण फिर से शुरू होगा। सत्र अदालत के आदेश को हाईकोर्ट ने बरकरार रखा है।”

वाराणसी की जिला अदालत ने पिछले महीने एएसआई को वज़ुखाना को छोड़कर मस्जिद का सर्वेक्षण करने की मंजूरी दी थी। इसमें एक संरचना है, जिसके बारे में दावा किया गया है कि यह शिवलिंग है। सर्वेक्षण का उद्देश्य यह पता लगाना है कि क्या ढाँचा काशी विश्वनाथ मंदिर को तोड़कर बनाई गई है या नहीं। HC से फैसला आने के बाद सर्वे का काम आज गुरुवार से ही शुरू हो सकता है।

बता दें कि मस्जिद कमेटी की ओर से जिला कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने केस संबंधित हाईकोर्ट में ले जाने का आदेश दिया था। वहीं, अब हाईकोर्ट ने अपने फैसले में मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी है।

इससे पहले मुस्लिम पक्ष की अपील के बाद ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। दरअसल, वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कुमार विश्वेश ने 21 जुलाई को ज्ञानवापी परिसर के सर्वे का आदेश दिया था। जिला कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट ने बरकरार रखा है। इस प्रकार ज्ञानवापी परिसर के एएसआई पर लगी रोक भी हट गई है।

डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के फैसले के बाद एएसआई की टीम ने 24 जुलाई 2023 को सर्वे का काम शुरू किया था। सर्वे शुरू होते ही मस्जिद कमेटी सुप्रीम कोर्ट पहुँच गया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने एएसआई सर्वे पर 26 जुलाई शाम 5 बजे तक रोक लगाते हुए हाईकोर्ट जाने के लिए कहा था। इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई कर 27 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
TOPICS:Gyanvapi Supreme Court Varanasi ज्ञानवापी विवादित ढाँचा वाराणसी सुप्रीम कोर्ट

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