हरियाणा की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा सचेत छह भारतीय निकले पाकिस्तान के गुप्तचर
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Spy Ring: इन्फ्लुएंसर से छात्र, व्यापारी से गार्ड तक; भारत में कैसे PAK के लिए जारी थी जासूसी, क्या था तरीका?
अब तक कितने कथित जासूसों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है? इन्हें कहां से गिरफ्तार किया गया है? इनका भारतीयों को बहकाने का ‘मोडस ऑपरेंडाई’ यानी तरीका क्या था? पुलिस ने इन्हें कैसे और कब-कब गिरफ्तार किया?
भारत की तरफ से पाकिस्तान में आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाए जाने के बाद अब अधिकारी देश में छिपे पाकिस्तान परस्तों को पकड़ने में जुटे हैं। भारत की अलग-अलग एजेंसियों और पुलिस ने अब तक कम से कम 10 लोगों को पाकिस्तान के लिए कथित तौर पर जासूसी करने के आरोपों में गिरफ्तार किया है। पहलगाम आतंकी हमलों के मद्देनजर देश में अहम स्थलों की जानकारी लीक होने के बाद एजेंसियों ने यह अभियान चलाया है।
गौरतलब है कि अब तक इन मामलों में जो 10 लोग गिरफ्तार हुए हैं, उनमें से पांच हरियाणा से हैं। वहीं, चार लोग पंजाब से गिरफ्तार किए गए हैं। इस कथित जासूसी नेटवर्क से जुड़े एक शख्स को उत्तर प्रदेश से भी गिरफ्तार किया गया है। बता दें कि इस पूरे मामले की कलई हरियाणा से इन्फ्लुएंसर ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी से खुलनी शुरू हुई। हिसार पुलिस ने ज्योति की गिरफ्तारी के बाद खुलासा किया था कि देश के इन्फ्लुएंसर चंद फायदों के लिए युवाओं को बहकाने का प्रयास कर रहे हैं।
ऐसे में यह जानना अहम है कि आखिर अब तक कितने कथित जासूसों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है? इन्हें कहां से गिरफ्तार किया गया है? इनका भारतीयों को बहकाने का ‘मोडस ऑपरेंडाई’ यानी तरीका क्या था? पुलिस ने इन्हें कैसे और कब-कब गिरफ्तार किया? आइये जानते हैं…
कौन-कौन कथित जासूस हुए गिरफ्तार?
1. ज्योति मल्होत्रा
कौन?
ज्योति मल्होत्रा खुद को एक ट्रैवल व्लॉगर बताती है। उसका एक यूट्यूब चैनल- ‘ट्रैवल विद जेओ’ है। ज्योति हरियाणा के हिसार की रहने वाली है और उस पर जासूसी और पाकिस्तान को संवेदनशील जानकारी देने का आरोप लगे हैं। महिला यूट्यूबर के खिलाफ हरियाणा के हिसार में ही मुकदमा दर्ज हुआ है।
जासूसी के जाल में कैसे फंसी?
ज्योति मल्होत्रा ने 22 अक्टूबर 2018 को अपना पासपोर्ट बनवाया था। करीब तीन साल पहले उसने अपना यूट्यूब चैनल बनाया। शुरुआत में वीडियोज पर व्यूज ज्यादा नहीं आते थे। ट्रैवल व्लॉगिंग के दौरान ही उसका संपर्क दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग के कर्मी अहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश से हुआ और जासूसी के जाल में फंस गई।
दानिश ने ज्योति को भारत में जासूसी के लिए तैयार करना शुरू किया। आईबी के इनपुट के अनुसार, ज्योति दो बार दिल्ली से सिख जत्थे बंदी के साथ व एक बार अकेली करतारपुर साहिब गुरुद्वारा दर्शन करने पाकिस्तान जा चुकी है।
पाकिस्तान में दानिश के कहने पर ज्योति उसके जानकार अली अहवान से मिली। अली अहवान ने ज्योति के ठहरने व घूमने का प्रबंध करने के साथ उसकी मुलाकात पाकिस्तानी इंटेलीजेंस के अधिकारियों से कराई। ज्योति ने पुलिस को बताया कि दानिश के कहने पर वह पाकिस्तानी इंटेलीजेंस ऑपरेटिव (पीआईओ) के शाकिर उर्फ राणा शाहबाज से मिली और उसका मोबाइल नंबर भी लिया।
एजेंसियों ने कैसे दबोचा?
ज्योति हाई प्रोफाइल पार्टियों में बड़े लोगों से जान पहचान बनाने का प्रयास करती थी। ज्योति ने अपने चैनल के माध्यम से पाकिस्तान की सकारात्मक छवि दिखाने वाले वीडियो बनाए। इसके लिए ‘इंडियन गर्ल इन पाकिस्तान’ के थंबनेल को सबसे ज्यादा प्रयोग किया। इन्हीं में से एक वीडियो पर 12 मिलियन से ज्यादा व्यूज हैं।
इतना ही नहीं ज्योति के चैनल पर एक वीडियो और था, जिसमें वह दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में आयोजित इफ्तार पार्टी में दानिश और उनकी पत्नी के साथ मुलाकात कर रही है। वीडियो में ज्योति आयोजन की भव्यता की तारीफ करती हुई दिखाई दे रही है। साथ ही बार-बार पाकिस्तान की यात्रा करने और वीजा प्राप्त करने की इच्छा भी जताती है।
इसी दानिश को पहलगाम हमले के बाद 13 मई 2025 को भारत सरकार ने गलत गतिविधियों के लिए पर्सोना नॉन ग्राटा (अवांछित) घोषित किया और 24 घंटे में देश छोड़ने का आदेश दिया था। ज्योति ने इस पार्टी में चीन के अधिकारियों से भी मुलाकात की थी। इस पार्टी के बाद से ही ज्योति एजेंसियों की रडार पर थी। यहां से सामने आया कि ज्योति पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव (पीआईओ) से जुड़े कुछ लोगों के संपर्क में थी।
2. नोमान इलाही
कौन?
जांच एजेंसियों ने जासूसी नेटवर्क से जुड़े एक व्यक्ति नोमान इलाही को भी गिरफ्तार किया है, जो कि हरियाणा में एक सिक्योरिटी गार्ड के तौर पर काम करता था। वह मुख्यतः उत्तर प्रदेश के कैराना का रहने वाला है। पुलिस ने उसे 13 मई को पानीपत से पकड़ा।
जासूसी के जाल में कैसे फंसा?
नोमान ने पुलिस के सामने कबूला है कि वह आठ साल पहले अवैध रूप से पाकिस्तान पहुंचा था। यहां उसने कुछ लोगों से मुलाकात की थी। पुलिस को शक है कि वह जासूसी का प्रशिक्षण लेने पाकिस्तान गया था।
बताया जाता है कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पुलिस ने पंजाब के मलेरकोटला से दो लोगों को गिरफ्तार किया। इनकी निशानदेही के आधार पर पुलिस ने अपनी जांच तेज की। पुलिस को इस दौरान उन खातों की जानकारी मिली, जिनमें पाकिस्तान से पैसे आ रहे थे। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस को पानीपत और कैराना के 12 खातों की जानकारी मिली, जिनमें सीधे पाकिस्तान से पैसे नहीं आ रहे थे, बल्कि इन्हें डायवर्ट कर के भेजा गया था। इसके बाद सभी खाताधारकों को जांच के दायरे में लाया गया। यहीं से पुलिस को नोमान का कनेक्शन मिला।
पुलिस ने इसके बाद नोमान के घर पर छापेमारी की। उसके घर से पुलिस को छह पासपोर्ट मिले। इनमें तीन पासपोर्ट उसके और उसके परिवारवालों के थे। तीन और अन्य लोगों के थे। नोमान के पासपोर्ट की वैधता 2010 में ही खत्म हो गई थी और इसका रिन्युअल नहीं कराया गया। हालांकि, जब नोमान से सख्ती से पूछताछ की गई तो सामने आया कि वह 2017 में पाकिस्तान गया था। यह यात्रा अवैध तौर पर की गई। इसके बाद पुलिस को शक है कि वह पाकिस्तान में आईएसआई के एजेंट्स से मिला था।
3. अरमान
कौन?
16 मई को हरियाणा के नूंह से 23 वर्षीय अरमान की गिरफ्तारी हुई। बताया गया है कि वह नगीना के रजाका का रहने वाला है।
एजेंसियों ने कैसे दबोचा?
पुलिस को सूचना मिली थी कि एक युवक व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया माध्यमों से दुश्मन देश को सूचनाएं भेज रहा है। इस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लिया। जब उसका मोबाइल फोन खंगाला गया, तो उसमें पाकिस्तान के नंबरों से हुई बातचीत, चैट्स, फोटो और वीडियो मिले।
आरोपी के मोबाइल से भारत के डिफेंस एक्सपो 2025 की तस्वीरें भी मिलीं, जो उसने पाकिस्तानी एजेंटों को भेजी थीं। जांच में सामने आया कि अरमान अपने मोबाइल में पाकिस्तान के 92 सीरीज वाले नंबरों के साथ व्हाट्सएप पर लगातार संपर्क में था। मोबाइल में दो सिम कार्ड और दो आईएमईआई नंबर चिन्हित हुए हैं। इसके अलावा एक मोबाइल नंबर से भी वह जासूसी करने की गतिविधि को अंजाम दे रहा था।
4. देविंदर सिंह ढिल्लों
जासूसी के आरोप में गिरफ्तार देवेंद्र सिंह ढिल्लों पंजाब के पटियाला जिले में पंजाब विश्वविद्यालय से एमए राजनीति शास्त्र की पढ़ाई कर रहा है। इसने विश्वविद्यालय के नजदीक ही अपना कमरा ले रखा था। उसका गांव हरियाणा के कैथल स्थित मस्तगढ़ में है। आरोपी के घर में चार सदस्य है। उसकी एक छोटी बहन है, वह भी 12वीं में पढ़ाई कर रही है। उसके पिता की गांव में ही खेती हैं। जबकि उसकी मां एक गृहिणी हैं। अभी तक की जांच में सामने आया है कि मध्यमवर्गीय परिवार के इस युवक के खिलाफ सोशल मीडिया पर हथियार के साथ पोस्ट डालने से पहले कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है।
जासूसी के जाल में कैसे फंसा?
देवेंद्र की दोस्ती फेसबुक पर एक पाकिस्तानी युवती से हुई। इस लड़की ने उसे हनी ट्रैप में फंसा लिया। देवेंद्र 2024 की नवंबर में ही सिख श्रद्धालुओं के जत्थे के साथ करतारपुर कॉरिडर से पाकिस्तान गया था। इस दौरान वह करतारपुर साहिब, ननकाना साहिब, लाहौर में कई धार्मिक स्थलों पर गया। वहीं पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के एजेंट के संपर्क में आया।
एजेंसियों ने कैसे दबोचा?
पुलिस की गुप्तचर यूनिट के हेड कांस्टेबल कुलदीप सिंह ने शिकायत दी थी कि 11 मई को उसे सूचना मिली कि मस्तगढ़ निवासी देवेंद्र सिंह ढिल्लों ने अपनी फेसबुक आईडी पर बंदूकों के साथ फोटो अपलोड की है। जांच में पता चला कि देवेंद्र के पास कोई लाइसेंसी हथियार नहीं है। उसने उसके गांव के मालक सिंह के हथियारों के साथ सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर फोटो अपलोड करके वायरल की और भय का माहौल बनाया।
बाद में पुलिस ने जब उसके मामले की जांच के लिए गांव में दबिश दी तो आरोपी को इसकी भनक लग गई। इसके चलते उसने अपने सभी डिजिटल डिवाइस से डाटा डिलीट कर दिया। पुलिस ने उसके मोबाइल फोन व अन्य डिवाइस अपने कब्जे में ले लिए हैं। पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट अब डाटा रिकवर करने में जुटी है। पुलिस की जांच में सामने आया कि देवेंद्र पांच से अधिक पाकिस्तानी एजेंटों के संपर्क में था।
5. मोहम्मद तारीफ
कौन?
हरियाणा के नूंह स्थित तावडू उपमंडल के गांव कांगरका का रहने वाला। पिता का नाम हनीफ बताया गया।
जासूसी के जाल में कैसे फंसा?
अभी यह साफ नहीं है कि मोहम्मद तारीफ पाकिस्तानियों के जाल में कैसे फंसा। हालांकि, पुलिस की जांच में सामने आया है कि वह रुपये के लालच में कुछ समय से दिल्ली स्थित पाकिस्तानी दूतावास के एक कर्मचारी को अहम खुफिया जानकारी दे रहा था।हरियाणा पुलिस सूत्रों के अनुसार, गुप्त सूचना मिली थी कि तारीफ निवासी लंबे समय से सेना और उसकी तैयारियों से जुड़ी संवेदनशील जानकारी दुश्मन देश पाकिस्तान में भेज रहा है। इस सूचना के बाद चंडीगढ़ विशेष पुलिस बल और केंद्रीय जांच एजेंसी ने तावडू सीआईए और सदर थाना पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में उसे गांव बावला राधा स्वामी सत्संग के समीप से रविवार देर शाम हिरासत में लिया गया। हिरासत में लेने से पहले पुलिस टीम को सामने देख तारीफ ने अपने मोबाइल में कुछ चैट डिलीट करने का भी प्रयास किया था।
जांच में सामने आया कि उसके मोबाइल में पाकिस्तानी व्हाट्सएप नंबर थे। साथ ही कुछ डाटा भी डिलीट पाया गया। उसके मोबाइल फोन की जांच में पाकिस्तानी नंबरों से चैट, फोटो, वीडियो और सैन्य गतिविधियों की तस्वीरें मिलीं, जो उसने पाकिस्तान के किसी नंबर पर भेजी थी। वह दो अलग अलग सिम कार्ड के जरिए पाकिस्तानी नंबरों से लगातार संपर्क में था। पूछताछ करने पर खुलासा हुआ कि पाकिस्तान उच्चायोग दिल्ली में स्थित कर्मचारी आसिफ बलोच को भारत देश की सैन्य गतिविधियां और खुफिया सूचनाओं को भेजता था।
6. गजाला खातून और 7. यामीन मोहम्मद
6 व 7 मई की रात भारतीय सशस्त्र सेनाओं द्वारा ऑपरेशन सिंदूर चलाया गया था। 8 मई को सबसे पहले पंजाब के मलेरकोटला पुलिस ने इनपुट के आधार पर दो जासूस गजाला और यामीन मोहम्मद को गिरफ्तार किया था, जो दिल्ली पाकिस्तान हाई कमीशन में काम करने वाले दानिश के संपर्क में थे। यहीं से जासूसों की गिरफ्तारी तेज हुई।
गजाला दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में तैनात अफसर के संपर्क में आने के बाद पाकिस्तान भी गई थी। इसके पास से इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य और बैंक बैलेंस का ट्रांसजेक्शन रिकॉर्ड भी पुलिस को मिला है।
8. मोहम्मद रकीब
कौन?
बठिंडा कैट इलाके से गिरफ्तार हुआ मोहम्मद रकीब मूलतः उत्तराखंड के रुड़की का रहने वाला बताया जाता है। डोसनी गांव निवासी रकीब के परिवार की तीन पीढ़ियां सैन्यकर्मियों की वर्दी और कपड़ों की सिलाई के काम से जुड़ी हैं। रकीब के दादा असगर ने वर्षों पहले बठिंडा में सैन्य वर्दी सिलाई का काम शुरू किया था। इसके बाद उसके पिता इकबाल ने उनका काम संभाला। इकबाल के पांचों बेटों रईस, नासिर, आकिल, नाजिम और रकीब ने भी अपने दादाइलाही काम को अपनाते हुए उनसे सिलाई का हुनर सीखकर इसी पेशे को अपनाया।
एजेंसियों ने कैसे दबोचा?
पुलिस ने थाना कैंट में दर्ज की गई एफआईआर में बताया गया कि सैन्य छावनी में टेलर का काम करने वाले रकीब से पाकिस्तानी इंटेलिजेंस ऑपरेटिव नंबर और सेना के संदिगध कागजात बरामद किए गए हैं। जो आरोपी से मोबाइल में मिले हैं। मोबाइल में पाकिस्तान से जुड़े कुछ नंबर भी मिले हैं। आरोपी से मोटो कंपनी का ई13 मोबाइल, एयरटेल का सिम कार्ड और नोकिया कंपनी का फोन बरामद किया गया है। उससे पुलिस की पूछताछ जारी है।
सूत्र बताते हैं कि पकड़े गए आरोपी रकीब से एसएसपी समेत अन्य जांच एजेंसियों के अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं। ताकि पता लगाया जा सके कि उक्त आरोपित पाकिस्तानी की किस एजेंसी के साथ संपर्क में था और कैसे आया। वह कितने समय से उनके साथ संपर्क में था और अब तक वह कौन-कौन सी जानकारी उन्हें भेज चुका है।
9. मोहम्मद मुर्तजा अली
कौन?
जानकारी के अनुसार, मूलतः बिहार से आने वाला मोहम्मद मुर्तजा अली जालंधर के गांधी नगर में किराये के मकान में रहता था। बीते दिनों उसे जासूसी के बदल मोटी रकम प्राप्त हुई, जिससे उसने हाल ही में एक प्लॉट लिया था। इसी पर वह करीब डेढ़ करोड़ की लागत से वह कोठी भी बनवा रहा था।
एजेंसियों ने कैसे दबोचा?
गुजरात और जालंधर पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन में पाकिस्तानी जासूस मोहम्मद मुर्तजा अली को गिरफ्तार किया है। उसके पास से मोबाइल, सिम और 40 लाख के लेन-देन का रिकॉर्ड मिला। गुजरात पुलिस ने जालंधर कमिश्नरेट पुलिस की मदद से एक संयुक्त ऑपरेशन में पाकिस्तानी जासूस मोहम्मद मुर्तजा अली को भार्गव कैंप क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी से चार मोबाइल फोन और तीन सिम कार्ड बरामद किए हैं। पुलिस के अनुसार, बीते एक महीने में उसके बैंक खाते में करीब 40 लाख रुपये का लेन-देन हुआ है।
10. शहजाद
कौन?
शहजाद उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से दबोचा गया है। वह मूलतः रामपुर के टांडा का रहने वाला बताया गया है और कारोबारी है। वह भारत और पाकिस्तान के बीच कॉस्मेटिक्स, मसाले, कपड़े का अवैध लेन देन करता था।
जासूसी के जाल में कैसे फंसा?
पुलिस को शक है कि अवैध लेन-देन में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई उसकी मदद करती थी। बदले में वह भारत की गोपनीय जानकारियां साझा करता था। इसके बदले आईएसआई एजेंट उसे रुपये भी मुहैया करा रहे थे। वह कई लोगों को पाकिस्तान भिजवाने में भी मदद कर चुका था।
एजेंसियों ने कैसे दबोचा?
एटीएस के सूत्रों के मुताबिक, शहजाद पर लंबे समय से नजर रखी जा रही थी। उसके मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल खंगाली गई तो कई कॉल्स संदिग्ध लगीं। इसके बाद निगरानी और बढ़ा दी गई। इसके बाद जब आरोपी रविवार को मुरादाबाद पहुंचा तो पुलिस ने उसे दबोच लिया और लखनऊ ले गई।
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कैसे करते थे जासूसी?
ज्योति मल्होत्रा: ट्रैवल ब्लॉगर ज्योति पाकिस्तान के पक्ष में सोशल मीडिया पोस्ट्स करती थी और सकारात्मक छवि वाले कंटेंट दिखाती थी। वह पाकिस्तान जाने के बाद वॉट्सएप और स्नैपचैट के जरिए जासूसी जानकारी भेजने लगी।
नोमान इलाही: गार्ड के तौर पर काम कर रहा नोमान भारतीय सेना की गतिविधियों और ट्रेनों के आवागमन से जुड़ी संवेदनशील जानकारी पाकिस्तान भेजता था।
अरमान: आरोपी ने भारत में सैन्य गतिविधियों और डिफेंस तैयारियों से संबंधित कई महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की थीं, जिनमें फोटो, लोकेशन और संभावित कार्यक्रमों की जानकारी शामिल थी। यह जानकारी दुश्मन देश के लिए सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण हो सकती थी।
देविंदर सिंह ढिल्लों: हनी ट्रैप में फंसने के बाद आरोपी ने पटियाला सैन्य क्षेत्र की तस्वीरें अपने मोबाइल फोन से खींचकर आईएसआई एजेंटों को भेजी थीं।
मो. तारीफ: तारीफ व्हाट्सएप के जरिए भारतीय सैन्य गतिविधियों और डिफेंस तैयारियों से जुड़ी गोपनीय जानकारी दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में तैनात दो कर्मचारियों को उपलब्ध करा रहा था।
गजाला और यामीन मोहम्मद: गजाला उर्फ गजाला खातून भारतीय सेना के ट्रकों की आवाजाही, सेना के ठिकाने, और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों की जानकारी पाकिस्तान तक भेजती थी। इसका साथी यामीन मोहम्मद भी शामिल था।
मोहम्मद रकीब: बठिंडा में सैन्य छावनी में रहने के दौरान सैन्य सूचनाएं पाकिस्तान से जुड़े नंबरों पर भेजता था। उसके मोबाइल फोन से संदिग्ध सैन्य दस्तावेज भी बरामद हुए हैं।
मुर्तजा अली: अली भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के दौरान भारतीय न्यूज चैनलों की एक विशेष एप्लिकेशन बनाकर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को भारत की गोपनीय जानकारी मुहैया कराता था। इस एप्लिकेशन के जरिए वह भारतीय न्यूज चैनलों की सामग्री और देश के आंतरिक हालातों की खबरें पाकिस्तान भेज रहा था। इसके बदले में उसे पाकिस्तान से मोटी रकम मिलती थी।
शहजाद: भारत में वह आईएसआई के एजेंट्स को रकम पहुंचाता था। साथ ही उन्हें सिम भी मुहैया कराए। उस पर जासूसी की ट्रेनिंग दिलाने के लिए कुछ लोगों को पाकिस्तान भेजने का भी आरोप है। वह पाकिस्तान के कई हैंडलर्स के संपर्क में था और भारत से काफी सामान की तस्करी करता था।
एक ही उम्र वर्ग और एक-दूसरे से जुड़े हैं सभी जासूस
अभी तक हत्थे चढ़ने वाले सभी जासूसों की उम्र 30 से 35 से बीच है। इसके अतिरिक्त सभी जासूस एक दूसरे से जुड़ रहे हैं। इसका मुख्य कारण दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में तैनात अस्तान-अ-रहीम उर्फ दानिश है। इसी दानिश को जासूसी के आरोप में 13 मई को भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने देश छोड़ने के आदेश जारी किया था।
पाक की यात्रा करने की मंशा से हाई कमीशन जाने वाले युवाओं को दानिश ने जासूसी के दलदल पर धकेला और आईएसआई के इशारे पर युवाओं से सैन्य ठिकानों सहित अन्य स्थानों की तस्वीरें व जानकारी पाकिस्तान तक पहुंचाने लगा था।
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सूत्रों के मुताबिक जासूसों की करतूत सिर्फ सूचनाएं लीक करने तक सीमित नहीं मिली है, जबकि आईएसआई और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों के साथ गहरे ताल्लुक भी मिले हैं।
इन भारतीय युवाओं को पाकिस्तान ट्रैवलिंग, पैसे के लेनदेन, पाक खुफिया विभाग के सदस्यों से लगातार संपर्क, उनसे फोन पर बातचीत और चैट के अतिरिक्त मामूली इनकम होने के बावजूद जासूसों का लग्जरी लाइफ-स्टाइल राष्ट्र की सुरक्षा को खतरा ही नहीं बल्कि आईएसआई की भारत में गहरी पैठ उजागर करती है।
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हरियाणा की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने पाकिस्तान उच्चायोग के कर्मचारी एहसान उर रहीम उर्फ दानिश से मुलाकात की थी. इस दौरान वीडियो भी बनाया गया. कोर्ट ने उन्हें पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा है, मामले की जांच जारी है.
यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा
नई दिल्ली,17 मई 2025। पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में हरियाणा की एक यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को गिरफ्तार किया गया है. ज्योति मल्होत्रा को पाकिस्तान उच्चायोग के एक कर्मचारी से मुलाकात के मामले में शनिवार को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है.
जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान उच्चायोग के पाकिस्तानी कर्मचारी एहसान उर रहीम उर्फ दानिश ने ज्योति मल्होत्रा को डिनर पर बुलाया था. इस दौरान दोनों में बातचीत हुई और यूट्यूबर ने उसके साथ वीडियो भी रिकॉर्ड किया था. बाद में दानिश और उसके साथी अली एहसान ने ज्योति को पाकिस्तान के गुप्तचर अधिकारियों (PIOs) से मिलवाया.
ज्योति ने ‘जट्ट रंधावा’ नाम से सेव किए गए एक PIO शाकिर उर्फ राणा शाहबाज़ से व्हाट्सएप, टेलीग्राम और स्नैपचैट जैसे एन्क्रिप्टेड ऐप्स पर बातचीत की. ज्योति पर भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 152 और ऑफिसियल सीक्रेट्स एक्ट 1923 की धाराएं 3, 4 और 5 में मुकदमा लिखा गया है. उनकी लिखित स्वीकारोक्ति ली गई है और मामला हिसार की इकोनॉमिक ऑफेंसेज़ विंग को सौंपा गया है।
बताया जा रहा है कि एहसान उर रहीम उर्फ दानिश भारत में रहते हुए हिंदुस्तान के खिलाफ साजिश रच रहा था. सुरक्षात्मक एजेंसियां इस मुलाकात को गंभीर मानते हुए जांच में जुट गई हैं. कोर्ट में पेशी के बाद पुलिस को अब पांच दिन का समय मिला है ताकि वो ज्योति मल्होत्रा से इस मुलाकात और बातचीत की गहराई से पूछताछ कर सके.
यूट्यूब चैनल पर 3.77 लाख सब्सक्राइबर
ज्योति का यूट्यूब चैनल ‘Travel with Jo’ है, जिस पर उनके करीब 3.77 लाख सब्सक्राइबर हैं. वहीं, उनके इंस्टाग्राम अकाउंट ‘travelwithjo1’ पर भी 1.32 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं.
कई विदेशी जगहों की यात्रा की
ज्योति के सोशल मीडिया अकाउंट्स से पता चलता है कि उन्होंने भारत समेत कई विदेशी जगहों का दौरा किया, जिनमें इंडोनेशिया और चीन शामिल हैं. लेकिन एजेंसियों की नजर उनकी पाकिस्तान यात्रा पर टिकी है, जिसके वीडियो उन्होंने दो महीने पहले पोस्ट किए थे.
पाकिस्तान के अनारकली बाजार के वीडियो बनाए
इन वीडियोज में ज्योति को अटारी-वाघा बॉर्डर पार करते हुए, लाहौर के अनारकली बाजार में घूमते हुए, बस यात्रा करते हुए और पाकिस्तान के सबसे बड़े हिंदू मंदिर ‘कटासराज मंदिर’ का दौरा करते हुए देखा जा सकता है.
जांच एजेंसियों का मानना है कि ज्योति मल्होत्रा को विदेशी एजेंटों ने अपने प्रभावशाली सोशल मीडिया प्रोफाइल के कारण चुना और उनसे पाकिस्तान की छवि सकारात्मकच दिखाने वाले वीडियो बनवाए गए.
ज्योति मल्होत्रा को छह अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया है, जिन पर संवेदनशील जानकारी पाकिस्तानी एजेंटों से साझा करने का आरोप है. फिलहाल पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है.
यूट्यूबर का पाकिस्तान से संबंध
जांचकर्ताओं ने बताया कि कमीशन एजेंटों के माध्यम से वीजा प्राप्त करने के बाद मल्होत्रा ने 2023 में पाकिस्तान का दौरा किया था. अपनी यात्रा में, वह नई दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग (PHC) में अधिकारी एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश के संपर्क में आई।
जल्द ही, उनके बीच घनिष्ठ संबंध बन गए और एहसान ने उसे पाकिस्तान में गुप्तचर अधिकारियों से मिलवाया. इस महीने की शुरुआत में एहसान को अवांछित व्यक्ति घोषित कर दिया गया और 13 मई, 2025 को निष्कासित कर दिया.
नकली चेहरे, असली गद्दारी… देश में भी बैठे हैं कई दुश्मन, जानिए कौन हैं गिरफ्तार जासूस
लगातार तीन जासूसों की गिरफ्तारी ने पूरे देश को चौंका दिया है. तीनों ही लोग सामान्य नागरिकों की जिंदगी जी रहे थे, लेकिन इनके इरादे राष्ट्रविरोधी थे.
देश की सुरक्षा एजेंसियों ने फिर साबित किया है कि भारत की मिट्टी में देशद्रोही कितनी भी चालाकी से छिपें, वे कानूनी नजरों से नहीं बच सकते. ऑपरेशन ‘सिंदूर’ ने न सिर्फ सीमा पार बैठे दुश्मनों की नींद हराम की है, बल्कि देश में बैठे गुप्त देशद्रोहियों की भी कमर तोडी . हाल के दिनों लगातार चार जासूसों की गिरफ्तारी से पूरा देश चौंक गया .
कौन है ज्योति मल्होत्रा
इंस्टा-यूट्यूब पर हिट इंफ्लुएंसर रुप में जासूसी की खतरनाक खिलाड़ी ज्योति मल्होत्रा पकड़े गए आरोपितों में सबसे चौंकाने वाली है. ज्योति मल्होत्रा निजी संस्था में कार्यरत थी. शुरुआती जांच के अनुसार वह सोशल मीडिया से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से जुड़ी थी. व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे माध्यमों से वह संवेदनशील जानकारियां भेजती थी, जिनमें फौजी मूवमेंट, कैंटोनमेंट एरिया की तस्वीरें और रणनीतिक सूचनाएं शामिल थीं. जांच एजेंसियों के अनुसार, ज्योति को दुबई के एक हैंडलर से भुगतान किया जाता था. उसकी गिरफ्तारी ने महिला नेटवर्क से जासूसी की एक नई परत खोली है.
कैथल से देवेंद्र सिंह: गांव से देशद्रोह की कहानी
हरियाणा के कैथल जिले के गांव मस्तगढ़ से गिरफ्तार देवेंद्र सिंह एक पूर्व सैन्यकर्मी पुत्र है. वह लंबे समय से पाकिस्तान की ISI को गोपनीय सैन्य सूचनाएं भेज रहा था. देवेंद्र का संपर्क पाकिस्तान में बैठे हैंडलर से फेसबुक से हुआ था. बदले में उसे हर जानकारी पर 5 से 10 हजार रुपये तक मिलते थे. पुलिस ने उसके मोबाइल और लैपटॉप से कई संवेदनशील दस्तावेज और नक्शे कब्जाये हैं.
पानीपत से नोमान इलाही: नेटवर्क का तीसरा सिरा
तीसरी गिरफ्तारी हरियाणा के पानीपत जिले से हुई . नोमान इलाही पेशे से कंप्यूटर ऑपरेटर था. लेकिन उसकी असली पहचान पाकिस्तान के लिए कार्यरत ‘डार्क वेब’ जासूस की थी. नोमान ने कई बार रेलवे और मिलिट्री मूवमेंट की जानकारी विदेशी नंबरों पर भेजी थी. पूछताछ में उसने स्वीकार किया है कि उसने कई बार नकदी लेकर लोगों से USB ड्राइव और दस्तावेज ले उन्हें डार्कनेट से अपलोड किया.
आर्मी कैंट के दो प्रिंट दे दे… गिरफ्तार जासूस और आईएसआई हैंडलर की बातचीत आई सामने
आईएसआई के हैंडलर इकबाल काना और गिरफ्तार भारतीय जासूस नोमाल में एक चेट्स और वॉइस कॉल सामने आई है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद सामने आई इस बातचीत में कई चौंकाने वाले अनावरण हुए हैं.नोमान इलाही हरियाणा के पानीपत जिले से पकड़ा गया है.
पाकिस्तान की ओर से लगातार भारत के सैन्य ठिकानों की जासूसी हो रही है. इसकी एक बार फिर से तब पुष्टि हुई, जब सुरक्षा एजेंसियों को एक वॉइस कॉल और चेट्स का पता लगा. पाकिस्तान में बैठे आईएसआई हैंडलर इकबाल काना और गिरफ्तार भारतीय जासूस नोमाल में एक चेट्स और वॉइस कॉल सामने आई . बातचीत की टाइमिंग बेहद महत्वपूर्ण है. बातचीत ऑपरेशन सिंदूर के बीच हुई. दोनो की बातचीत उन्हीं के शब्दों मे-
इकबाल और नोमान के बीच की बातचीत
नोमान
साहब प्लीज मुझे माफ कर दो, मेरी क्या गलती है? आप बैठे हो मेरे लिए.
इकबाल
तू मेरा काम करेगा? अब कब करेगा तू काम? आर्मी के दो प्रिंट दे दे.
नोमान
दो दिन बस जनाब
इकबाल
कश्मीर जाओ और कैंट की फोटो लेकर आओ.
नोमान
जी जनाब.
इकबाल
गुड.
आईएसआई के हैंडलर इकबाल काना और नोमान के बीच यह वायरल टॉक बहुत कुछ बताती है.
वॉइस चेट में ट्रेन की मांगी गई जानकारी
इसके बाद इकबाल और नोमान की एक वॉइस चेट भी सामने आई है. इकबाल बोल रहा है कि जम्मू-कश्मीर की तरफ जाने वाली जालंधर और अमृतसर ट्रेन की लोकेशन भेजो और जाकर देखो उनमें कितने लोग आ रहे हैं. इकबाल को जवाब देने के बाद नोमान ने अपनी वॉइस चेट्स डिलीट कर दी.
नोमान से मिले 6 भारतीय पासपोर्ट
जांच में पता चला कि नोमान के पास से कुल 6 पासपोर्ट मिले. सभी पासपोर्ट भारतीय हैं और हर पासपोर्ट में पाकिस्तान की एंट्री है. साथ ही नोमान से पाकिस्तान का एक संदिग्ध डॉक्यूमेंट भी मिला है.
ऑपरेशन सिंदूर में नोमान लगातार आईएसआई के हैंडलर इकबाल काना से बातचीत कर रहा था.
कौन है नोमान, जिसने PAK को भेजी महत्वपूर्ण जानकारी?
नोमान इलाही हरियाणा के पानीपत जिले से पकड़ा गया है. नोमान कंप्यूटर ऑपरेटर था. हालांकि वह पाकिस्तान का ‘डार्क वेब’ जासूस था. रेलवे और मिलिट्री मूवमेंट की कई महत्वपूर्ण जानकारियां उसने विदेशी नंबरों पर भेजी थी. पूछताछ में नोमान ने स्वीकारा है कि उसने पैसे लेकर लोगों से USB ड्राइव और दस्तावेज लिए और उन्हें डार्कनेट से अपलोड किया.
देशद्रोह का मुकदमा दर्ज
आरोपितों पर आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम (Official Secrets Act), 1923 में मुकदमा हुआ है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इसमें हस्तक्षेप किया। इसे अंतरराष्ट्रीय जासूसी नेटवर्क से जोड़कर देखा जा रहा है.
सरकार और सुरक्षा एजेंसियों का कठोर संदेश
सरकार ने इन गिरफ्तारियों से स्पष्ट संदेश दिया है कि राष्ट्र सुरक्षा से खिलवाड़ करने वाले क्षमा योग्य नहीं हैं. ऑपरेशन ‘सिंदूर’ में अब तक देशभर में दर्जनों संदिग्ध निगरानी में लिये गये हैं और जांच तेज़ है.
जासूसी की गतिविधियां
सोशल मीडिया से पाकिस्तान की सकारात्मक छवि दिखाने का काम सौंपा गया.
एक PIO से नज़दीकी संबंध बनाए और हाल ही में इंडोनेशिया के बाली तक साथ यात्रा की.
भारतीय ठिकानों की संवेदनशील जानकारी दी और दिल्ली में रहते दानिश के संपर्क में बनी रहीं.
सोशल मीडिया प्रभाव का इस्तेमाल गुप्तचर और शत्रु के सकारात्मक प्रचार कार्यों में किया गया.
बड़े षड्यंत्र का अनावरण
यह मामला एक बड़े जासूसी नेटवर्क का हिस्सा है जिसमें ज्योति समेत छह भारतीय नागरिकों को पाक खुफिया एजेंसियों और उच्चायोग स्टाफ के एजेंट या माध्यम के रूप में काम करते पाया गया है. गिरफ्तारियां हरियाणा के हिसार, कैथल, नूंह और पंजाब के मलेरकोटला से हुई हैं.
अन्य प्रमुख गिरफ्तारियां
मलेरकोटला, पंजाब
ग़ज़ाला (32), एक मुस्लिम विधवा और यामीन मोहम्मद को दानिश के वित्तीय लेन-देन और वीज़ा प्रक्रिया में मदद करने में पकड़ा गया.
11 मई को पंजाब पुलिस ने बताया कि पंजाब के मालेरकोटला में एक महिला समेत दो लोग पाकिस्तान उच्चायोग के एक अधिकारी को सूचना देने में पकड़े गये .
पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने अपने ट्विटर हैंडल पर इसकी जानकारी दी.गिरफ्तार मलेरकोटला की गजाला और यामीन मोहम्मद से पुलिस टीमों ने दो मोबाइल फ़ोन भी ले लिये. प्रारंभिक जांच में पता चला कि अभियुक्त गोपनीय सूचनाओं के बदले ऑनलाइन पैसे लेते थे। दोनों अभियुक्त अपने संचालक के लगातार संपर्क में थे और उसके निर्देशानुसार अन्य स्थानीय संचालकों को पैसा भेजते थे.
कैथल, हरियाणा
देविंदर सिंह ढिल्लों, एक सिख छात्र, जो पाकिस्तान यात्रा के दौरान संपर्क में आया और बाद में पटियाला छावनी का वीडियो पाक एजेंटों को भेजा.
- पुलिस के अनुसार, देवेंद्र सिंह को पहले 13 मई को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर अवैध हथियार संबंधित एक पोस्ट के चलते हिरासत में लिया गया था। जब उससे पूछताछ की गई तो पुलिस को चौंकाने वाले खुलासे मिले।
- ●पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहा देवेंद्र सिंह,हुआ गिरफ्तार
- ●ऑपरेशन सिंदूर की जानकारियां पाकिस्तान भेजी

देवेंद्र सिंह को पहले 13 मई को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर अवैध हथियारों से जुड़ी एक पोस्ट के आधार पर पकड़ा गया था। पूछताछ में पुलिस को चौंकाने वाली सूचना मिली, तब मामला राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों तक पहुंचा। पुलिस जांच में आया कि आरोपित धार्मिक दर्शन को करतारपुर कॉरिडोर से पाकिस्तान गया था। वहां उसने करतारपुर साहिब, ननकाना साहिब, लाहौर और पंजा साहिब देखे। तभी वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के संपर्क में आया। उसे एक पाकिस्तानी लड़की द्वारा फंसाया गया, जिसके साथ वह हफ्ते भर रहा।
देवेंद्र तब पटियाला में अध्ययनरत था। उसने वहां के आर्मी कैंट एरिया की तस्वीरें मोबाइल से खींचकर पाकिस्तानी गुप्तचरों को भेजीं। उसने ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी और सेना की संवेदनशील जानकारियाँ भी भेजी। जांच में यह भी आया है कि वह अब तक पांच से अधिक पाकिस्तानी एजेंटों के संपर्क में रह चुका है।सबूत मिटाने की कोशिश, लेकिन साइबर टीम कर रही डाटा रिकवर
गांव में जांच की भनक लगने पर देवेंद्र ने अपने डिजिटल डिवाइस से सभी डाटा डिलीट कर दिया था। हालांकि, पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट अब उस डिलीट डाटा को तकनीकी से रिकवर कर रही है। आरोपित के मोबाइल और अन्य डिवाइस कब्जा लिए गए हैं। डीएसपी मुख्यालय वीरभान सिंह ने पुष्टि की कि आरोपित देवेंद्र सिंह करतारपुर साहिब के दर्शन के बहाने पाकिस्तान गया था। वहीं पर वह ISI एजेंसी के संपर्क में आया और वापस लौटने के बाद भारत की सैन्य गतिविधियों से जुड़ी संवेदनशील जानकारियाँ लगातार पाकिस्तान भेजता रहा।
रिमांड पर लिया गया, जांच का दायरा बढ़ा
नूंह, हरियाणा
अरमान नामक युवक ने भारतीय सिम कार्ड मुहैया कराए और खुफिया व फंड ट्रांसफर का जरिया बना. वह रक्षा एक्सपो 2025 की साइट पहुंचा था.पूरे मामले में जांच जारी है और सुरक्षा एजेंसियां नेटवर्क के अन्य हिस्से भी खंगाल रही हैं.
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भारत-पाकिस्तान युद्ध