छह संगठनों ने दिया नौ अगस्त मुख्यमंत्री निवास कूच को समर्थन

*भू-कानून व मूल निवास पर संयुक्त वार्ता*

देहरादून 04 अगस्त। क्रांति दिवस पर भू कानून मूल निवास के मुद्दे पर होने वाले मुख्यमंत्री आवास घेराव को लेकर संस्थाओं ने मिलकर प्रेस वार्ता की जिसमें कार्यक्रम की सफलता व प्रचार की अपील की।
उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारी मंच के नेतृत्व में भू कानून एवं मूल निवास के विषय पर 9 अगस्त को प्रस्तावित मुख्यमंत्री आवास घेराव पर युवा सगठनों का समर्थन मिलना शुरू हो गया है । प्रेस क्लब में जुटे विभिन्न संगठनों के बैनर तले युवा एकत्रित हुए और भू कानून मूल निवास के विषय पर पूर्ण रूप से समर्थन दिया।
राज्य आंदोलनकारी हरीश सती ने कहा कि इस राज्य में विभिन्न सरकारें आई लेकिन प्रदेश के लियॆ मजबूत भू कानून औऱ मूल निवास की नीति ढंग से लागू नहीं कराई गई औऱ उसी का परिणाम हैं कि कोई भी कहीं भी तराई से लेकर पहाड़ों तक उत्तराखण्ड की जमीनों को बेधड़क कब्जाने-बेचने में लगा है। परिणामस्वरूप हमारे स्थानीय लोगों को अपने ही प्रदेश में महंगी कीमत पर अपने लियॆ भूमि खरीदनी पड़ रही हैं ।
उत्तराखण्ड क्रांति दल के केंद्रीय प्रवक्ता सोमेश बुडाकोटी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के समय में हमें जो मूल निवास बनाकर दिया जाता था, वह अब अचानक बन्द कर दिया गया । इसका कुपरिणाम भगवानपुर जिला हरिद्वार से लेकर उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ व उधमसिंहनगर तक का व्यक्ति सीधे प्रभावित हो रहा हैं। आजादी के बाद हमारे तमाम लोग यहां आकर बसे औऱ कई जगह बंजर भूमि को उपजाऊ बनाया जिसमें हमारे सिक्ख समाज,पाल समाज,सैनी समाज,हमारे कई दलित परिवारों क़े साथ ही चौहान,वालिया,पहाड़ व गोर्खाली समाज ने अपनी मेहनत से इसको संवारा औऱ आज हम सभी को इससे वंचित किया जा रहा है।आखिर इसके पीछे जो भी कारण रहें हो अब हम सभी मिलकर ये हक लेकर रहेंगें।
उत्तराखण्ड स्टूडेंट्स फेडरेशन के संयोजक लूशुन टोडरिया ने कहा कि 42 से ज्यादा बलिदानों के बाद यह राज्य हमें मिला परन्तु आज 23 वर्षों बाद भी यहां का मूल निवासी अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर लड़ रहा है । मूल निवासी फैक्ट्री से लेकर सरकारी नौकरी तक क़े लियॆ खाक छान रहे हैं लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिलता। वे अपनी ही भूमि बचाने को आन्दोलन करने को मजबूर हैं।
पहाड़ी स्वाभिमान सेना से मोहित डिमरी ने कि उत्तराखण्ड की जनता को यह सब समझना होगा औऱ अब भविष्य बचाने की लड़ाई क़े लियॆ आगे आना होगा अन्यथा हमारी भूमि लगातार छीनती जाएगी औऱ मूल निवासी अल्पसंख्यक हो जाएगा । भविष्य में इससे हमारी दोनों अंतरराष्ट्रीय सीमाओं में भी संकट पैदा हो जाएगा ।
उत्तराखण्ड क्रांति दल के आशुतोष भंडारी ने कहा कि जिस तरह से मूल निवासियों पर अत्याचार की घटनाओं में वृद्धि हो रही है वह चिंता का विषय है और अगर समय पर मजबूत भू कानून और मूल निवास की व्यवस्था नही हुई तो उत्तराखण्ड राज्य एक आपराधिक राज्य में परिवर्तित हो जाएगा ।
यूoएसoएफo के जिला अध्यक्ष देहरादून एवं देवभूमि युवा संगठन के आशीष नौटियाल ने कहा कि पिछले 22 वर्षों से हमारे प्रदेश को केवल प्रयोगशाला बनाकर रख दिया गया । हमारे प्रदेशवासियों क़े अधिकारों का हनन हो रहा हैं इससे देवभूमि में अपराध,भू माफिया,नशे का कारोबार क़े साथ ही बेरोजगारी बढ़ती जा रही हैं।
प्रेस वार्ता में पहाड़ी स्वाभिमान सेना से पंकज उनियाल, देवचंद्र उत्तराखंडी, उत्तरांखड क्रांति दल के समीर मुंडेपी, राज्य आंदोलनकारी मंच क़े प्रदीप कुकरेती व सुशील सती भी मौजूद रहें।

समर्थन देने वाले संगठन में मुख्यतः
1- *उत्तराखण्ड स्टूडेंट्स फेडरेशन*
2- *उत्तराखण्ड क्रांति दल*
3- *पहाड़ी स्वाभिमान सेना*
4- *देव भूमि युवा संगठन*
5- *भैरव सेना*
6- *प्राउड पहाड़ी संस्था*

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