पंवार का कांग्रेस को झटका, सावरकर और अडाणी पर भिन्न राय

 

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सावरकर के बलिदान को भुला नहीं सकते… पवार की राहुल से अलग राय, अडानी मुद्दे पर जेपीसी की बजाय SC कमिटी को बताया ज्यादा असरदार

शरद पवार ने सावरकर मुद्दे पर अपनी राय रखी। शरद पवार ने कहा कि अब यह राष्ट्रीय मुद्दा नहीं है। उन्होंने कहा कि देश के लिए उनके बलिदान को नहीं भुलाया जा सकता है। शरद पवार ने अडानी मामले में  की जांच में भी अलग राय रखी।

हाइलाइट्स
1-एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने सावरकर मुद्दे पर खुलकर अपनी राय रखी
2-राहुल के बयान छिड़े विवाद पर पवार ने कहा कि अब यह राष्ट्रीय मुद्दा नहीं

3-अडाणी मामले में भी कांग्रेस के विपरीत जेपीसी की बजाय सुप्रीम कोर्ट की विशेषज्ञ समिति को बेहतर बताया

4-एनसीपी चीफ शरद पवार का यह बयान कांग्रेस के लिए मुश्किलें बढ़ा सकता है

मुंबई 01 मार्च: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) सुप्रीमो शरद पवार ने सावरकर मुद्दे पर खुलकर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि सावरकर ने कई प्रगतिशील बातें कही हैं। उन्होंने राहुल गांधी के सावरकर के बारे में टिप्पणी पर छिड़े विवाद को लेकर कहा कि अब यह राष्ट्रीय मुद्दा नहीं है। उन्होंने कहा कि सेलुलर जेल में उनके कारावास को भुलाया नहीं जा सकता है। उद्धव ठाकरे के बाद अब शरद पवार का यह बयान कांग्रेस के लिए मुश्किलें बढ़ा सकता है।

शरद पवार ने कहा, ‘सावरकर ने कई प्रगतिशील बातें कही हैं। जैसा कि मैंने पहले भी कहा था कि हमें सावरकर का प्रगतिशील पक्ष देखना चाहिए। आज वह यहां नहीं हैं। इसलिए जो यहां नहीं हैं उनके बारे में किसी विषय पर चर्चा करने की जरूरत नहीं है। सावरकर कोई राष्ट्रीय मुद्दा नहीं है।’

अडानी मामले में भी अलग राय

पवार ने आगे कहा, ‘इसके अलावा ब्रिटिश राज की ओर से राष्ट्र के लिए उनके बलिदान और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में सेलुलर जेल में उनके कारावास को भुलाया नहीं जा सकता है।’

इसके अलावा अडानी मामले की जांच में भी शरद पवार ने अलग रुख रखा। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित 6 सदस्यीय कमिटी को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की तुलना में अधिक प्रभावी बताया। बता दें कि कांग्रेस मामले की जांच के लिए जेपीसी की मांग कर रही है।

राहुल की लंदन स्पीच पर क्या बोले पवार

पवार ने अपने स्टैंड को सही ठहराते हुए कहा, ‘यह एक सामान्य ज्ञान है कि जेपीसी में बीजेपी के अधिक सदस्य होंगे क्योंकि संसद में इसका भारी बहुमत है। इसलिए, प्रभाव के संदर्भ में, जेपीसी सर्वोच्च न्यायालय की ओऱ से नियुक्त समिति के खिलाफ संतुलित पैनल नहीं होगा, जिसमें स्वतंत्र विशेषज्ञ हैं।’

लंदन में राहुल गांधी की स्पीच पर भी शरद पवार ने अपनी राय रखी। उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि यह मुद्दा इतना महत्वपूर्ण है क्योंकि ऐसा नहीं है कि आज आलोचना की जा रही है, अतीत में भी नेताओं ने सरकार की आलोचना की है। केवल अब ऐसे मुद्दों को बार-बार उठाया जा रहा है। अगर देश में किसी मुद्दे पर लोगों को समस्या है और कोई उनकी बात करता है तो उन विषयों पर ध्यान दिया जाना चाहिए।’

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