राममंदिर भूमि विवाद: दाम दो करोड़ से 18.50 करोड़ 10 मिनट नहीं,10 साल में पहुंचा

 

राम मंदिर घोटाले पर बड़ा खुलासा:जिस जमीन को लेकर ट्रस्ट पर आरोप लगे, उसे 2011 में सपा नेता ने 2 करोड़ में खरीदा था; आरोप लगाने वाले पूर्व मंत्री से इनके रिश्ते
अयोध्या लेखक: रमेश मिश्र

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए खरीदी गई जमीनों में घोटाले को लेकर  पड़ताल में बड़ा खुलासा हुआ है। मालूम चला कि जिस 100 बिस्वा (करीब 3 एकड़) जमीन को लेकर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है, उसे 2011 में समाजवादी पार्टी के नेता सुल्तान अंसारी ने दो करोड़ रुपए में खरीदा था। सुल्तान ने ही इसे राम मंदिर ट्रस्ट को 18.5 करोड़ रुपए में बेचा है।

पड़ताल में ये भी मालूम चला है कि ट्रस्ट पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय ‘पवन’ और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से सुल्तान के काफी अच्छे रिश्ते हैं। सुल्तान समाजवादी पार्टी से पार्षद का चुनाव भी लड़ चुके हैं।

इसके बारे में पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय से बात की तो उन्होंने कहा कि तथ्यों के आधार पर आरोप लगाया गया है, न की सुल्तान अंसारी के कहने पर। पांडेय ने कहा कि अब तक राम मंदिर जमीन को लेकर 50 से ज्यादा रजिस्ट्री हुई है। सबकी जांच होनी चाहिए। तब साफ हो जाएगा कि मेरा आरोप सही है या नहीं।

11 पॉइंट में जमीन खरीद की पूरी कहानी…

2011 में सुल्तान ने 2 करोड़ रुपए के एग्रीमेंट पर ली थी जमीन, ट्रस्ट को बेचने से पहले पुरानी कीमत चुकाकर अपने नाम बैनामा (सरकारी दस्तावेज में किसी के नाम कराना) कराया, फिर 18 करोड़ में राम मंदिर ट्रस्ट को बेच दिया। मतलब साफ है जमीन का दाम 2 करोड़ से 18.5 करोड़ 10 मिनट में नहीं बल्कि 10 साल में पहुंचा है…

1. केंद्र सरकार ने राम मंदिर ट्रस्ट को 70 एकड़ जमीन मंदिर के लिए दी है। ये जमीन केंद्र सरकार ने अधिगृहित की थी।

2. ट्रस्ट ने मंदिर के विस्तार का प्लान बनाया। तय किया कि मंदिर परिसर का विस्तार 108 एकड़ में होगा। इसके लिए ट्रस्ट ने मंदिर के आस-पास की जमीनों को खरीदना शुरू कर दिया।

3. मंदिर के आसपास के 70 एकड़ जमीन की खरीदारी शुरू की।

4. बाग बिजैसी की जिस जमीन की खरीदारी को लेकर ट्रस्ट पर सवाल उठे वो 2010 से पहले प्रॉपर्टी डीलर फिरोज खान के नाम थी।

5. फिरोज ने 2010 में ही 180 बिस्वा जमीन बबलू पाठक को बेच दी थी।

6. बबलू पाठक ने 4 मार्च 2011 को इसमें से 100 बिस्वा जमीन का एग्रीमेंट एक करोड़ रुपए में इरफान खान उर्फ नन्हें मियां से कर लिया था। तब एडवांस के तौर पर नन्हें ने बबलू को 10 लाख रुपए दिए थे। ये एग्रीमेंट तीन साल के लिए था। नन्हें के बेटे सुल्तान अंसारी और बबलू पाठक के बीच अच्छी दोस्ती है।

7. 4 मार्च 2014 को पुराना एग्रीमेंट अपने आप रद्द हो गया। इसलिए बबलू ने 2015 में फिर से वही जमीन नन्हें के बेटे सुल्तान अंसारी के नाम कर दी। इस तरह से 2011 से लेकर 2020 तक सुल्तान हर तीन साल में अपने परिवार के अलग-अलग सदस्यों के नाम उसका उस समय के रेट के अनुसार एग्रीमेंट कराता रहा।

8. आखिरी बार 2019 में इस जमीन का एग्रीमेंट में हुआ था। तब इसकी कीमत 2.16 करोड़ रुपए थी। एग्रीमेंट में 2.16 करोड़ रुपए के हिसाब से इस जमीन को सुल्तान के नाम देने का तय हुआ। जमीन को लेकर बबलू और सुल्तान के बीच अच्छी अंडरस्टैंडिंग रही।

9. जब राम मंदिर ट्रस्ट को जमीन की जरूरत पड़ी तो ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बबलू और सुल्तान दोनों से संपर्क किया। तीन महीने तक दोनों पक्षों से बातचीत चली। मार्च 2021 में चंपत राय ने बबलू से 80 बिस्वा जमीन 8 करोड़ रुपए में खरीद ली। बाकी 100 बिस्वा जमीन सुल्तान से 18.5 करोड़ रुपए में खरीदी।

10. ट्रस्ट के नाम जमीन करने से पहले सुल्तान ने बबलू पाठक को 100 बिस्वा जमीन की बची हुई कीमत यानी 1.90 करोड़ रुपए देकर बैनामा करा लिया। चूंकि जमीन की कीमत को लेकर दोनों के बीच पहले ही एग्रीमेंट हो चुका था इसलिए उसके लिए सुल्तान को दो करोड़ रुपए ही देने पड़े।

11. बैनामा कराने के बाद सुल्तान ने जो जमीन 2 करोड़ रुपए में खरीदी थी उसे ट्रस्ट को 18.5 करोड़ रुपए में बेच दी। आज की डेट में इस जमीन का सरकारी रेट करीब 6 करोड़ है, जबकि मार्केट रेट 20 करोड़ है।

राम मंदिर का फैसला आते ही जमीनों के दाम बढ़ गए
राम मंदिर के पक्ष में फैसला आते ही अयोध्या में जमीनों के दाम तेजी से बढ़ गए। अभी जिले में 20 लाख से 50 लाख रुपए बिस्वा जमीन का रेट है। उत्तर प्रदेश सरकार भी कई योजनाओं के लिए जमीन अधिग्रहीत कर रही है। इससे भी जमीन के दाम में बढ़ोतरी हुई है। बड़े कारोबारी अयोध्या में होटल्स, मॉल और मार्केट खोलने के लिए जमीनें ले रहे हैं। कई तरह की इंडस्ट्री भी लगने वाली है।

पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय पवन ने लगाए हैं आरोप

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय पवन ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर जमीन खरीद में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि दो करोड़ रुपए में बैनामा कराई गई जमीन को 10 मिनट के अंदर 18.50 करोड़ रुपए में रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कर दिया गया। पांडेय आरोप है कि यह जमीन सदर तहसील इलाके के बाग बिजैसी में स्थित है, जिसका क्षेत्रफल 12 हजार 80 वर्ग मीटर है।

तेज नारायण का आरोप है कि यह जमीन रवि मोहन तिवारी नाम के एक साधु और सुल्तान अंसारी के नाम बैनामा हुई थी। ठीक 10 मिनट बाद इसी भूमि का ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के नाम 18.50 करोड़ में रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कर दिया जाता है। बैनामा और रजिस्टर्ड एग्रीमेंट 18 मार्च, 2021 को किया गया था।

पांडेय ने आरटीजीएस की गई 17 करोड़ रुपए रकम की जांच कराने की मांग की है। साथ ही कहा है कि यह धनराशि कहां-कहां गई, इसका पता लगाया जाए और भ्रष्टाचार में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। बैनामा और रजिस्टर्ड एग्रीमेंट में ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्र और नगर निगम के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय गवाह हैं।

 

राम मंदिर भूमि खरीद विवाद:श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट ने केंद्र सरकार और RSS को भेजी रिपोर्ट, कहा- कोई घोटाला नहीं हुआ है, ये हमारे खिलाफ साजिश

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले राम के नाम पर फिर सियासी पारा चढ़ा हुआ है। पहले राजनीति राम मंदिर की जमीन को लेकर थी। अब जब अयोध्या में राम मंदिर बनने का काम शुरू हो गया तो विवाद श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा मंदिर के लिए खरीदी गई जमीन पर खड़ा हो गया है। तमाम विपक्षी दल जमीन खरीद में भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं और ट्रस्ट घिरा हुआ है।

आरोपों के बीच श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने पूरे विवाद पर केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट भेजी है। ट्रस्ट ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उसके खिलाफ राजनीतिक साजिश की गई है। यहां कोई घोटाला नहीं हुआ है।

ट्रस्ट ने भाजपा और संघ को भी रिपोर्ट भेजी है। बताया जाता है कि इस रिपोर्ट में ट्रस्ट ने जमीन खरीद के बारे में पूरी जानकारी दी है। इसके साथ ही रिपोर्ट में भूमि खरीद की कीमतों पर भी विस्तार से सफाई दी गई है। ट्रस्ट ने कहा है कि ये आरोप भाजपा के विरोधियों द्वारा लगाए जा रहे हैं।

ट्रस्ट ने जमीन खरीद को लेकर फैक्ट भी जारी किए हैं। ट्रस्ट ने दावा किया है कि जो जमीन ली गई है, वह प्राइम लोकेशन पर है, इसलिए उसकी कीमत ज्यादा है। जमीन की कीमत 1423 रुपए प्रति वर्ग फीट है, जो करीबी इलाकों की जमीनों के मौजूदा दामों से काफी कम है। ट्रस्ट ने बताया है कि इस जमीन की डील को लेकर 10 साल से बात चल रही थी, जिसमें 9 लोग शामिल थे। पहले ही दिन से यह निर्णय लिया गया कि सभी भुगतान सीधे खाते में ही किए जाएंगे और ऐसा ही किया गया है।

ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने किया आरोपों का खंडन

जमीन के मालिकाना हक का निर्णय बहुत जरूरी था, जो कराया गया। हमने जमीन का एग्रीमेंट करा लिया। अभी बैनामा कराया जाना बाकी है।
सभी लेनदेन बैंक टू बैंक हुए हैं और टैक्स में कोई चोरी नहीं की गई है।
आरोप लगाने वालों ने आरोप से पहले ट्रस्ट के पदाधिकारियों से तथ्यों की जानकारी नहीं ली।

सुल्तान ने कहा- सौदा वैध, मंदिर का विरोधी नहीं, सद्भाव का समर्थक

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को बाग बिजेसर की जमीन का बैनामा करने वाले सुल्तान अंसारी ने भास्कर से खास बातचीत की l उन्होंने बताया कि वह फरार नहीं हैं, बल्कि अयोध्या में पूरी तरह सुरक्षित हैं l सुल्तान ने कहा कि ट्रस्ट को दी गई जमीन का बैनामा और मेरे द्वारा ली गई 18 करोड़ पचास लाख की रकम पूरी तरह वैध है l यह रकम उस जमीन की मार्केट वैल्यू के हिसाब से बहुत ही कम है l

दोनों गवाहों ने किसी भी घोटाले से किया इनकार

इस बहुचर्चित जमीन बैनामे के गवाह व श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने कहा कि खरीदी गई जमीन में पूरी पारदर्शिता है और उसको लेकर केवल भ्रम फैलाया जा रहा है। जो लोग पहले राम जन्मभूमि के अस्तित्व को लेकर सवाल खड़ा कर राजनीति कर रहे थे, अब वही लोग राम मंदिर निर्माण में बाधा डालने के मकसद से घटिया राजनीति कर रहे हैं, ऐसे लोगों को करोड़ों राम भक्त कभी माफ नहीं करेंगे।

दूसरे गवाह मेयर ऋषिकेश उपाध्याय ने कहा कि 18 करोड़ पचास लाख में 100 बिस्वा जमीन खरीदी गई, जबकि बाजार में 20 से 40 लाख रुपए बिस्वा मूल्य की जमीन है। उन्होंने कहा कि खरीदी गई जमीन के आसपास अयोध्या रेलवे स्टेशन का मुख्य द्वार पड़ेगा। इस कारण वहां की जमीन कुछ कीमती है। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय सारी स्थिति को व्यक्त कर चुके हैं और ट्रस्ट पर लगाया गया सारा आरोप पूरी तरह निराधार है।

क्या है जमीन खरीद पर विवाद?

दरअसल, आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और समाजवादी पार्टी की पूर्ववर्ती सरकार में मंत्री रहे पवन पांडेय ने आरोप लगाए हैं कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय ने दो करोड़ रुपए की कीमत वाली भूमि 18.5 करोड़ रुपए में खरीदी। इसे धनशोधन का मामला बताते हुए सिंह और पांडेय ने सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय से जांच करवाने की मांग की है। इन आरोपों को लेकर कांग्रेस भी हमलावर हो गई है।

 

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