मंदिरों की कब्जाई 18 हजार बीघे जमीन छुडाने के वादे पर दौसा के पुजारी का दाह संस्कार

9 दिन बाद होगा पुजारी का अंतिम संस्कार:भाजपा का आंदोलन खत्म, मंदिर की जिस दो बीघा जमीन को हड़पने के सदमे में गई थी जान, पोस्टमार्टम के बाद वहीं होगा अंतिम संस्कार

पिछले चार दिनों से जयपुर में सिविल लाइंस फाटक पर शव रखकर चल रहा धरना अब समाप्त हो गया है। –

जयपुर 11अप्रैल।  दौसा के पुजारी शंभू शर्मा के शव का नौ दिन बाद अंतिम संस्कार होगा। रविवार को सचिवालय में हुई वार्ता के बाद गहलोत सरकार ने भाजपा नेताओं की मांगें मान ली हैं। इसके बाद शव का अंतिम संस्कार करने और धरना खत्म करने पर सहमति बनी। टीकरी गांव में मंदिर की जिस दो बीघा जमीन को भूमाफिया ने पुजारी से हड़पा था, उसी जमीन पर अंतिम संस्कार होगा। पिछले चार दिनों से जयपुर में सिविल लाइंस फाटक पर शव रखकर चल रहा धरना अब समाप्त हो गया है। शव का पहले पोस्टमार्टम होगा, फिर आज ही टीकरी गांव ले जाकर अंतिम संस्कार किया जाएगा।

सरकार के साथ वार्ता में बनी सहमति के बाद दोनों पक्षों ने समझौता पत्र पर दस्तखत किए। समझौता होने के बाद भाजपा के राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने आंदोलन और धरना खत्म करने की घोषणा की।

किरोड़ी बोले- अब हमारा आंदोलन खत्म, हमारी मांगें मानी, मंदिर की जमीनों से कब्जे हटेंगे

सचिवालय में चली वार्ता खत्म होने के बाद किरोडीलाल मीणा ने कहा- मांग पूरी होने के साथ ही हमारा आंदोलन और धरना खत्म हो गया। पोस्टमार्टम के बाद जिस दो बीघा जमीन को भूमाफिया ने गलत तरीके से बिकवाया, उसी जमीन पर अंतिम संस्कार होगा। पुजारी के बलिदान से प्रदेश स्तर पर नई दिशा मिलेगी। मंदिर माफी की जमीनों से कब्जे हटवाने के लिए एक कानून बनेगा।

सरकार और 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के बीच रविवार को सचिवालय में वार्ता के बाद समझौता हुआ

जांच संभागीय आयुक्त करेंगे, जमीन हड़पने की जांच आईजी की देखरेख में होगी
पुजारी की जमीन हड़पने से लेकर उसकी मौत और पूरे घटनाक्रम की जांच संभागीय आयुक्त से करवाने पर सहमति बनी है। संभागीय आयुक्त 30 अप्रैल तक जांच कर सरकार को रिपोर्ट देंगे। पुजारी की जमीन हड़पने वाले भूमाफिया के खिलाफ महुआ थाने में दर्ज मामले की जांच आईजी की देखरेख में होगी।

इन मांगों पर बनी सहमति…

‌  +महुआ थाने में पुजारी की जमीन हड़पने की दर्ज रिपोर्ट की जांच जयुपर रेंज आईजी की देखरेख में होगी।
+पूरे मामले की जांच 30 अप्रैल तक संभागीय आयुक्त से करवाई जाएगी।
+महुआ के खसरा नम्बर 428/1118 रकबा 0.62 हेक्टेयर में पट्टे बनाकर 172 दुकानों का निर्माण किया गया है। उसकी जांच कर कार्यवाही करने पर सहमति, जांच पूरी होने तक इसे सील किया जाएगा।
+महुआ के खसरा नम्बर 239/1056 की 0.02 हेक्टेयर रास्ते की जमीन पर किए गए अतिक्रमण को दिनांक 26.08.2020 को एक बार हटा दिया गया था। उसका सत्यापन किया जाएगा और पूरा अतिक्रमण हटाया जाएगा।
+टीकरी गांव में भूमाफिया के कब्जे में गई पुजारी की 2 बीघा जमीन को 145 सीआरपीसी में कुर्क किया जाएगा।
+नगरपालिका महुआ के तत्कालीन ई.ओ. की भूमिका की जांच कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने पर सहमति।
+एडीएम दौसा द्वारा कथित दुर्व्यवहार की जांच पर सहमति।
+08 अप्रैल को महुआ में पुलिस लाठीचार्ज में घायल हुए जगदीश सैनी की मौत की जांच हाेगी।
+मंदिर माफी की जमीनों के संरक्षण और उनके कब्जे हटाने के लिए कानून बनाने पर सहमति

सचिवालय में हुई वार्ता में बनी सहमति

गौरतलब है कि राज्य सरकार का बुलावा आने के बाद रविवार को राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा की अगुवाई में 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल सचिवालय पहुंचा था। इसमें सांसद रामचरण बोहरा, पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी, शहर अध्यक्ष राघव शर्मा, विधायक अशोक लाहोटी, राजेश कर्नल, मुकेश दाधीच सहित ब्राह्मण संगठनों के पदाधिकारी शामिल थे। वहीं, सरकार की तरफ से मुख्य सचेतक विधायक महेश जोशी, मुख्य सचिव निरंजन आर्य, डीसीपी एमएल लाठर, पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव सहित आला अधिकारी मौजूद रहे।

इधर वार्ता, उधर…पूनिया के नेतृत्व में निकाला पैदल मार्च

जब सचिवालय में किरोड़ीलाल मीणा और सरकार के बीच बातचीत हो रही थी, उसी वक्त भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने अपने सैंकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ सरदार पटेल मार्ग से धरनास्थल तक पैदल मार्च निकाला। इसमें भाजपा कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जयपुर में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के आंकड़ों के बीच धरनास्थल पर लगातार कोरोना गाइडलाइंस की धज्जियां उड़ाई गईं, पुलिस इस दौरान मूकदर्शक बनी रही।

रविवार को सचिवालय में सरकार से वार्ता से पहले पत्र तैयार करते सांसद किरोड़ीलाल मीणा।

यह है पूरा मामला

दौसा जिले के महवा तहसील में गांव टिपरी में एक मंदिर के पुजारी शंभू शर्मा की 10 दिन पहले मौत हो गई थी। आरोप है कि गांव में कुछ प्रभावशाली लोगों ने तहसीलदार से मिलीभगत कर मंदिर माफी की जमीन पर कब्जा कर लिया। इसके लिए पुजारी शंभू शर्मा को धोखे में रखकर कागजों पर साइन करवा लिए। पुजारी शंभू शर्मा मूक बधिर थे। आरोप है कि रजिस्ट्री से पहले मेडिकल सर्टिफिकेट भी नहीं बनवाया। इस बीच पुजारी की मौत से बचाव मच गया।

इसके बाद सांसद किरोड़ीलाल मीणा अपने समर्थकों के साथ पुजारी के शव को लेकर महवा थाने के पास धरने पर बैठ गए। चार दिन पहले रात 1 बजे दौसा पुलिस को चकमा देकर शव जयपुर ले आए। फिर यहां सिविल लाइंस फाटक पर प्रदर्शन शुरु कर दिया और मामले में दोषी अफसरों, भूमाफियाओं पर कार्रवाई करने, अवैध कब्जे को ध्वस्त करवाने की कार्रवाई की मांग की।

 

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