दशहरे पर मोदी ने दिलाये 10 संकल्प, सबके विकास से ही विकसित राष्ट्र

Ram-Lakshman Aarti Bow-Arrow In Hand Pm Modi Did Something On Dussehra Which Every Countryman Will Be Proud Of
राम-लक्ष्‍मण की आरती, हाथ में तीर कमान.. प्रधानमंत्री मोदी ने दशहरा पर कुछ ऐसा किया जिस पर हर देशवासी को होगा गर्व!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से 10 प्रतिज्ञाएं लेने को कहा। इसमें कम से कम एक गरीब परिवार को उसकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति सुधारने में मदद करना भी शामिल है। उन्होंने कहा कि जब सबका विकास होगा,तभी देश विकसित राष्ट्र बनेगा।

नई दिल्‍ली 23 अक्टूबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दिल्ली के द्वारका की रामलीला में भाग लिया। उन्‍होंने रावण के पुतले के दहन से पहले वहां लोगों को संबोधित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज हमें सौभाग्य मिला है कि हम भगवान राम का भव्यतम मंदिर बनता देख पा रहे हैं। अयोध्या की अगली रामनवमी पर रामलला के मंदिर में गूंजा हर स्वर,पूरे विश्व को हर्षित करेगा। इस दौरान उन्‍होंने राम, लक्ष्‍यण, सीता और हनुमान की भूमिका निभाने वालों की आरती कर तिलक किया। वह मंच पर नंगे पांव पहुंचे। इस अवसर पर उन्‍होंने देशवासियों से 10 संकल्प लेने को कहा। इसमें कम से कम एक गरीब परिवार को उसकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति सुधारने में मदद करना भी शामिल है। दशहरे पर विकसित भारत की दिशा में बढ़ने का जो तरीका उन्‍होंने बताया उससे हर भारतवासी को खुशी हुई।

प्रधानमंत्री ने किया राम मंद‍िर का ज‍िक्र

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर का जिक्र करते हुए कहा है कि अयोध्या में हम आज भगवान राम का भव्यतम मंदिर बनता हुआ देख रहे हैं। रामलला के मंदिर में विराजमान होने में बस कुछ ही महीने बचे है। शताब्दियों बाद रामलला मंदिर में विराजमान होने जा रहे हैं। लेकिन उनके विराजमान होने से पहले ही कई शुभ शगुन हो रहे हैं।

कहा- सिर्फ पुतले का दहन न हो

विरोधी दलों पर भी तीखा हमला बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा, ‘हमें ध्यान रखना है कि आज रावण का दहन सिर्फ पुतले का दहन न हो। ये दहन हो हर उस विकृति का जिससे समाज का आपसी सौहार्द बिगड़ता है। ये दहन हो उन शक्तियों का जो जातिवाद और क्षेत्रवाद के नाम पर मां भारती को बांटने का प्रयास करती हैं। ये दहन हो उन विचारों का जिनमें भारत का विकास नहीं स्वार्थ की सिद्धि निहित है।’

दशहरे की दीं शुभकामनाएं

प्रधानमंत्री ने देशवासियों को विजयादशमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वह समस्त भारतवासियों को शक्ति उपासना पर्व नवरात्रि और विजय पर्व विजयादशमी की अनेक-अनेक शुभकामनाएं देते हैं। विजयादशमी का ये पर्व,अन्याय पर न्याय की विजय,अहंकार पर विनम्रता की विजय और आवेश पर धैर्य की विजय का पर्व है।

शस्‍त्रों का सही इस्‍तेमाल बताया

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार हम विजयादशमी तब मना रहे हैं,जब चंद्रमा पर हमारी विजय को 2 महीने पूरे हुए हैं। विजयादशमी पर शस्त्र पूजा का भी विधान है। भारत की धरती पर शस्त्रों की पूजा किसी भूमि पर आधिपत्य नहीं, बल्कि उसकी रक्षा को की जाती है।

चंद्रयान की सफलता से लेकर नारी शक्ति की बात

भारत की सीमाओं की रक्षा के प्रति अपनी सरकार की प्रतिबद्धता जताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘हम गीता का ज्ञान भी जानते हैं और आईएनएस विक्रांत और तेजस का निर्माण भी जानते हैं। हम श्रीराम की मर्यादा भी जानते हैं और अपनी सीमाओं की रक्षा करना भी जानते हैं। हम शक्ति पूजा का संकल्प भी जानते हैं और कोरोना में सर्वे सन्तु निरामया के मंत्र को भी जी करके दिखाते हैं। आज भारत चंद्रमा पर विजयी हुआ है। हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन रहे हैं। हमने कुछ सप्ताह पहले ही संसद के नये भवन में प्रवेश किया है। नारी शक्ति को प्रतिनिधित्व देने को ससंद ने ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ पारित किया है। भारत आज विश्व की सबसे बड़ी डेमोक्रेसी के साथ, सबसे विश्वस्त डेमोक्रेसी के रूप में उभर रहा है।’

देशवासियों से 10 संकल्प लेने का आह्वान

प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों से 10 संकल्प लेने का भी आह्वान किया कि, ‘हमें भगवान राम के विचारों का भारत बनाना है। विकसित भारत,जो आत्मनिर्भर हो। विकसित भारत,जो विश्व शांति का संदेश दे। विकसित भारत, जहां सबको अपने सपने पूरे करने का समान अधिकार हो। विकसित भारत,जहां लोगों को समृद्धि और संतुष्टि का एहसास हो।’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने द्वारका की रामलीला में रावण के पुतले का दहन भी किया।

भेंट में मिली राम दरबार की मूर्ति
मंच पर आयोजकों ने प्रधानमंत्री मोदी का पारंपरिक स्वागत किया । बड़ी संख्या में लोग ‘लंका दहन’ देखने को उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहे थे। मोदी का स्वागत शॉल ओढ़ाकर किया गया। उन्हें राम दरबार की मूर्ति और गदा भी भेंट की गई। प्रधानमंत्री ने लोगों से समाज में जातिवाद और क्षेत्रवाद जैसी विकृतियां जड़ से खत्म करने का आह्वान किया।

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