हिंसा पर शपथग्रहण में ही ममता और धनकड़ आमने-सामने

शपथ ग्रहण समारोह में ममता और राज्यपाल में ठनी, पढ़ें- किसने क्या कहा

By: मनोज्ञा लोईवाल
यह पहला मौका नहीं है जब राज्यपाल और ममता बनर्जी आमने सामने आए हों, हंसते हुए मिले हों, लेकिन अपना अपना पक्ष तल्ख अंदाज में रख गए हों. शपथ ग्रहण के मौके पर भी दोनों एक दूसरे पर शब्दों का वार करने में पीछे नहीं हटे.

कोलकाता 05 मई: ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के तौर पर तीसरी बार शपथ ली. शपथ ग्रहण में राज्यपाल उनका परिवार समेत तृणमूल कांग्रेस के लगभग सभी बड़े नेता और राज्य के बड़े अधिकारी शामिल हुए. लेकिन भारतीय जनता पार्टी का कोई भी नेता शामिल नहीं हुआ और ना ही लेफ्ट की तरफ से कोई किसी ने भाग लिया . कांग्रेस की ओर से प्रदीप भट्टाचार्य मौजूद रहे, लेकिन इस शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल और ममता बनर्जी के बीच जमकर नौंकझौंक हुई.

शपथ ग्रहण के बाद राज्यपाल ने तृणमूल कांग्रेस के सांसद और युवा नेता अभिषेक बनर्जी से बात की. तृणमूल के रणनीतिकार प्रशांत किशोर से हाथ पकड़ कर बात की. कुछ दिलचस्प तस्वीरें इस बातचीत की इस पूरे समारोह से आई, लेकिन एक तस्वीर ऐसी भी आई जिसने फिर एक बार राज्यपाल और ममता बनर्जी के बीच लगातार हो रहे छींटाकाशी और विरोध के प्रकरण में एक नया अध्याय जोड़ दिया.

शपथ ग्रहण के बाद ममता बनर्जी ने अपने हाथ में माइक लिया और कहा कि अब उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती कोविड-19 और हिंसा की जो गतिविधियां है उनकी रोकथाम होगी. ममता बनर्जी ने कहा, “हमारी पहली प्राथमिकता होगी कोविड की स्थिति को सुधारना. मैं दोपहर में प्रेस करूंगी, उसमें मैं आपको बता दूंगी. मैं सब राजनैतिक दल से अनुरोध करती हूं कि सब शांति बनाये रखें. बंगाल को अशांति पसंद नहीं है. मैंने देखा है कि चुनाव के परिणाम आने के बाद कहीं कहीं-कहीं हिंसा की घटनायें हुई हैं, लेकिन आज से मैं लॉ एंड आर्डर को सम्भालूंगी और सब ठीक करने की कोशिश करूंगी. कोई अगर अशांति करता है तो उस पर कड़ी करवाई की जायगी.”

जैसे ही ममता ने माइक रखा राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने माइक उठाया और बोलना शुरू कर दिया. उन्होंने कहा कि पिछले 2 दिनों में जिस तरह की हिंसा की घटनाएं हो रही हैं वो गणतंत्र के लिए शर्मनाक हैं और खतरनाक भी.

जगदीप धनखड़ ने कहा, “मैं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बधाई देना चाहता हूं, उनकी तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने के ख़ुशी में, मैं आशा करता हूं कि सरकार नियम और कानून को पूरी तरह से मानते हुए अपना काम करेगी. भारत एक महान लोकतंत्र है. हम बहुत कठिन संकट के क्षण में हैं. मुझे पता चला है कि भारत और भारत के बहार रहने वाले लोग सभी चिंता में हैं.”

उन्होंने आगे कहा, “मैं मुख्यमंत्री के संपर्क में रहूंगा और उन्होंने उचित कदम उठाये हैं जब भी मैंने उन्हें बताया है. हमें इस हिंसा को खत्म करना होगा. यह हिंसा ने समाज को बहुत प्रभाव पहुंचाया है. जब भी ऐसी घटनाये हों तो मुखयमंती को उचित कदम उठाना चाहिए. ताकि जिनको भी इससे नुकसान हुआ है, ज़्यादा कर महिलायें और बच्चे उन तक राहत/मदद पहुंचाना हमारी प्राधमिकता होगी. मैं नई सरकार से आशा करता हूं कि वे एक नई प्रतिबद्धता, सहकारी संघवाद का एक नया दृष्टिकोण. यह एक ऐसा देश है जहां हम संवैधानिक कानून के लिए धीरज से जीवित रहते हैं.”

धनखड़ ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि मुख्यमंत्री, मेरी छोटी बहन इस अवसर के लिए बढ़ेगी. किसी व्यक्ति के लिए लगातार तीसरा कार्यकाल प्राप्त करना सामान्य नहीं है और मुझे यकीन है कि वह करेगी. ऐसे अवसर होते हैं जब राज्य संकट का सामना करता है, आप पार्टी के हितों से ऊपर उठ गए हैं और एक स्तर पर पहुंच गए हैं ताकि शासन हमारी प्रस्तावना के अनुसार एक स्तर तक पहुंच जाए. आपको और आपकी टीम को मेरी शुभकामनाएं.”

बस फिर क्या था ममता बनर्जी ने फिर एक बार माइक उठाया और सफाई में बोलना शुरू किया. उन्होंने कहा कि अब तक राज्य में चुनाव आयोग की चल रही थी और वही बंगाल में हर गतिविधि का जिम्मेदार है. हाल ही में कुछ मिनटों पहले मैंने शपथ ली है और इसके बाद मैं आज सारे दिन मीटिंग करके हर संभव प्रयास करूंगी कि हिंसा पर और हिंसा करने वालों पर कड़ी कार्रवाई हो.

ममता बनर्जी ने कहा, “पुलिस ने सब काम किया है. लेकिन कहीं -कहीं हिंसा की घटनाये हुई हैं और जहां- जहां कुछ पॉलिटिकल पार्टी जाती हैं वहां हिंसा ज़्यादा हो रही हैं. हम यह ख्याल रखेंगे कि जिसने भी ऐसा किया हैं किसी को भी रिहाई ना मिले. और मैं आज ही जा कर नया सेट-अप बनाऊंगी. क्यूंकि यह 3 महीने से मेरे हाथ में नहीं था. इसीलिए बहुत अप्रभावी रहा,प्रशासन अक्षम हुआ. मैं अपील करती हूं कि कोई किसी के ऊपर हिंसा ना करे.”

बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब राज्यपाल और ममता बनर्जी आमने सामने आए हों, हंसते हुए मिले हो लेकिन अपना अपना पक्ष तल्ख अंदाज में रख गए हों. शपथ ग्रहण के मौके पर भी दोनों एक दूसरे पर शब्दों का वार करने में पीछे नहीं हटे. अब देखना यह होगा कि राज्य सरकार में तीसरी बार इतने बड़े बहुमत से आई ममता बनर्जी किस तरह से हिंसा की तस्वीरों पर रोक लगा पाएंगी.

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