नूंह हिंसा का मेवात के जामताड़ा और गौहत्यारों पर छापों से भी है कनेक्शन

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अलर्ट की अनदेखी, गोकशी पर बैन, साइबर क्राइम पर नकेल…CID इंस्पेक्टर ने बता दिया नूंह हिंसा का सच

हरियाणा के नूंह में हुई हिंसा के दौरान अभी तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल समेत तमाम बीजेपी नेता इस हिंसा को सुनियोजित बता रहे हैं। इस बीच मीडिया चैनल आजतक के एक स्टिंग ऑपरेशन में सीआईडी के एक इंस्पेक्टर ने हिंसा के पीछे के कारणों के बारे में बताया है।
चंडीगढ़ 04 अगस्त : हरियाणा के मेवात में निकलने वाले ब्रजमंडल धार्मिक यात्रा के दौरान हुई हिंसा का कसूरवार कौन है ? 6 मौतों के बाद इस बहस में मोनू मानेसर के वायरल वीडियो और सुरक्षा बंदोबस्त जिम्मेदार बताये जा रहे हैं। मीडिया चैनल आज तक के स्टिंग ऑपरेशन में सरकार की लापरवाही उजागर हुई है। इसमें सामने आया है कि मेवात में सांप्रदायिक तनाव के अलर्ट की अनदेखी हुई। मोनू मानेसर को लेकर अफवाह को पुलिस नहीं रोक सकी। इसके अलावा पिछले कई महीनों से मुस्लिम सरकार के कुछ फैसलों के कारण नाराज थे, इस कारण ब्रजमंडल यात्रा के दौरान उन्होंने उपद्रव किया.

एक घंटे में ही हालात हुए थे बेकाबू

नूंह के सीआईडी इंस्पेक्टर विश्वजीत ने बताया कि ब्रजमंडल यात्रा में टकराव को लेकर उनके पास इनपुट था। हफ्ते भर पहले ही वह सरकार को बता चुके थे कि यात्रा के दौरान तलवार लहराए जाएंगे। उन्होंने बताया कि नासिर-जुनैद की हत्या से लोगों के मन में गुस्सा पहले से था। जब मोनू मानेसर के धार्मिक यात्रा में शामिल होने का वीडियो वायरल हुआ तो वे भड़क गए। सीआईडी इंस्पेक्टर ने बताया कि हंगामे को उपद्रव में बदलने में सिर्फ एक घंटा लगा। यात्रा मार्ग के आसपास के गांवों से 17 से 22 साल उम्र के किशोर और युवाओं ने उपद्रव शुरू कर दिया। गोहत्या पर प्रतिबंध और साइबर क्राइम पर अंकुश लगाने को पुलिस की ओर से की गई कार्रवाई के कारण मेवात के कुछ लोग नाराज हैं। इस तरह नूंह हिंसा के जरिये उपद्रवियों ने कई मसलों पर सरकार के खिलाफ अपना गुस्सा निकाला।

हरियाणा का जामताड़ा है मेवात

गौरतलब है कि मेवात साइबर क्राइम के लिए इतना मशहूर हो चुका है कि उसे हरियाणा का जामताड़ा कहा जाने लगा है। यहां के कई इलाकों में साइबर ठगों का गैंग सक्रिय है, जिनमें अनपढ़ और कम पढ़े लिखे लोग भी शामिल हैं। पिछले मई महीने में पुलिस ने पूरे मेवात इलाके में भरतपुर तक साइबर क्राइम के खिलाफ सबसे बड़ा सर्च ऑपरेशन चलाया था। गोहत्या को लेकर आए दिन छापों से भी मुसलमानों में गुस्सा है। गृह मंत्री अनिल विज ने अपने बयान में कहा कि जांच के बाद जल्द ही घटना का सच सामने आएगा और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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 थाने में घुसेड़ दी बस… दस्तावेज आग के हवाले, नूंह हिंसा का ‘नया जामताड़ा’ कनेक्शन जानिए

नूंह हिंसा का जामताड़ा कनेक्शन निकलकर सामने आ रहा है। कहा जा रहा है कि पुलिस जिस तरह से साइबर क्राइम के खिलाफ लगातार छापेमारी कर रही थी, इससे अपराधियों में खासा गुस्सा भरा हुआ था। इसी के चलते अपराधियों ने पुलिस को टारगेट किया।

नूंह हिंसा का जामताड़ा कनेक्शन सामने आया

हरियाणा की नूंह हिंसा का नया जामताड़ा कनेक्शन सामने आ गया है। पुलिस के मुताबिक जिस तरह से साइबर थाने को अपराधियों ने आग के हवाले कर दिया, माना जा रहा है कि इसके पीछे जरूर साइबर अपराधियों का हाथ हो सकता है। बीती 31 जुलाई को नूंह चौक पर सांप्रदायिक झड़प के बाद करीब हथियारों से लैस भारी भीड़ ने साइबर पुलिस स्टेशन को घेर लिया। यहां 20 पुलिसकर्मी करीब 1 घंटे तक फंसे रहे। हिंसा में अब तक दर्ज 46 एफआईआर में से एक खासतौर पर इसको ध्यान में रखते हुए दर्ज की गई है। थाने पर हमले में अपराधियों ने दिल्ली के नंबर वाली पूरी बस ही बाउंड्री तोड़कर घुसेड़ दी। इतना ही नहीं पुलिस पर हमले के साथ ही थाने के दस्तावेज को भी
दंगाइयों ने आग के हवाले कर दिया। पुलिस को इसी बात को लेकर पूरा शक हो चला है कि कहीं न कहीं यह काम जामताड़ा गैंग की तरह काम करने वाले अपराधियों का ही है।
साइबर क्राइम पुलिस भरतपुर और अलवर जो कि हरियाणा राजस्थान सीमावर्ती गांवों से जुड़े है, धोखाधड़ी संबंधित मामलों की जांच कर रही है। इसे नए जामताड़ा के रूप जाना जा रहा है। 1 अगस्त को दर्ज की गई एक अन्य एफआईआर में जिक्र है कि मानेसर डीएसपी मनवीर सिंह के नेतृत्व में एक टीम हिंसा रोकने के लिए नूंह पहुंची। लेकिन अनाज मंडी गेट के पास दंगाइयों की भीड़ ने लोहे की छड़ों और ईटों से हमला बोल दिया। इस हमले में गुड़गांव के खेरकी दौला पुलिस स्टेशन के 2 होमगार्ड नीरज और गुरसेवक गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनकी सोहना के एक अस्पताल में मौत हो गई।

अपराधियों का पुलिस के खिलाफ गुस्सा

जांच का हिस्सा रहे एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि नूंह में साइबर धोखाधड़ी के नेटवर्क को तोड़ने के लिए की जा रही छापेमारी को लेकर अपराधियों का साइबर पुलिस के खिलाफ गुस्सा था। क्योंकि अगर यह मामला सामुदायिक महज होता तो आमतौर पर दो पक्ष के लोग एक दूसरे पर ही हमला करते, लेकिन यहां पर पुलिस भी निशाने पर थी। अपराधियों ने जिस तरह से साइबर थाने को अपना निशाना बनाया, उससे यही लगता है।

बेटी संग छिपकर महिला जज ने बचाई जान

1 अगस्त को दोबारा से दायर एक और मामला महिला सिविल जज से जुड़ा हुआ है,जिसमें 3 साल की बेटी भी उनके साथ थी। भीड़ के हमले से बचने के लिए बस स्टैंड के परिसर में छिप गईं। भारी हथियारों से लैस दंगाई की हिंसा इस बात को बयां करने के लिए काफी दिखी कि किस तरह से यह सब प्लानिंग में किया गया। हिंसा का केंद्र 4 किलोमीटर का इलाका था,जिसमें खेड़ला मोड़,नूंह चौक,बस स्टॉप सहित साइबर पुलिस स्टेशन को निशाना बनाया गया था।

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