निहंग 27 को करेंगे किसान आंदोलन से हटने का फैसला, चार ने किया लखबीर हत्या में सरेंडर

सिंघु बॉर्डर पर हत्या से बैकफुट पर निहंग:27 अक्टूबर को बैठक बुलाई, किसान आंदोलन से हटने का फैसला किया जाएगा

लुधियाणा  18  अक्तूबर। हरियाणा के सोनीपत में सिंघु बॉर्डर पर युवक की बर्बर हत्या के बाद निहंगों को किसान आंदोलन के मोर्चे से हटाने की मांग जोर पकड़ती जा रही है। इसे लेकर निहंग जत्थेबंदियों ने 27 अक्टूबर को सिंघु बॉर्डर पर ही धार्मिक एकत्रता बुला ली है। इसमें फैसला लिया जाएगा कि निहंगों को सिंघु बॉर्डर पर ही रहना है या फिर यहां से चले जाना है।

सिंघु बॉर्डर पर बैठी निहंग जत्थेबंदियों के प्रमुखों में शामिल निहंग राजा राम सिंह ने कहा कि 27 अक्टूबर को सिंघु बॉर्डर पर होने वाली धार्मिक एकत्रता में संत समाज के सभी लोग, बुद्धिजीवी और संगत हाजिर रहेगी। उस दौरान संयुक्त रूप से जो भी फैसला लिया जाएगा, निहंग जत्थेबंदियां उसे मान लेंगी। गौरतलब है कि 15 अक्टूबर को दशहरे वाली सुबह सिंघु बॉर्डर पर तरनतारन के लखबीर सिंह की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में फिलहाल निहंग इस बात पर अड़े हुए हैं कि उनकी ओर से कोई गलती नहीं हुई। लखबीर सिंह ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की इसीलिए उसकी हत्या की गई।

निहंग बाबा राजा राम सिंह ने कहा, ‘हम भागने वाली कौम नहीं हैं। हम अपना किया स्वीकार करते हैं। हमारे चार सिंहों ने गिरफ्तारी दी है। उन्होंने जज के सामने लखबीर को मारने की बात कबूल की भी है। सिंघु बॉर्डर पर हम किसानों की हिमायत और सुरक्षा को आए थे। निहंग फौज बनी ही इसलिए थी कि जब भी सिख कौम पर कोई आपदा आए तो यह फौज डटकर खड़ी होगी।

सिंघु बॉर्डर पर निहंगों के पांच बड़े दल

सिंघु बॉर्डर पर इस समय निहंग जत्थेबंदियों के पांच बड़े दल मौजूद हैं। इनमें से हर दल में 50 से 60 निहंग हैं। इन्होंने टीडीआई मॉल और संयुक्त किसान मोर्चा के मुख्य मंच के पीछे अपने तंबू लगा रखे हैं। यहां मौजूद निहंग जत्थेबंदियों में बुड्ढा दल, बाबा नारायण सिंह का दल और बाबा बलविंदर सिंह का दल प्रमुख हैं। बेअदबी आरोप में लखबीर सिंह की हत्या के मुद्दे पर सभी निहंग जत्थेबंदियां एकजुट है।आगे की रणनीति को  लगातार मीटिंग कर रही हैं।

संयुक्त किसान मोर्चा ने उठाई मांग

दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने लखबीर की हत्या के बाद इस पूरे मामले से पल्ला झाड़ लिया था। मोर्चे के नेताओं ने स्पष्ट किया था कि इस हत्या से उनका कोई लेना-देना नहीं है। पुलिस को इस मामले की गंभीरता से जांच कर आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।

किसान नेता राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव और बलवीर सिंह राजेवाल स्पष्ट कर चुके हैं कि किसान आंदोलन कोई धार्मिक मोर्चा नहीं है, बल्कि यह किसानों का मोर्चा है। संयुक्त किसान मोर्चा हर धार्मिक ग्रंथ का सत्कार करता है, मगर इस तरह किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जा सकती।

बहन के बयान पर उठा रहे सवाल

निहंग जत्थेबंदियां लखबीर सिंह पर 30 हजार रुपए लेकर बेअदबी करने के आरोप लगा रही हैं। उनका कहना है कि लखबीर की बहन राज कौर भी मान रही हैं कि उसके भाई के पास पैसे नहीं होते थे। ऐसे में सवाल ये है कि वह सिंघु बॉर्डर पर पहुंचा कैसे? मरने से पहले लखबीर ने खुद भी माना था कि उसे इसके लिए 30 हजार रुपए दिए गए थे।

दशहरे वाले दिन हुई लखबीर की हत्या दशहरे वाले दिन तड़के साढ़े 3 बजे तरनतारन जिले के चीमा गांव के लखबीर सिंह की सिंघु बॉर्डर पर निर्मम हत्या कर दी गई थी। मरने से पहले उसका एक हाथ और पैर काट दिया गया। लखबीर के दम तोड़ने के बाद उसकी बॉडी संयुक्त किसान मोर्चा की स्टेज के पीछे बैरिकेड से लटका दी गई। निहंगों का आरोप है कि लखबीर ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की जिसकी सजा उसे दी गई।

मामले में चार निहंग पुलिस के सामने सरेंडर कर चुके। चारों ने सोनीपत में जज के सामने अपराध कबूल भी कर लिया। हालांकि लखबीर सिंह के बेअदबी किए जाने के सबूत अभी तक सामने नहीं आए हैं।

निहंगों का कबूलनामा:निहंग नारायण ने तलवार से लखबीर का पैर काटा, सरबजीत ने हाथ; भगवंत-गोविंदप्रीत ने बैरिकेड पर लटकाया

हरियाणा में सोनीपत के सिंघु बॉर्डर पर लखबीर सिंह की हत्या के मामले में शनिवार को सरेंडर करने वाले 3 निहंगों को रविवार को सोनीपत कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान निहंग नारायण सिंह ने जज को बताया कि उसने किस तरह लखबीर सिंह को मारा। नारायण सिंह ने जज किमी सिंगला से कहा, ‘मैंने तलवार से लखबीर की टांग काटी और सरबजीत ने हाथ का पंजा। भगवंत और गोविंदप्रीत ने दम तोड़ने के बाद लखबीर की बॉडी बैरिकेड पर लटकाने में मदद की।

निहंगों के अपराध कबूल करने के मौके पर जज ने दो पत्रकारों को भी सुनवाई की रिपोर्टिंग को कोर्ट रूम में बुलाया। शुक्रवार सुबह हुई लखबीर की हत्या मामले में अब तक 4 निहंग पुलिस के सामने सरेंडर कर चुके हैं। इनमें से नारायण सिंह, भगवंत सिंह और गोविंद प्रीत ने शनिवार को सरेंडर किया, जबकि सरबजीत सिंह शुक्रवार को ही सरेंडर कर चुका है।

कोर्ट में पेशी के बाद तीनों निहंगों को लेकर जाती पुलिस।

निहंग नारायण सिंह, भगवंत सिंह और गोविंदप्रीत को पुलिस ने रविवार को दोपहर 2.40 बजे ड्यूटी मजिस्ट्रेट किमी सिंगला की कोर्ट में पेश किया। इस दौरान कोर्ट परिसर में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे। कोर्ट रूम में 2.45 बजे सुनवाई शुरू हुई, तो पुलिस ने तीनों आरोपितों का 14 दिन का रिमांड मांगा।

पुलिस ने दलील दी कि आरोपितों से हत्या में इस्तेमाल की गई तलवार बरामद की जानी है। खून से सने कपड़े भी अभी तक बरामद नहीं हुए हैं। तीनों को हरियाणा से बाहर भी कई जगह लेकर जाना है, ताकि हत्या में शामिल उनके अन्य साथियों की पहचान और गिरफ्तारी हो सके। घटनास्थल की पहचान भी कराई जानी है। घटनास्थल से सबूत किसने मिटाए, इसका पता करना भी बाकी है।

नारायण सिंह ने जुर्म कबूला, भगवंत-गोविंदप्रीत चुप रहे

जब पुलिस निहंगों का रिमांड मांग रही थी, उसी दौरान कोर्ट रूम में पेश किए गए नारायण सिंह ने जज किमी सिंगला के सामने अपना अपराध कबूल कर लिया। नारायण सिंह ने जज से कहा, ‘हत्या में जो-जो शामिल रहे, वह सरेंडर कर चुके हैं। लखबीर ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब का अपमान और बेअदबी की। इस पर मैंने तलवार से उसकी टांग काट दी। सरबजीत ने उसकी बाजू काटी। वहीं पर मौजूद भगवंत सिंह और गोविंदप्रीत ने लखबीर को बेरिकेड पर लटकाने में मदद की।’ निहंग नारायण सिंह जिस समय जज को यह सब बता रहा था तब कोर्ट में भगवंत सिंह और गोविंदप्रीत चुपचाप खड़े रहे।

शनिवार को सरेंडर करने वाले 3 निहंगों को रविवार को सोनीपत कोर्ट में पेश किया गया।

हत्या में हम चारों के अलावा और कोई शामिल नहीं

निहंग नारायण सिंह ने जज के सामने गुनाह कबूल करते हुए दावा किया कि इस वारदात में वह, सरबजीत, भगवंत सिंह और गोविंदप्रीत ही शामिल थे। उन चारों के अलावा इस हत्या में और कोई शामिल नहीं था। दोनों पक्षों को सुनने और नारायण सिंह के कबूलनामे के बाद रिमांड पर फैसला देने के लिए अदालत ने 3.10 बजे 15 मिनट का ब्रेक लिया। ब्रेक के दौरान गोविंदप्रीत ने पुलिस से पानी मांगा। इस पर एक जवान को पुलिस की गाड़ी से पानी की बोतल लेने के लिए भेजा गया।

6 दिन का रिमांड मंजूर, रोज मेडिकल कराएगी पुलिस

अदालत 3.25 बजे दोबारा बैठी और तीनों आरोपियों को 6 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया। अब इन तीनों को 22 अक्टूबर को चौथे आरोपित सरबजीत सिंह के साथ ही कोर्ट में पेश किया जाएगा। अदालत ने सरबजीत सिंह की तरह इन तीनों आरोपितों का भी रोजाना मेडिकल कराने, उन्हें रोजाना एक घंटे अपने वकील से बात करने और डेली बेसिस पर इसकी डीडीआर दर्ज करने के आदेश दिए।

निहंगों की पेशी के दौरान कोर्ट परिसर में मीडिया को दूर ही रोक दिया गया था।

पत्रकारों को जज ने बुलाया कोर्ट रूम में

पुलिस ने कोर्ट में पेशी के दौरान शनिवार को आरोपित सरबजीत सिंह की पगड़ी उतरने की घटना को गंभीरता से लेते हुए रविवार को मीडियाकर्मियों को आरोपितों के पास जाने की इजाजत नहीं दी। पत्रकारों को पुलिस की गाड़ियों से दूर रखा। इसे लेकर कुछ पत्रकारों की पुलिसवालों से बहस भी हो गई। हालांकि कोर्ट में निहंगों के रिमांड पर सुनवाई के दौरान जज किमी सिंगला ने दो पत्रकारों को प्रोसिडिंग देखने-सुनने को कोर्ट रूम के अंदर बुलाया। जज के कहने के बावजूद पुलिस ने कुछ देर तक किसी पत्रकार को अंदर नहीं जाने दिया। इस पर कोर्ट का कर्मचारी जज के आदेश पर बाहर आया और दो पत्रकारों को साथ ले गया।

बचाव पक्ष के वकील ने जुर्म कबूलने की बात नकारी

निहंग नारायण सिंह, भगवंत सिंह और गोविंदप्रीत सिंह की ओर से कोई वकील कोर्ट में पेश नहीं हुआ। इस पर कोर्ट ने वकील संदीप भारद्वाज को उनका वकील नियुक्त किया। तीनों निहंगों का 6 दिन का पुलिस रिमांड मंजूर होने के बाद अदालत से बाहर निकले वकील संदीप भारद्वाज से जब नारायण सिंह के कबूलनामे के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं हुआ।

पुलिस का दावा- वारदात कबूली, अब सबूत जुटाएंगे

लखवीर हत्याकांड की जांच कर रहे सोनीपत के DSP वीरेन्द्र सिंह ने कहा कि कोर्ट में निहंगों ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है। अब पुलिस चारों से रिमांड के दौरान सबूत जुटाएगी।

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