मिजोरम के नवांचेउवा ब्रिटिश करायुक्त की हत्या कर गए काला पानी, वहीं हुआ बलिदान

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चरित्र-निर्माण, समाज-सुधार तथा राष्ट्रवादी जन-चेतना के लिए समर्पित *मातृभूमि सेवा संस्था* आज देश के स्वतन्त्रता सेनानीयों, क्रांतिकारियों एवम ज्ञात-अज्ञात राष्ट्रभक्तों को उनके अवतरण, स्वर्गारोहण व बलिदान दिवस पर कोटिश: नमन करती है।🙏🙏🌷🌷

*🏹🏹नवांचेउवा जी🏹🏹*

📝 राष्ट्रभक्त साथियों, मातृभूमि सेवा संस्था इस बात को विशेष ध्यान रखती है कि आप सभी तक प्रत्येक दिवस पर तिथिनुसार राष्ट्रभक्तों के त्याग एवम बलिदान की विस्तृत जानकारी पहुँच पाए, किंतु ऐसे कई क्रांतिवीर हुए हैं जिनके विषय में बहुत कम जानकारी उपलब्ध है। साथियों आज हम बात करेंगे लुशाई (मिजोरम) में पिता तैलेरा जी के घर जन्मे नवांचेउवा जी के बारे में, जो अपने क्षेत्र के कबीले के सरदार थे। ब्रिटिश सरकार के अत्याचार के कई तरीकों में से एक था, नागरिकों से अधिक से अधिक कर वसूल करना।

📝 साथियों लुशाई क्षेत्र में अपनी पकड़ को मजबूत करने हेतु ब्रिटिश सरकार ने वहाँ अपना सैनिक छावनी के विस्तार के लिए स्थानीय निवासियों पर बहुत ज्यादा कर लगा दिया। इस बात से दुखी लुशाई के कबीला के सरदार नवांचेउवा जी ने सन् 1897 में इस कर वसूली पर विद्रोह कर दिया और लुशाई के ब्रिटिश कर आयुक्त *(TAX COMMISSIONER)* को मार डाला। अंग्रेजों की पकड़ से बचने के लिए नवांचेउवा जी घने जंगल में छिप गए, किंतु स्थानीय साथियों ने उन्हें जंगल में सूचना दी कि अंग्रेज उन्हें सता रहे है तो उन्होंने ब्रिटिश अधिकारी *जे. शेक्सपीयर* के समक्ष आत्म समर्पण कर दिया। उन्हें ब्रिटिश राज के खिलाफ युद्ध छेड़ने के अपराध में आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई और अंडमान में कलापानी की सजा काटने के लिए डाल दिया गया, जहाँ अत्याधिक अमानवीय अत्याचारों के कारण असमय बलिदान हुए।

*नोट:-* लेख में कोई त्रुटि हो तो अवश्य मार्गदर्शन करें।

✍️ राकेश कुमार
*🇮🇳 मातृभूमि सेवा संस्था 9891960477 🇮🇳*

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