नारदा स्टिंग: दो मंत्रियों समेत टीएमसी के चार नेताओं की जमानत हाको से रद्द

बंगाल में नारदा स्टिंग केस:ममता के 2 मंत्रियों समेत 4 नेताओं की जमानत कोलकाता हाईकोर्ट ने खारिज की, 5 घंटे पहले स्पेशल कोर्ट से मिली थी बेल
CBI की कार्रवाई के विरोध में तृणमूल कार्यकर्ता जांच एजेंसी के दफ्तर के बाहर जमा हो गए। पुलिस को उन्हें हटाने के लिए हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा।
मंत्रियों की गिरफ्तारी के बाद तृणमूल समर्थकों ने CRPF जवानों और CBI दफ्तर पर किया था पथराव, ममता के खिलाफ FIR

कलकत्ता 17 मई। पश्चिम बंगाल के चर्चित नारदा स्टिंग केस में कलकत्ता हाईकोर्ट ने देर रात ममता बनर्जी सरकार के दो मंत्रियों समेत चार TMC नेताओं को जमानत दिए जाने वाले आदेश पर रोक लगा दी है। इसके पहले इन चारों नेताओं को CBI ने गिरफ्तार किया था और इन्हें स्पेशल कोर्ट से जमानत भी मिल गई थी।

गिरफ्तार सभी आरोपितों को सीबीआई की न्यायिक हिरासत में रहना होगा। अब मामले में अगली सुनवाई 19 मई को होगी।

इससे पहले सुबह करीब 10 बजे CBI ने ममता बनर्जी के दो मंत्रियों समेत चार नेताओं को CBI की विशेष कोर्ट ने गिरफ्तारी के 7 घंटे बाद ही जमानत दे दी थी। केंद्रीय जांच एजेंसी ने इसके पहले हाईकोर्ट का रुख किया था और एजेंसी ने कोर्ट में कहा कि वो यहां ठीक से काम नहीं कर पा रहे हैं और उनकी जांच प्रभावित हो रही है। इसके बाद पांच घंटे में ही हाईकोर्ट ने स्पेशल कोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए चारों नेताओं की जमानत का आदेश खारिज कर दिया।

CBI ने सोमवार को कई जगह छापे मारे थे। इसके बाद ममता सरकार में मंत्री फिरहाद हाकिम, सुब्रत मुखर्जी, विधायक मदन मित्रा और पूर्व मेयर शोवन चटर्जी से पूछताछ की थी। पूछताछ के बाद सभी को अरेस्ट कर लिया गया था। उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था। CBI कोर्ट से इन चारों नेताओं की कस्टडी चाहती थी, लेकिन शाम को जस्टिस अनुपम मुखर्जी की विशेष अदालत ने इन्हें 50-50 हजार के निजी मुचलके पर जमानत दे दी।

6 घंटे CBI दफ्तर में मौजूद रहीं ममता

इधर, CBI की सुबह की कार्रवाई के बाद एक बार फिर केंद्रीय एजेंसी और बंगाल सरकार के बीच तनातनी दिखी। अपने मंत्रियों से पूछताछ के दौरान ही बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी CBI के दफ्तर पहुंचीं। उन्होंने CBI से कहा कि आप मुझे भी गिरफ्तार करिए। सिर्फ TMC नेताओं पर ही कार्रवाई क्यों हो रही है? भाजपा में गए मुकुल रॉय और शुभेंदु अधिकारी पर कोई एक्शन क्यों नहीं लिया जा रहा? ममता बनर्जी करीब 6 घंटे तक CBI के ऑफिस में ही मौजूद रहीं। आखिरकार कोर्ट के फैसले की बात कह कर वो वहां से लौट गईं।

#WATCH | West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee arrived at the CBI office pic.twitter.com/eNvpSeu692

— ANI (@ANI) May 17, 2021
उनके वकील ने भी कहा कि बिना नोटिस के मंत्रियों और विधायक को अरेस्ट नहीं किया जा सकता है। ममता के CBI दफ्तर जाने के बाद तृणमूल कार्यकर्ता भी वहां जमा हो गए और पथराव किया। इसके बाद पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा।

CRPF जवानों पर हमले के बाद ममता के खिलाफ FIR
बंगाल में कई जगहों पर CRPF जवानों, CBI पर्सनल्स और भाजपा कार्यकर्ताओं पर भी हमले की खबरे हैं। इसके बाद बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने राज्य में फैल रही हिंसा को लेकर ममता बनर्जी के खिलाफ FIR दर्ज करवाई है। इसकी कॉपी राज्यपाल जगदीप धनखड़ को भी भेजी गई है।

#WATCH | Security forces carried out baton charges against TMC protesters outside the CBI office in West Bengal. pic.twitter.com/yfdWmYLmB4

— ANI (@ANI) May 17, 2021
राज्यपाल बोले- बंगाल में हर मिनट बदतर हो रहे हालात
राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि TV चैनलों के जरिए पता चला कि कोलकाता में CBI दफ्तर पर तृणमूल समर्थकों ने पथराव किया। इसके बावजूद कोलकाता पुलिस और बंगाल पुलिस का मूकदर्शक बनकर देखते रहना शर्मनाक है। इनसे कहना चाहता हूं कि कानून के हिसाब से काम करें। बंगाल में हालात हर मिनट बदतर होते जा रहे हैं। ममता सरकार संविधान के मुताबिक काम करे और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठाए।

TMC सांसद ने राज्यपाल को कहा पागल कुत्ता

इस बीच TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ पर हमला बोला है। बनर्जी ने अपने नेताओं की गिरफ्तारी पर कहा कि राज्य सरकार के परामर्श के बिना प्रतिशोध के लिए ऐसा किया गया है। राज्यपाल खून चूसने वाले (Bloodsucker) बन गए हैं। वह अब भाजपा से 2024 के चुनाव के लिए टिकट हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं, इसलिए वह टीएमसी के खिलाफ जो चाहें कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्यपाल सनकी हैं, खून चूसने वाले हैं। उन्हें यहां एक मिनट भी नहीं रुकना चाहिए। पागल कुत्ते की तरह इधर-उधर घूम रहे हैं।

छापेमारी के बाद CBI दफ्तर लाया गया

इससे पहले CBI की टीम सोमवार सुबह ही फिरहाद हकीम के घर पहुंची थी। थोड़ी देर की तलाशी के बाद CBI उन्हें अपने साथ ले जाने लगी। इस दौरान उन्होंने कहा कि मुझे नारदा घोटाले में गिरफ्तार किया जा रहा है। इसके बाद CBI सुब्रत मुखर्जी और मदन मित्रा को भी लेकर CBI दफ्तर पहुंची।

इसके अलावा पूर्व भाजपा नेता सोवन चटर्जी के घर पर भी छापेमारी की गई। सोवन ने चुनाव से पहले तृणमूल छोड़कर भाजपा जॉइन की थी। हालांकि, विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने के बाद उन्होंने भाजपा भी छोड़ दी थी।

राज्यपाल से मांगी थी इजाजत

हाल ही में CBI ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ से नारद स्टिंग मामले में इन चारों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए अनुमति मांगी थी। ये सभी उस समय मंत्री थे, जब कथित स्टिंग टेप सामने आया था। चुनाव के फौरन बाद ही राज्यपाल ने CBI को इजाजत दे दी थी।

नारदा स्टिंग के बाद CBI जांच शुरू हुई

2016 में बंगाल में असेंबली इलेक्शन से पहले नारदा न्यूज पोर्टल ने जुड़े टेप जारी किए गए थे। इस स्टिंग ऑपरेशन के बाद दावा किया गया कि टेप 2014 में रिकॉर्ड किए गए हैं। टेप के हवाले से तृणमूल के मंत्री, सांसद और विधायकों पर डमी कंपनियों से कैश लेने के आरोप लगाए गए थे। कलकत्ता हाईकोर्ट में ये मामला पहुंचा था। हाईकोर्ट ने 2017 में इसकी CBI जांच के आदेश दिए थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *