समान नागरिक संहिता पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड चौकन्ना,आधी रात बैठक में विरोध का फैसला

All India Muslim Personal Law Board Convene Emergency Meeting On Uniform Civil Code

समान नागरिक संहिता पर प्रधानमंत्री मोदी के बयान से हलचल तेज, AIMPLB ने देर रात आपात वर्चुअल बैठक कर बनाई रणनीति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को जैसे ही समान नागरिक संहिता की जरूरत पर जोर दिया, देशभर में राजनीतिक पारा चढ़ गया। विपक्षी दलों ने सरकार पर ‘बांटने की राजनीति’ का आरोप लगाया। इस बीच, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने देर रात बैठक कर इस विषय पर विरोध की रणनीति पर चर्चा की।

हाइलाइट्स
समान नागरिक संहिता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के बाद हलचल तेज
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मंगलवार देर रात की आपात बैठक

लॉ कमीशन के सामने यूसीसी के खिलाफ ड्राफ्ट पेश करेगा बोर्ड

प्रधानमंत्री मोदी ने की है समान नागरिक संहिता की जोरदार वकालत

नई दिल्ली 28 जून : राम मंदिर और अनुच्छेद 370 के बाद भाजपा  अब अपने तीसरे महत्वपूर्ण अजेंडे समान नागरिक संहिता पर आगे बढ़ने को तैयार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कॉमन सिविल कोड का जोरदार पक्ष लिया। इससे विपक्षी दलों के साथ-साथ मुस्लिम संगठनों में भी खलबली मच गई है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने आनन-फानन में देर रात आपात बैठक की। करीब 3 घंटे चली बैठक में तय किया गया कि इस विषय पर लॉ कमीशन को एक प्रारुप तैयार करके भेजा जाएगा। ऑनलाइन बैठक में प्रस्तावित कानून का विरोध करने की रणनीति पर चर्चा हुई।

वर्चुअल बैठक में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष सैफुल्लाह रहमानी, मौलाना खालिद राशिद फिरंगी महली समेत AIMPLB के कई सदस्य और वकील शामिल हुए। बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि बोर्ड लॉ कमीशन के सामने समान नागरिक संहिता का पुरजोर विरोध करेगा। बैठक में कमीशन के सामने प्रस्तुत किए जाने वाले प्रारूप और प्रपत्र को भी अंतिम रूप दिया गया।

मंगलवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल में एक कार्यक्रम के दौरान समान नागरिक संहिता की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि संविधान में सभी नागरिकों के लिए एक समान अधिकार मिला है। दो अलग-अलग कानूनों से घर तक नहीं चलता तो देश कैसे चलेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आजकल समान नागरिक संहिता पर लोगों को भड़काया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा तुष्टीकरण का रास्ता नहीं अपनाएगी और वोट बैंक की राजनीति नहीं करेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर मुस्लिम समुदाय को गुमराह करके भड़का रहा है।

समान नागरिक संहिता की लंबे वक्त से मांग होती रही है। कुछ महीने पहले केंद्रीय कानून मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे पर एक शपथपत्र दिया था। उसमें कहा गया है कि अलग-अलग धर्म के लोगों के लिए संपत्ति, वैवाहिक विवाद जैसे नागरिक विषयों पर अलग-अलग कानून देश की एकता के लिए खतरा हैं। सुप्रीम कोर्ट भी अलग-अलग समय पर दिए अपने कई निर्णयों में समान नागरिक संहिता की जरूरत पर जोर दे चुका है। इसी महीने लॉ कमीशन ने इस विषय पर देशवासियों और संगठनों से सुझाव मांगे हैं।

समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड का मतलब देश के सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून है। देश में क्रिमिनल कोड तो सबके लिए समान है। आपराधिक मामलों से जुड़े सभी कानून समान हैं लेकिन संपत्ति, शादी, तलाक, उत्तराधिकार, गोद लेने जैसे नागरिक मामलों में अलग-अलग पंथ के लोगों के लिए अलग-अलग पर्सनल लॉ हैं। इन्हें खत्म कर सबके लिए समान नियम-कानून बनाना भाजपा के महत्वपूर्ण चुनावी वादों में से एक है।

 

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