ज्ञान: एक ही पैर पर क्यों घंटों खड़े रहते हैं राजहंस? रंग गुलाबी ही क्यों?

विज्ञान:एक ही पैर पर घंटों कैसे खड़े रह लेते हैं राजहंस? वैज्ञानिक वजह जानकर उड़ जाएंगे होश

आपने राजहंसों को एक पैर पर खड़े जरूर देखे होगा. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये राजहंस एक पैर पर घंटों तक कैसे खड़े रह लेते हैं.

एक ही पैर पर घंटों कैसे खड़े रह लेते हैं राजहंस? वैज्ञानिक वजह जानकर उड़ जाएंगे होश
वैज्ञानिकों ने मानी एक पैर पर खड़े रहने की थ्योरी

नई दिल्ली 10 जनवरी: आपने कई बार फ्लेमिंगो यानी राजहंस को एक पैर खड़े देखा होगा. लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि है कि ये राजहंस लंबे समय तक एक पैर पर कैसे खड़े रहते हैं और इन्हें क्‍या फायदा होता है? लेकिन एक लंबी बहस के बाद कई वैज्ञानिक एक प्वाइंट पर सहमत हुए हैं और एक नतीजे पर पहुंचे हैं कि राजहंस के एक पैर पर घंटों खड़ा रहने की वजह क्‍या है?

कैसे घंटों तक खड़े रहते हैं राजहंस?

ब्रिटेनि‍का वेबसाइट के मुताबिक, एक रिसर्च के बाद पता चला है कि लंबे समय तक दोनों पैरों पर खड़े रहकर राजहंसों को जल्दी थकान महसूस होने लगती है. दोनों पैरों के सहारे थड़े रहने पर उनकी मांसपेशियां दुखने लगती हैं. इसलिए वे पहले एक पैर पर खड़े रहते हैं, फिर कुछ समय बाद दूसरे पैर का इस्तेमाल करते हैं.

क्या कहते हैं वैज्ञानिक?

एक अन्य रिसर्च कहती है कि राजहंस एक पैर को शरीर से चिपकाकर रखता है. ऐसा करके वह अपने शरीर का तापमान मेंटेन रखता है. थ्‍योरी के मुताबिक, पंखों और पैरों के ज्यादा इस्‍तेमाल के कारण काफी हद तक शरीर की गर्माहट कम हो जाती है. इसे वापस बरकरार रखने के लिए वो एक पैर को ऊपर रखते हैं. दोनों ही थ्‍योरी को लेकर वैज्ञानिकों में एक लंबी बहस चली है, लेकिन पहली थ्‍योरी को लेकर ज्‍यादातर वैज्ञानिकों ने सहमति जताई. एक्‍सेटर यूनिवर्सिटी के जूलॉजिस्‍ट डॉक्टर पॉल रोज का कहना है, मांसपेशियों को थकान से बचाने के लिए राजहंस एक पैर पर खड़े रहते हैं. ऐसा करके वो अपनी ऊर्जा को बचाने की कोशिश करते हैं. इस बात पर भले ही आपको विश्‍वास न हो, लेकिन ये लंबे समय तक एक ही पैर पर खड़े रह सकते हैं, क्‍योंकि इनके पैरों में एक तरह का लॉकिंग सिस्‍टम होता है, जिससे ये लंबे समय तक ऐसा कर पाते हैं.

राजहंसों के पैरों में होती है यह चीज

आपको बता दें कि सिर्फ राजहंस ही नहीं, बत्‍तख और हंस भी ऐसा कर सकते हैं. इनमें भी पैरों को ऐसे इस्‍तेमाल करने के पीछे यही मैकेनिज्‍म है. इनके पैरों में ऐसे टेंडेंस और लिगामेंट होते हैं जो देर तक ऐसा करने में इनकी मदद करते हैं.

फ़्लेमिंगो क्यों होते हैं गुलाबी, वजह जानकर रह जाएंगे हैरान

आपने कभी सोचा है कि फ़्लेमिंगो (राजहंस) गुलाबी क्यों होते हैं..? ठहरिए जनाब आप अकेले ही ऐसा नहीं सोचते बल्कि बहुत से लोग इस बारे में सोचते हैं कि आखिर क्यों फ़्लेमिंगो एक समुद्री पक्षी होते हुए भी इस तरह के असामान्य रंग का है। आपके बच्चे भी आपसे ऐसा ही सवाल कर सकते हैं। ऐसे में आपको जवाब तो मालूम होना ही चाहिए…

आप अगर समुद्र के किसी अन्य पक्षी को देखें तो पाएंगे ज्यादातर सफेद या फिर भूरे रंग का मिलेगा लेकिन फ़्लेमिंगो का क्लर उसे सबसे अलग बनाता है। हम जानते हैं इसका जवाब आपके पास नहीं होगा। इसके पीछे भी साइंस काम करती है।

अन्य समुद्री पक्षी जैसे कि गल्स या पेलिकन के पास ऐसे भव्य रंगीन पंख नहीं हैं। लेकिन एक समानता इनमें जरूर पाई जाती है। अन्य पक्षी भी फ्लेमिंगो की तरह ही समान वातावरण में पलते बढ़े होते हैं। इसके बावजूद उनके पंख हमेशा ग्रे और सफेद होते हैं।

अब आपके मन में सवाल आएगा तो, क्या इसका मतलब ये हुआ कि फ़्लेमिंगो कोई विशिष्ट पक्षी है? क्यों उनके पंख भूरे रंग के बजाय गुलाबी है? आप विश्वास करें या नहीं लेकिन साइंस तो ये ही कहती है कि जैसा कि उनके पंख का रंग उनके आहार से जुड़ा है। आप ये बात जानकर तो जरूर चौंक जाएंगे कि फ्लेमिंगो जन्मजात गुलाबी नहीं होते।

फ्लेमिंगो पक्षी के पंखों के बारे में सबसे आश्चर्यजनक चीजों में से एक यह है कि वे समय के साथ गुलाबी होते हैं। ये पक्षी बड़े होते हैं। वास्तव में, ये ग्रे पंखों के साथ पैदा होते हैं।

अगर हम बेबी फ़्लमिंगो के बारे में बात करें तो ये बेहद रोचक ढंग से बड़े होते हैं। शुरूआत में अन्य समुद्री पक्षी के साथ इनकी तुलना करना मुश्किल होता है लेकिन जब ये बड़े होते हैं तो इनके पंखों का रंग बदलने लगता है और ये बेहद आकर्षक और विशिष्ट दिखने लगते हैं।

क्या खाते हैं फ्लेमिंगो

फ्लेमिंगो सीगल की ही तरह आहार में मछली, कीड़े, कचरा, फ्राइज़, बीज, आदि खाते हैं लेकिन वास्तव में फ्लेमिंगो बहुत अधिक चयनात्मक ढंग से अपना आहार लेते है।

फ्लेमिंगो जल जीवों, ज्यादातर शैवाल और झींगा खाना पसंद करते हैं। लेकिन यह उनके पंख के रंग को प्रभावित क्यों करेगा? यह ऐसा होता है कि झींगा और शैवाल सभी रंगों में उच्च होते हैं जिन्हें कैरोटीनॉयड कहा जाता है। ये आप ऐसे समझ सकते हैं। ये कोई संयोग नहीं है कि जब हम झींगा को उबाल दें तो वे गुलाबी रंग के हो जाते हैं। इसलिए ये कहा सकते हैं कि फ्लेमिंगो ‘आहार मुख्य रूप से कैरोटीनॉइड पदार्थों को सबसे ज्यादा लेते हैं, इसलिए वे गुलाबी हो जाते हैं।

कैरोटीनोइड में आते हैं ये अन्य खाद्य पदार्थ

अगर आपकोे अपनी त्वचा फ्लेमिंगो की तरह गुलाबी चाहिए तो आप ये खाद्य पदार्थ खा सकते हैं क्योंकि इनमें कैरोटीनोइड पाया जाता है।

-गाजर
-खुबानी
-स्क्वाश
-मीठे आलू
-आम

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