पुणे:उत्तराखंड की ‘मशरुम गर्ल’ दिव्या रावत भाई के साथ धोखाधड़ी में बंदी

Mushroom Girl Divya Rawat Along With Brother Arrested In Pune Had Cheated A Local Businessman
मशरूम गर्ल दिव्या रावत भाई सहित पुणे में गिरफ्तार, स्थानीय कारोबारी से धोखाधड़ी का आरोप

पुणे स्थित परामर्श फर्म के मालिक जितेंद्र नंदकिशोर भाखड़ा ने 27 दिसंबर 2022 को पुणे ग्रामीण के थाना पौंड में दिव्या रावत और उसके भाई के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
देहरादून/पुणे 12 फरवरी 2024 । मशरूम गर्ल दिव्या रावत और उसके भाई राजपाल रावत को पुणे पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दोनों पर पुणे ग्रामीण के पौंड थाने में एक कारोबारी ने धोखाधड़ी का मुकदमा कराया था। जांच में पता चला कि दिव्या रावत ने कारोबारी को फंसाने को एक झूठा मुकदमा देहरादून में कराया था। इसके लिए रावत ने एक फर्जी शपथपत्र मेरठ में बनवाया। दोनों को पुणे ग्रामीण कोर्ट ने दो दिन की पुलिस कस्टडी के आदेश दिए हैं। बताया जा रहा है कि पुणे पुलिस दिव्या और उसके भाई को देहरादून भी लेकर आ सकती है।
गौरतलब है कि दिव्या रावत उत्तराखंड में मशरूम गर्ल के नाम से विख्यात है। वह अपने भाई के साथ सौम्या फूड कंपनी संचालित करती है। पुणे स्थित परामर्श फर्म के मालिक जितेंद्र नंदकिशोर भाखड़ा ने 27 दिसंबर 2022 को पुणे ग्रामीण के थाना पौंड में दिव्या रावत और उसके भाई पर मुकदमा किया था। भाखड़ा का कहना था कि वह 2019 में अपनी फर्म के लिए कोई काम देख रहे थे। तभी उनका संपर्क दिव्या रावत से हुआ। दिव्या रावत ने कहा था कि वह अपने भाई राजपाल के साथ कॉर्डिसेस फिटनेस नाम से एक प्रोडक्ट शुरू कर रही है। इसके लिए वह एक शोरूम भी बनाना चाहती है। इस प्रस्ताव पर भाखड़ा ने हां कर दी और महाराष्ट्र से कारीगर बुलाकर काम शुरू करा दिया।
सारे काम में एक करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्च हुआ। इसका बिल उन्होंने दिव्या रावत को भेजा तो उन्होंने केवल 57 लाख रुपये ही देने को कहा। रावत से पैसा मांगा तो वह गाली-गलौज और झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी देने लगी। सितंबर 2022 में पता चला कि दिव्या रावत के भाई राजपाल रावत ने भाखड़ा के खिलाफ नेहरू कॉलोनी में मुकदमा कर आरोप लगाया कि उन्होंने 77 लाख रुपये की ठगी की है। पौंड पुलिस ने अपने मुकदमे में जांच शुरू की तो पता चला कि दिव्या रावत ने जो भाखड़ा के नाम से शपथपत्र बनवाया था वह मेरठ में झूठा बनवाया गया था।

इस आधार पर दिव्या रावत और राजपाल रावत के खिलाफ जालसाजी की धाराएं भी जुड़ गईं। पौंड थाना प्रभारी इंस्पेक्टर मनोज यादव ने बताया कि दिव्या रावत और राजपाल रावत को नौ फरवरी को गिरफ्तार किया गया। दोनों की दो दिन की पुलिस कस्टडी मिली।
समझौते का ड्राफ्ट लेने पुणे गए थे दोनों
बताया जा रहा है कि दिव्या देहरादून में भाखड़ा पर मुकदमे से बचाने को उनसे पैसे मांग रही थी। कुल 32 लाख रुपये मांगे गए। भाखड़ा 10 लाख रुपये देने को तैयार हो गये और दिव्या रावत और राजपाल रावत को 10 लाख रुपये का ड्राफ्ट देने पुणे बुलाया। भाखड़ा ने दिव्या को ड्राफ्ट दिया तो पौंड पुलिस ने दिव्या और उनके भाई को गिरफ्तार कर लिया।
जेल भी जा चुके भाखड़ा
दिव्या ने भाखड़ा पर आरोप लगाया था कि उन्होंने 77 लाख रुपये लेकर भी काम नहीं किया। इसके लिए दिव्या ने भाखड़ा की फर्म के नाम से एक फर्जी शपथपत्र मेरठ से तैयार कराया। पुलिस ने जांच कर भाखड़ा को गिरफ्तार कर लिया था। भाखड़ा कुछ दिनों तक जेल में भी रहे थे।

सफल उद्यमी है दिव्या 

Mushroom Girl Divya Rawat Arrested With Brother In Fraud Case

कहते हैं कि सफलता को पचाना हर किसी के बस की बात नहीं है। ऐसा ही कुछ हुआ लगता है उत्तराखंड की मशरूम उत्पादक ब्रांड एंबेसडर दिव्या रावत के साथ। एक कमरे से मशरूम उत्पादन का काम शुरू कर साल भर में करोड़ों कमाने वाली दिव्या रावत और उसके भाई राजपाल रावत को महाराष्ट्र की पुणे पुलिस ने जालसाजी के आरोप में गिरफ्तार किया है। दिव्या रावत उत्तराखंड में मशरूम गर्ल नाम से प्रसिद्ध  हैं। वह अपने भाई के साथ सौम्या फूड कंपनी चलाती हैं।
पुणे मानसेलक भुकूम (पौड़) निवासी परामर्श फॉर्म के मालिक जितेंद्र नंदकिशोर भाखड़ा ने 27 दिसंबर, 2022 को पुणे में दिव्या रावत पर मुकदमा कराया था। वह अपनी कंसलटेंसी फर्म का काम घर से ही ऑनलाइन चलाते थे। 2019 में वह अपना उद्योग शुरू करना चाहते थे तो इसी दौरान उनका परिचय दिव्या रावत की बहन शकुंतला से हुआ। शकुंतला ने जनवरी 2019 में उन्हें देहरादून के मोथरोवाला में प्रशिक्षण के लिए बुलाया। वहां उनकी मुलाकात दिव्या रावत से हुई। प्रशिक्षण के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई जिसके बाद वह पुणे वापस आ गए। दिसंबर 2019 में दिव्या ने उन्हें फोन करके उनकी सौम्या फूड्स प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ने का ऑफर दिया और उन्हें देहरादून बुलाया। दिव्या ने उन्हें माइग्रेशन 2020 प्रोजेक्ट में मशरूम उत्पादन में पार्टनरशिप का प्रस्ताव दिया। प्रोजेक्ट शुरू करने से पहले वह प्रशिक्षण को टीम ले गुजरात भी गए। टीम के वेतन, रहने-खाने और मशीनों को खरीदने का खर्चा उन्होंने ही किया।

दिव्‍या ने भाखड़ा पर 77 लाख ठगी का आरोप लगाया

इपूरे प्रोजेक्ट पर लगभग 1.20 करोड़ का खर्चा आया। इसमें से कुछ रुपए दिव्या ने उन्हें दिए,लेकिन बाद बहाने से वापस भी ले लिए। बाद में नंदकिशोर भाखड़ा ने दिव्या रावत से अपने पैसे वापस मांगे तो सितंबर 2022 में दिव्या रावत के भाई राजपाल रावत ने भाखड़ा के खिलाफ थाना नेहरू कॉलोनी में 77 लाख रुपए ठगी का मुकदमा करा दिया।

10 लाख का चेक देने दिव्‍या को पुणे बुलाया

दिव्या ने आरोप लगाया था कि भाखड़ा ने 77 लाख रुपए लेकर भी काम नहीं किया। पुलिस ने धोखाधड़ी में भाखड़ा को गिरफ्तार कर लिया। भाखड़ा 3 महीने जेल में रहे। बाद में उन्हें हाईकोर्ट से जमानत मिली। जेल छूट पीड़ित ने पुलिस विभाग से सूचना के अधिकार में अपनी गिरफ्तारी को लेकर जानकारी मांगी तो पता चला कि दिव्या ने मेरठ से फर्जी एफिडेविट बनवाकर उनके खिलाफ मुकदमा किया था। तब उन्होंने पौड़ थाने में दिव्या रावत और उसके भाई राजपाल रावत पर मुकदमा किया। दिव्या रावत, नंदकिशोर भाखड़ा से समझौते को 32.5 लाख रुपये मांग रही थी। भाखड़ा ने दिव्या को 10 लाख रुपये का चेक देने पुणे बुलवाया था। उन्होंने पुलिस को भी इसकी सूचना दे रखी थी।

नोएडा में 25 हजार रुपये की नौकरी की

दिव्या रावत मशरूम गर्ल के नाम से उत्तराखंड में विख्यात है। वर्तमान में लग्जरी लाइफ जीने वाली दिव्या रावत ने जबसे मशरूम उत्पादन के क्षेत्र में कदम रखा तो पीछे मुड़कर नहीं देखा। दिव्या मूलतः चमोली जिले की निवासी हैं। उनके पिता आर्मी में थे। 12वीं की पढ़ाई के दौरान उनके पिता का निधन हो गया था।  दिव्या ने 12वीं के बाद एमिटी यूनिवर्सिटी नोएडा से एमएसडब्यू (मास्‍टर इन सोशल वर्क) की । इसके बाद प्राइवेट कंपनी में 25000 रुपये की नौकरी शुरू की।

कुछ नया करने की चाह में देहरादून लौट आई

दिव्या ने एक के बाद एक आठ नौकरियां बदलीं, लेकिन नौकरी से असंतुष्ट दिव्या कुछ अलग करने की चाह में अपने घर वापस लौट आई। दिव्या ने 2013 में देहरादून के मोथरोवाला में एक कमरे से मशरूम की खेती शुरू की। यहां उन्होंने 100 बैग मशरूम उत्पादन से अपना काम शुरू किया। इस काम ने जल्द ही रफ्तार पकड़ ली और मशरूम दूर-दूर तक मशरूम की आपूर्ति होने लगी। दिल्ली की आजादपुर मंडी तक दिव्या के मशरूम की मांग बढ़ गई। इसके बाद उन्‍होंने ट्रेनिंग टू ट्रेडिंग कॉन्सेप्ट पर काम किया और भी उत्तर प्रदेश हरियाणा दिल्ली और हिमाचल सहित अलग-अलग राज्यों तक पहुंच बनाई।

हजारों लोगों को दिया रोजगार

मशरूम गर्ल ने इस खेती से देश ही नहीं बल्कि विदेशों तक का सफर तय किया। अपना काम शुरू करने के साथ ही हजारों लोगों को रोजगार भी दिया। मशरूम की खेती से देश-विदेश तक अपनी पहचान बनाने वाली दिव्या रावत ने पहाड़ों से पलायन कर रोजगार को दूसरे शहरों में जाने वाले लोगों को पहाड़ों में रहकर ही मशरूम की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया।

कीड़ा जड़ी 3 लाख रुपये किलो तक बिकता है

दिव्या रावत ने कीड़ा जड़ी का उत्पादन भी शुरू किया। अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कीड़ा जड़ी की मांग अच्छी खासी होने से इसके व्यावसायिक उत्पादन को दिव्या रावत ने देशभर में  25 लैब भी स्थापित की। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीड़ा जड़ी दो से तीन लाख रुपए किलो तक बिकता है। वर्ष 2017 में महिला दिवस पर तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी उनको नारी शक्ति अवार्ड से सम्मानित किया था। वहीं, मशरूम के क्षेत्र में बेहतर योगदान और लोगों को रोजगार देने के लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने दिव्या रावत को उत्तराखंड का ब्रांड एंबेसडर भी बनाया था।

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