हिंदुओं के खिलाफ दुनियाभर में फैला रहे नफरत..! आतंकी इस्लामिक नेटवर्क का हाथ- अमेरिकी रिसर्च
Knowledge Anti Hindu quotes hate speech on Social Media US Hinduphobia report finds rise in anti Hindu disinformation
दुनियाभर में फैलाई जा रही हिंदू विरोधी नफरत..! आतंकी इस्लामिक नेटवर्क का सामने आया बड़ा हाथ- अमेरिकी रिसर्च
शोधकर्ताओं ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर जनवरी 2019 से जून 2022 तक के डेटा का विश्लेषण किया और पाया कि हिंदुओं के खिलाफ मीम्स, मैसेज फैलाने में आतंकी इस्लामिक वेब नेटवर्क का बड़ा हाथ है.
सोशल मीडिया पर फैलाया जा रहा हिंदू विरोधी दुष्प्रचार.
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Updated on: Jul 18, 2022 |
हिंदू हिंसक होते हैं. अत्याचारी होते हैं. हिंदू नरसंहार करते हैं. हिंदू विश्वासघाती, विधर्मी और विश्वासघाती होते हैं. हिंदू दूसरे धर्मों से नफरत करते हैं…..हिंदुओं के खिलाफ ऐसे ही न जाने कितने दुष्प्रचार सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे हैं. हाल ही में आई एक अमेरिकी रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि हिंदुओं के खिलाफ कैसे दुनियाभर में नफरत फैलाई जा रही है. यह रिपोर्ट दावा करती है कि सोशल मीडिया पर हिंदुओं के खिलाफ हेट स्पीच की बाढ़-सी आ गई है. अमेरिका की रटगर्स यूनिवर्सिटी (Rutgers University) और एनसीआरआई (Network Contagion Research Institute) के शोधकर्ताओं ने अपनी लेटेस्ट स्टडी में कहा है कि सोशल मीडिया पर हिंदू विरोधी दुष्प्रचार अप्रत्याशित गति से बढ़ा है. सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर हिंदुओं के खिलाफ अभियान चलाए जा रहे हैं.
एनसीआरआई और रटगर्स यूनिवर्सिटी ने ‘एंटी-हिंदू डिसइन्फॉर्मेशन: ए केस स्टडी ऑफ हिंदूफोबिया ऑन सोशल मीडिया‘ नाम से यह रिसर्च स्टडी की है. शोधकर्ताओं ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर जनवरी 2019 से जून 2022 तक के डेटा का विश्लेषण किया है. इस स्टडी के मुताबिक, आतंकी इस्लामी वेब नेटवर्क दुनियाभर में हिंदुओं के खिलाफ जहर उगल रहा है. इसमें हिंदुओं के खिलाफ अभद्र भाषा से लेकर हिंसा तक पूरा अभियान चल रहा है. ये तमाम खुलासे तब हुए हैं, जब इन दिनों देश में हिंदू-मुस्लिम को लेकर एक बहस छिड़ी हुई है.
मुस्लिमों पर अत्याचार करने वाला!
इस स्टडी के मुताबिक, दुनियाभर के लोगों को हिंदुओं के खिलाफ भड़काया जा रहा है. उन्हें अभद्र, हिंसक, विधर्मी, अत्याचारी बताए जाने की कोशिश की जा रही है. सोशल मीडिया पर ऐसा सेनारियो बनाने की कोशिश की जा रही है कि हिंदू भारत में मुस्लिमों पर अत्याचार करते हैं. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हिंदुओं के खिलाफ शुरू हुई हिंसा और हमलों के पीछे यही आतंकी इस्लामी वेब नेटवर्क और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर गढ़ी जा रही धारणा है.
इस्लामिक वेब नेटवर्क का बड़ा हाथ
सोशल मीडिया पर हिंदुओं के खिलाफ एक तरह का अभियान चलाया जा रहा है, जिस वजह से इसके खतरे भी बढ़े हैं. इस शोध में विस्तार से बताया गया है कि सोशल मीडिया पर हिंदुओं के खिलाफ मीम्स, मैसेज, कार्टून, फोटोज वगैरह का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसमें इस्लामिक वेब नेटवर्क का बड़ा हाथ है. ऐसे मैसेजेस टेलीग्राम और अन्य मैसेजिंग प्लेटफॉर्म (4chan, Gab) पर भी फैलाए जा रहे हैं. मीम्स, मैसेजेस में हिंदूफोबिक शब्दों का इस्तेमाल किया गया है. खासकर जुलाई में इनकी संख्या खूब बढ़ी है.
हिंदूफोबिया में हुई बढ़ोतरी
रटगर्स यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने सोशल मीडिया और कई मैसेजिंग प्लेटफॉर्म्स पर हिंदूफोबिया में हुई बढ़ोतरी का आकलन किया है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करते हुए उन्होंने सोशल मीडिया पर लाखों ऐसे मैसेजेस का विश्लेषण किया, जो या तो कोड में जारी किए गए थे, या फिर छद्म भाषा में थे. इन संदेशों के जरिये हिंदू विरोधी रूढ़िवादिता का भी प्रसार किया गया. रिपोर्ट में दावा किया गया कि जुलाई 2022 में ऐसे कोड वर्ड्स और मीम्स रिकॉर्ड ऊंचाई पर थे. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, जब देश में धार्मिक तनाव बढ़े हों तो ऐसे परिदृश्य हिंसा को भड़का सकते हैं.
हिंदुओं के खिलाफ 10 लाख ट्वीट
अमेरिकी शोधकर्ताओं के अनुसार ईरान के ट्रोलर्स ने हिंदुओं के खिलाफ तकरीबन 10 लाख ट्वीट किए. ट्रोलर्स ने हिंदुओं के खिलाफ जो मीम बनाए, उनका उद्देश्य हिंदु समुदाय के लोगों को अल्पसंख्यकों का नरसंहार करने वाला साबित किये जाने की कोशिश की गई. पिछले दिनों राजस्थान के उदयपुर में हिंदू दर्जी की जिस नृशंसता के साथ हत्या की गई, हत्यारे कहीं न कहीं हिंदुओं के प्रति दुर्भावना से प्रेरित थे.
एक्सपर्ट्स के मुताबिक इसमें कुछ नया और अप्रत्याशित नहीं है कि हिंदुओं को हिंसक हमलों का सामना करना पड़ रहा है. इस रिपोर्ट से नई बात यह पता चली है कि सोशल मीडिया के जरिये इसे बढ़ावा दिया जा रहा है. रिसर्चर्स के मुताबिक, पूर्व में किए गए उनके शोध में भी यह बात सामने आई थी कि सोशल मीडिया पर नफरत भरे संदेश काफी बढ़े हैं और हिंसक घटनाओं के पीछे इनकी बड़ी भूमिका रही है.
इस तरह के मीम्स सामने आए
Memes
सिख, बौद्ध भी निशाने पर
रटगर्ज यूनिवर्सिटी के शोध में रिसर्चर्स ने दावा किया है कि हमें इस बात के पक्के सबूत मिले हैं कि हिंदुओं के खिलाफ नफरती भाषण तेजी से बढ़े हैं. अमेरिकी शोधकर्ताओं का कहना है कि सोशल मीडिया पर न केवल हिंदुओं के खिलाफ बल्कि सिखों के खिलाफ और बौद्धों के खिलाफ भी अभियान काफी तेज हुआ है. शोधकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर संतुलित बहस की जरूरत बताई है.
राष्ट्रवाद की नई लहर और हिंदू विरोधी जहर!
रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2014 के आम चुनाव नरेंद्र मोदी की जीत के साथ मुखर राष्ट्रवाद की एक नई लहर आई है, जिसके बाद से हिंदूफोबिया में एक स्पष्ट और तेज वृद्धि हुई है. लगातार दूसरी जीत के बाद यह लहर और मजबूत हुई है. जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने और नागरिकता संशोधन अधिनियम लाने के बाद से सोशल मीडिया पर हिंदू विरोधी लहर और तेज कर दी गई.
बता दें कि नागरिकता संशोधन अधिनियम में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से सताए गए गैर-मुसलमानों के लिए तो प्रावधान है, पर मुस्लिमों के लिए नहीं. तीन तलाक पर केंद्र सरकार का फैसला भी एक बड़े वर्ग को बुरा लगा है. इन फैसलों को लेकर सोशल मीडिया पर हिंदू विरोधी जहर उगला जा रहा है.
सावधान होने की जरूरत
अमेरिकी शोध में कहा गया है कि अधिकतर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को मालूम नहीं कि उनका इस्तेमाल नफरत फैलाने के लिए किया जा रहा है. कुछ बड़े प्लेटफॉर्म्स ने एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आधारित फिल्टर लगा रखा है लेकिन उन्हें भी इस बात का अंदाजा नहीं है कि नफरत फैलाने के लिए किन कोड वर्ड्स और मीम का इस्तेमाल किया जा रहा है.
रटगर्स यूनिवर्सिटी में ईगलटन इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिटिक्स के डायरेक्टर जॉन जे का कहना है कि सोशल मीडिया पर नफरत भरे संदेशों के प्रसार और वास्तविक दुनिया में हिंसा के बीच हमेशा संबंध रहा है. सोशल मीडिया पर जिस तेजी के साथ नफरत भरे संदेश साझा किए जा रहे हैं, वह खतरनाक है. पूर्व अमेरिकी कांग्रेसमैन डेनवर रिगलमैन का कहना है, “हमें उम्मीद है कि यह रिपोर्ट समय रहते लोगों को सावधान करेगी. इससे पहले कि दुनिया में हिंसा बढ़े, लोग चेत जाएं.