भ्रामक सूचनाओं और राष्ट्रविरोधी ऐजेंडें से सावधान रहें पत्रकार:डॉ. भसीन
देहरादून 30 मई 2025 । वरिष्ठ पत्रकार, डीएवी पीजी कालेज देहरादून के पूर्व प्राचार्य और प्रदेश सरकार में शिक्षा उन्नयन उपाध्यक्ष डाॅक्टर देवेन्द्र भसीन का कहना है कि पत्रकारों को भ्रामक सूचनाओं और समाज-राष्ट्रविरोधी ऐजेंडा से सावधान रहकर वास्तविक तथ्यों पर आधारित समाचार को महत्व देना चाहिए। भारतीयता और राष्ट्रहित को सर्वोपरि मानते हुए पत्रकार को सच्चाई और देशहित का पक्षधर होना चाहिए।
डॉक्टर देवेन्द्र भसीन हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर उत्तराखंड पत्रकार महासंघ के देहरादून के सर्वे चौक स्थित आईआरडीटी प्रेक्षागृह में आयोजित विचार गोष्ठी एवं पत्रकार गौरव सम्मान 2025 समारोह में मुख्य वक्ता थे। विशिष्ट अतिथि सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग के महानिदेशक ने भी प्रतिभाग किया । अतिथियों के दीप प्रज्जवलन बाद महासंघ सदस्य सुश्री टीना वैश्य और सृष्टि सेमवाल ने गणेश वंदना और सरस्वती वंदना से कार्यक्रम का श्रीगणेश किया। मुख्य वक्ता डॉक्टर भसीन ने स्वतंत्रता आन्दोलन और उसके बाद की पत्रकारिता में अन्तर को रेखांकित करते हुए कहा कि 1947 से पूर्व पत्रकारिता की भूमिका अलग थी। तब के पत्रकारों और अखबारों का मुख्य ध्येय अंग्रेजों से स्वतंत्रता आन्दोलन में योगदान और समाज में व्याप्त कुरीतियों के विरुद्ध आवाज उठाना था. लेकिन आजादी के बाद पत्रकारों और पत्रकारिता का लक्ष्य विकास कार्यों में सकारात्मक योगदान का होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हालांकि आज भी जहां कहीं कमियां नजर आएं. उन्हें पत्रकारों को उजागर करने में संकोच नहीं करना चाहिए। डाॅक्टर भसीन ने कहा कि आज पत्रकारिता में प्रिन्ट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया जैसे कई स्वरूप हमारे सामने है जिसके साथ ही कई चुनौतियां भी उभर आयी हैं। भ्रामक सूचनाओं की बड़ी चुनौती है। उन्होंने चिन्ता प्रकट की कि सरकार, पीआईबी और सूचना विभाग जैसी नियामक संस्थाओं से अधिक सक्रिय भ्रामक सूचनाएं देने वाले हैं। पत्रकारों को अपनी विश्वसनीयता बनाए रखने लिए इससे बचना चाहिए और भ्रामक तथ्यों से सावधान रहकर वास्तविक तथ्यों पर आधारित सूचनायें आगे बढाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज भले ही आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का महत्व बढ रहा है लेकिन यह रियल इंटेलीजेंस को मात नहीं दे सकती।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि सूचना एवं लोकसम्पर्क विभाग के महानिदेशक वंशीधर तिवारी ने विभाग के पत्रकार हित में किए जा रहे कार्यों की जानकारी देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सरकार पत्रकारों के हितों के संरक्षण और संवर्धन को कृत संकल्प हैं। तिवारी ने कहा कि पत्रकारों को लेकर मुख्यमंत्री की नीति बिल्कुल सरल है और वे किसी भी मुश्किल में फंसे जरूरतमंद पत्रकार को तुरंत सहायता उपलब्ध कराते हैं। उन्होंने कहा कि पत्रकार कल्याण कोष का गठन ही पत्रकारों के लिए हुआ है। प्रक्रिया के कारण भले ही थोडा विलम्ब हो जाए लेकिन प्रयास सभी को लाभान्वित करने का रहता है। उन्होंने बताया कि तहसील स्तर पर पत्रकारों को मान्यता देने, अखबारों का कोटा बढ़ाने और पत्रकारों की स्वास्थ्य सुरक्षा को गोल्डन कार्ड बनाए जाने पर कार्य किया जा रहा है।
विशिष्ट वक्ता वरिष्ठ पत्रकार और पत्रकार कल्याण कोष समिति के सदस्य डॉक्टर वीडी शर्मा ने गैर पत्रकारों के बीच में आने से पत्रकारिता की विश्वसनीयता में गिरावट पर चिन्ता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि बड़े अखबारों के मालिक अपने हिसाब से पत्रकारों को चलाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि पत्रकार चकाचौंध से दूर रहकर ईमानदारी से अपना काम करें और विश्वसनीयता से कोई समझौता नहीं करें। उन्होने पत्रकार हित में सूचना महानिदेशक के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने कहा कि पत्रकार कल्याण कोष का कारपस फंड पाच करोड़ था। पत्रकार संगठनों के निवेदन पर इसे 10 करोड कर दिया गया है।
समारोह में आईएमएस यूनिसन यूनिवर्सिटी में स्कूल आफ मास कम्युनिकेशन के डीन प्रोफेसर डाॅक्टर नीरज खत्री ने पत्रकारिता में भाषाई समस्या पर चिंता जताते हुए कहा कि समाचार लेखन में भाषा की समझ कम हो रही है। ऐसा तकनीक के कारण हो रहा है। डाॅक्टर खत्री ने पत्रकारों से इसमें सुधार करने की अपेक्षा जताई।
इनके अलावा उत्तराखंड पत्रकार महासंघ प्रदेश प्रभारी सुशील चमोली प्रदेश उपाध्यक्ष श्रीमती बीना उपाध्याय, प्रदेश सचिय सुभाष कुमार तथा जिला महामंत्री कृपाल बिष्ट आदि ने भी अपने विचार प्रकट किए।
समारोह में उत्तरांखड पत्रकार महासंघ की ओर से देहरादून के वरिष्ठ पत्रकार रवीन्द्र नाथ कौशिक, राष्ट्रीय सहारा के सम्पादकीय प्रभारी राकेश डोमाल, अमर उजाला के भूपेन्द्र राणा, हिन्दुस्तान के रवि बीएस नेगी, दैनिक जागरण के विकास गुसाई,
राष्ट्रसंत साप्ताहिक की सम्पादक श्रीमती बीना उपाध्याय, भारत नमन के सम्पादक नरेश रोहिला ,
दीप सवेरा सम्पादक महासंघ के प्रदेश कोषाध्यक्ष दीपक सिंह गुंसाई एवं विचार और चिंतन साप्ताहिक के सम्पादक राजेन्द्र सिंह सिरारी को पत्रकार गौरव सम्मान 2025 से सम्मानित किया। इन सभी को मुख्य वक्ता डाॅक्टर देवेन्द्र भसीन, विशिष्ट अतिथि सूचना महानिदेशक वंशीधर तिवारी, विशिष्ट वक्ता डाॅक्टर वीडी शर्मा, विशिष्ट अतिथि डॉक्टर प्रोफेसर नीरज खत्री और उत्तराखंड पत्रकार महासंघ अध्यक्ष निशीथ सकलानी ने शॉल ओढाकर सम्मान पत्र से सम्मानित किया।
महासंघ के पदाधिकारियों ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। सफल आयोजन को महासंघ जिलाध्यक्ष कैलाश सेमवाल और महामंत्री कृपाल सिंह बिष्ट को भी स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया । सफल संचालन को हिन्दी शिक्षिका और महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय के अधीन हिन्दी सलाहकार समिति की पूर्व सदस्य श्रीमती मंजू त्रिपाठी को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया । आईएमएस यूनियन यूनिवर्सिटी में स्कूल आफ कम्युनिकेशन के विद्यार्थियों प्रवेश, अवप्रित और कुमारी भुवनमीत को प्रतिभाग प्रमाणपत्र से सम्मानित किया गया।
उत्तराखंड पत्रकार महासंघ अध्यक्ष निशीथ सकलानी ने हिंदी पत्रकारिता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए सभी पत्रकारों और गणमान्य लोगों का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारियों के सहयोग से उत्तराखंड पत्रकार महासंघ पत्रकारों की समस्याओं के समाधान और उनके हित संरक्षण को निरंतर प्रयासरत रहेगा। इसमें कहीं संघर्ष की आवश्यकता पड़ी तो उससे भी पीछे नहीं हटेगा।
कार्यक्रम में महासंघ के राजीव मैथ्यू, राकेश शर्मा, यशराज आनंद, राजेश बहुगुणा, सतेन्द्र बर्थवाल, वेद किशोर जुगलान, राकेश भट्ट, शादाब त्यागी, जगमोहन मौर्य के साथ ही पंडित केसी त्रिपाठी पिताम्बर , सूर्य प्रकाश भट्ट, विजय जायसवाल, कुमारी मुस्कान, कुमारी मायूसी, श्रीमती रेनू सेमवाल, रेनू सिरारी, श्रीमती मंजू शर्मा, अर्पणा सिरारी, कुमारी मानसी शर्मा, दीवान राणा, कुमारी प्रिशा, श्रीमती दीपशिखा, कुमारी अंजलि बिरला, खुशी आर्य, राजेश पुरी, ओमी पाल व रजत शर्मा, एमएस चौहान, रणजीत रावत, हेमेंद्र मलिक, धन सिंह बिष्ट, जितेंद्र रजौरी, राजेश बहुगुणा, हेमंत शर्मा, अवधेश नौटियाल आदि अनेक पत्रकार बंधु मौजूद रहे।