UKSSSC पेपर लीक में उप्र का जेई भी बंदी, पिछली दो परीक्षाओं की भी होगी एसटीएफ जांच

UKSSSC:पेपर लीक मामले में जूनियर इंजीनियर गिरफ्तार, परीक्षा से पहली रात 24 छात्रों ने किए थे प्रश्नपत्र हल

देहरादून 19 अगस्त। पेपर लीक मामले में एक के बाद एक खुलासे हो रहे हैं। दो दर्जन से ज्यादा छात्रों ने परीक्षा से पहली रात पेपर लीक के प्रश्नों को सॉल्व किया था। एसटीएफ के गिरफ्तार किए जूनियर इंजीनियर से पूछताछ में यह बात सामने आई।

22 जुलाई को मुकदमा दर्ज होने के बाद एसटीएफ ने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा में पेपर लीक की जांच शुरू की थी। तीन दिन बाद ही छह आरोपितों को गिरफ्तार किया गया। अब तक मामले में 20 गिरफ्तारियां हो चुकी है। शुक्रवार को एसटीएफ ने पेपर लीक मामले में एक जूनियर इंजीनियर को गिरफ्तार किया।

उत्तराखंड परीक्षा पेपर लीक मामले में उत्तराखंड नकल माफिया के तार उत्तर प्रदेश के नकल माफिया से जुड़ रहे हैं। एसटीएफ उत्तराखंड ने लंबी गहन पूछताछ के बाद धामपुर निवासी जूनियर इंजीनियर ललित राज शर्मा को गिरफ्तार कर आज उसे न्यायालय में पेश किया गया।

ललित राज शर्मा के धामपुर स्थित फ्लैट पर दो दर्जन से ज्यादा छात्रों ने परीक्षा से पहली रात पेपर लीक के प्रश्नों को सॉल्व किया था। नकल के अड्डे पर उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के लोग इकट्ठा हुए थे। इसके बाद एसटीएफ ने बड़े खुलासे को टीम दूसरे प्रांतों में रवाना किया गया।

सचिवालय रक्षक व कनिष्ठ सहायक परीक्षाओं में भी गड़बड़ी की आशंका, जांच भी STF को सौंपी

पेपर लीक मामले की चल रही जांच के तार सचिवालय रक्षक एवं कनिष्ठ सहायक (ज्यूडिशियरी) से भी जुड़ रहे हैं। पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने दोनों परीक्षाओं की जांच भी एसटीएफ को सौंप दी है।

पेपर लीक मामले की चल रही जांच के तार सचिवालय रक्षक एवं कनिष्ठ सहायक (ज्यूडिशियरी) से भी जुड़ रहे हैं।

देहरादून19अगस्त:  स्नातक स्तर परीक्षा का पेपर लीक (UKSSSC Paper Leak Case) मामले की चल रही जांच के तार सचिवालय रक्षक एवं कनिष्ठ सहायक (ज्यूडिशियरी) से भी जुड़ रहे हैं। पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने दोनों परीक्षाओं की जांच भी एसटीएफ को सौंप दी है।

फॉरेस्ट गार्ड परीक्षा में ब्लूटूथ से हुई थी नकल

वहीं पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि वर्ष 2020 में उत्तराखंड पुलिस ने वन आरक्षी (फॉरेस्ट गार्ड) परीक्षा में ब्लूटूथ से नकल कराने वाले गिरोह को पकड़ा था, जिस संबंध में जिला हरिद्वार और पौड़ी गढ़वाल में मुकदमे पंजीकृत हैं। इन मुकदमों की भी दोबारा जांच के लिए एसटीएफ को निर्देशित किया गया है।

दोनों परीक्षाओं की नए सिरे से जांच के निर्देश

पुलिस महानिदेशक ने बताया कि जो लोग स्नातक स्तर का पेपर लीक करने में पकड़े गए हैं, उनका इन परीक्षाओं में भी हाथ होने की संभावना है, ऐसे में दो परीक्षाओं की नए सिरे से जांच और एक परीक्षा की दोबारा जांच करने के निर्देश जारी किए गए हैं।

उत्‍तर प्रदेश जल संस्‍थान का जेई गिरफ्तार

उत्‍तराखंड पुलिस की एसटीएफ ने पेपर लीक प्रकरण में उत्‍तर प्रदेश जल संस्‍थान के जेई ललित राज शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है। वह सहारनपुर में तैनात है और मूल रूप से बिजनौर जिले के धामपुर का रहने वाला है। उसकी पत्‍नी उत्‍तराखंड जल विद्युत निगम में सहायक अभियंता पद पर कार्यरत है

जांच एजेंसियों से जानकारी साझा करेगी एसटीएफ

पेपर लीक करके करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित करने वाले नकल माफिया पर शिकंजा कसने के लिए एसटीएफ (STF) ने पूरी तैयारी कर ली है। एसटीएफ केंद्रीय जांच एजेंसियों से ऐसे आरोपितों के बारे मे जानकारी साझा करेगी।

Uksssc: Uttarakhand SIT Will Investigate Two Other Exam Fraud Case

अब एसआईटी करेगी पूर्व में हुई दो परीक्षाओं की जांच, दोबारा खुलेंगे वन दरोगा भर्ती में हुए मुकदमे

वर्ष 2020 में उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा वन आरक्षी (फॉरेस्ट गार्ड) परीक्षा में ब्लूटूथ के जरिये नकल कराने वाले गिरोह को पकड़ा था, जिस संबंध में जनपद हरिद्वार और पौड़ी गढ़वाल में अभियोग पंजीकृत हैं।
डीजीपी अशोक कुमार
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की दो और भर्ती परीक्षाओं में धांधली का पता चला है। हाकम सिंह रावत का कनेक्शन सामने आने के बाद डीजीपी अशोक कुमार ने एसटीएफ को सचिवालय रक्षक और न्यायिक कनिष्ठ सहायक की भर्ती के लिए हुई परीक्षाओं की जांच के आदेश दिए हैं।

इसके अलावा वर्ष 2020 में आयोजित वन आरक्षी भर्ती परीक्षा में नकल संबंधी तीन मुकदमों का परीक्षण करने के आदेश भी एसटीएफ को दिए गए हैं। 22 जुलाई 2022 को स्नातक स्तरीय परीक्षा में मुकदमा दर्ज होने के बाद एसटीएफ ने जांच शुरू की थी। अब तक उत्तरकाशी के जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह रावत समेत 20 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

जांच शुरू होते ही आयोग की अन्य परीक्षाओं में भी धांधली की चर्चाएं होने लगी थीं। इस दौरान नैनीताल और रामनगर कोर्ट में तैनात दो कनिष्ठ सहायकों को भी गिरफ्तार किया गया था। बताया जा रहा है कि दोनों वर्ष 2019 में हुई न्यायिक कनिष्ठ सहायक भर्ती परीक्षा में नकल से पास होने जैसे कई और तथ्य भी एसटीएफ के सामने आए थे। सचिवालय सुरक्षा संवर्ग में नकल की बात भी सामने आई थी।

पकड़े गए आरोपितों ने इस परीक्षा का पेपर लीक कराकर नकल कराई थी। बताया जा रहा है कि इन दोनों परीक्षाओं में भी नकल में हाकम सिंह रावत का ही कनेक्शन सामने आ रहा है। ऐसे में इन दोनों भर्तियों की जांच भी एसटीएफ को सौंपी है। वहीं, वर्ष 2020 में हुई वन आरक्षी भर्ती परीक्षा में कुछ केंद्रों पर अभ्यर्थी ब्लूटूथ डिवाइस से नकल करते पकड़े गए थे। पुलिस ने अभ्यर्थियों की शिकायत पर मंगलौर में हाकम सिंह समेत कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। पौड़ी में 20 अभ्यर्थियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। इन तीनों मुकदमों को वादी और आरोपियों के बीच समझौते के आधार पर हाईकोर्ट ने खत्म कर दिया था।

वर्तमान में चल रही पेपर लीक मामले की जांच के दौरान दो और परीक्षाओं में धांधली का पता चला है। अभी इसकी संभावना जताई जा रही है। जांच के बाद इसकी पुष्टि हो जाती है तो इनमें मुकदमे दर्ज किए जाएंगे। इस संबंध में एसटीएफ को निर्देशित किया जा चुका है। इसके अलावा वन आरक्षी भर्ती परीक्षा में नकल के तीन मुकदमे दर्ज हुए थे। इनको हाईकोर्ट के आदेश पर बंद किया जा चुका है। इनका भी नियमानुसार परीक्षण किया जाएगा कि आखिर समझौता क्यों और किस तरह हुआ।
-अशोक कुमार, डीजीपी, उत्तराखंड

दो साल बाद 329 युवाओं की नौकरी खतरे में

स्नातक स्तरीय परीक्षा में पेपर लीक प्रकरण की जांच के बीच भर्तियों की भी एसटीएफ जांच कराए जाने से जहां 329 से ज्यादा युवाओं की नौकरी खतरे में पड़ गई है वहीं सचिवालय सुरक्षा संवर्ग की नौकरी से एक कदम दूर युवा भी अधर में लटक गए हैं।

अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने हाईकोर्ट के अधीनस्थ न्यायालयों व परिवार न्यायालयों में समूह-ग के तहत कनिष्ठ सहायक के 288 और आशुलिपिक-वैयक्तिक सहायक के 41 पदों पर सीधी भर्ती के लिए सितंबर 2019 में विज्ञप्ति निकाली थी। इसकी परीक्षा हुई और 2020 में सभी युवाओं को नौकरी मिल गई। स्नातक स्तरीय परीक्षा में दो नकल के आरोपियों की न्यायालयों से गिरफ्तारी के बाद यह भर्ती सवालों में आ गईं।

पुलिस महानिदेशक ने इस भर्ती की भी एसटीएफ जांच का निर्णय लिया है, जिसके बाद 329 युवाओं की नौकरी दो साल बाद खतरे में आ गई है। अब जांच के बाद ही पता चलेगा कि इस भर्ती में किस स्तर पर गड़बड़ी हुई थी। इसके अलावा आयोग ने सचिवालय सुरक्षा संवर्ग के तहत रक्षक के 33 पदों पर भर्ती की विज्ञप्ति पिछले साल फरवरी में जारी की थी। आयोग ने अप्रैल में इस भर्ती का रिजल्ट तो जारी कर दिया था लेकिन शारीरिक मापजोख, सत्यापन की तिथि तय ही नहीं हो पाई। डीजीपी ने इस परीक्षा की भी जांच कराने के आदेश दिए हैं, जिसके बाद इन युवाओं का भविष्य में भी खतरे में आ गया है।

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