दून में पकड़ा विदेशियों को ठगने वाला काल सेंटर

विदेशियों को ठगने वाला कॉल सेंटर पकड़ा, चार कर्मचारी गिरफ्तार, ऐसे करते थे ठग
-दून की वीआईपी कॉलोनी वसंत विहार में चल रहा था फर्जी कॉल सेंटर
-एसटीएफ ने रातभर की कार्रवाई, चार आरोपित गिरफ्तार, लाखों की नकदी बरामद

देहरादून 15 जनवरी। राजधानी देहरादून में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) व साइबर क्राइम पुलिस ने विदेशियों से ठगी करने वाले अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर का खुलासा किया है। पुलिस ने कार सैंटर के ठिकाने बसंत बिहार से कॉल सेंटर के चार कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है। कॉल सेंटर के माध्यम से विदेशों में रहने वाले बुजुर्गों, दिव्यांगों, सेना से रिटायर अधिकारियों, कर्मचारियों से ठगी की जाती थी।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ(स्पेशल टास्क फोर्स, विशेष कार्य बल) अजय सिंह ने बताया कि इस कॉल सेंटर के बारे में शिकायत मिली थी। मामले की जांच के लिए एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक स्वतंत्र कुमार और पुलिस उपाधीक्षक अंकुश मिश्रा के नेतृत्व में निरीक्षक पंकज पोखरियाल,दूरसंचार विभाग, साइबर पुलिस और वसंत विहार पुलिस की संयुक्त टीम गठित की गई। बृहस्पतिवार देर रात टीम ने वसंत विहार स्थित क्वीन्स टावर में स्थित कॉल सेंटर में दबिश दी। मौके पर मौजूद कर्मचारियों से पूछताछ की गई तो वे कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए।

उन्होंने बताया कि वे पहले दिल्ली में काम करते थे। बाद में उन्हें देहरादून भेज दिया गया। कॉल सेंटर के अधिकारी की ओर से दिए गए डाटाबेस के आधार पर वे अमेरिका में रहने वाले लोगों को फोन पर डरा धमकाकर या बीमा पॉलिसी पर कोई स्कीम या बोनस का लालच देकर धोखाधड़ी करते थे। धोखाधड़ी से धनराशि कॉल सेंटर के अधिकारियों खातों में ट्रांसफर की जाती थी।

कॉल सेंटर कर्मचारी आयुष्मान मल्होत्रा ने बताया कि उन्हें दिल्ली और नोएडा में रह रहे उनके सीनियर्स डाटाबेस देकर एक तय राशि वसूलने का लक्ष्य देते है। इसी पर उन्हें वेतन और कमीशन मिलता था। सभी कर्मचारी एक व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े हुए हैं। व्हाट्सएप पर ही उन्हें डाटाबेस, स्क्रिप्ट व ऑडियो मिलते थे।

गिरफ्तार आरोपितों की पहचान दानिश अत्री निवासी विष्णु गार्डन, नई दिल्ली, संदीप गुप्ता निवासी मंगोलपुरी, नई दिल्ली, अर्चित विलफ्रिड निवासी शनि मंदिर, कैनाल रोड, देहरादून, नारायण अधिकारी निवासी सेक्टर सात, रोहिणी, नई दिल्ली के रूप में हुई। मौके से 21 कंप्यूटर, 8 मोबाइल फोन, एक आईपैड, एक वाईफाई, 4 लाख 34 हजार रुपये, एक फॉरच्यूनर कॉर, अंतरराष्ट्रीय समय बताने वाली तीन घड़ी बरामद हुई। एसटीएफ का मानना है कि इस मामले में एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश हो सकता है।

ठगी का गजब तरीका

कॉल सेंटर से माध्यम से विदेशों में रहने वाले वृद्धों, दिव्यांगों, सेना से रिटायर अधिकारियों, कर्मचारियों से ठगी की जाती थी। कॉल सेंटर कर्मी इन लोगों को झांसा देकर सोशल सेक्योरिटी नंबर (जैसे भारत में आधार कार्ड) प्राप्त करते थे। इसके बाद इसके आधार पर वह उनका व्यक्तिगत विवरण पता, मोबाइल नंबर, बैंक विवरण, व्यवसाय की जानकारी हासिल करते थे।

इसके बाद इन लोगों को इंटरनेट से कॉल कर खुद को पुलिस अधिकारी, लॉ एनफोरसमेंट एजेंसी का अधिकारी बताकर अलग-अलग तरीके से धमकाते थे। जैसे उनके काम को अवैध बताना, उनके अकाउंट का अवैध हथियारों, नशे की तस्करी जैसे गैरकानूनी कामों से संबंध होना। लोगों को जेल जाने, बैंक खाता सीज होने का डर दिखाकर वसूली की जाती थी। साथ ही गिफ्ट और बीमा पॉलिसी के नाम पर भी लोगों से ठगी की जाती थी। यह रकम डॉलर में मिलती थी, जो हर महीने कई करोड़ रुपये होती थी।

भारत में नहीं थी कोई शिकायत

ठगी और धोखाधड़ी का शिकार लोग विदेश में शिकायत करते थे। भारत में कोई शिकायत नहीं होने के कारण इन लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो पाती थी। यह कॉल सेंटर रात को ही संचालित होता है, क्योंकि उस समय अमेरिका और अन्य यूरोपीय देशों में दिन होता है।

पुलिस टीम को 20 हजार रुपए का इनाम

फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा करने वाली टीम को पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने 20 हजार रुपये इनाम देने की घोषणा की है। साथ ही उन्होंने दूर संचार विभाग की टीम की प्रशंसा करते हुए उन्हें सम्मानित करने की भी घोषणा की है।

आरोपितों ने दिल्ली में रहने वाले कॉल सेंटर से जुड़े कंपनी के दूसरे साथियों के बारे में जानकारी दी है। जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। मामले में बड़े गिरोह का खुलासा हो सकता है।
-अजय सिंह, एसएसपी, एसटीएफ।

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