संयुक्त राष्ट्र में चौथी बार रुस के खिलाफ वोटिंग से दूर रहा भारत, चेतावनी ज़रूर दी

Ukraine News: भारत चौथी बार रहा वोटिंग से दूर लेकिन दूसरी बार दोस्त रूस को आगाह भी किया

india warned Against Russia : भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में भी रूस के खिलाफ लाए गए प्रस्ताव पर वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। हालांकि, उसने दोस्त रूस को यह चेतावनी जरूर दी कि परमाणु संयंत्रों की सुरक्षा नजरअंदाज हुई तो इसका व्यापक असर पड़ेगा।

हाइलाइट्स
भारत ने चौथी बार दोस्त रूस के लिए संयुक्त राष्ट्र में हुई वोटिंग से दूरी बना ली
यूक्रेन में रूस द्वारा मानवाधिकारों को उल्लंघन की जांच की मांग का प्रस्ताव लाया गया था
यूक्रेन ने आरोप लगाया कि यूक्रेनी नागरिकों ने हजारों नागरिकों को बंधक बनाकर रखा है

 

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नई दिल्ली 05 मार्च: यूक्रेन में जोपोरिज्जिया परमाणु संयंत्र पर रूस के हमले के बाद भारत ने आगाह किया कि परमाणु केंद्रों से संबंधित किसी भी दुर्घटना के जन स्वास्थ्य और पर्यावरण पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं। साथ ही उसने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को यूक्रेन में पैदा हो रहे मानवीय संकट को समझना चाहिए। वहीं, यूक्रेन संकट पर संयुक्त राष्ट्र में वोटिंग से भारत एक बार फिर दूर रहा। इस बार यूक्रेन में रूस द्वारा मानवाधिकार उल्लंघनों की जांच के लिए संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में प्रस्ताव लाया गया था। इस पर वोटिंग में भारत ने हिस्सा नहीं लिया।

चौथी बार वोटिंग से दूरी, लेकिन दूसरी बार रूस को चेतावनी भी

भारत ने पिछले एक सप्ताह के दौरान 15 देशों की सुरक्षा परिषद में यूक्रेन पर दो प्रस्तावों और 193 सदस्यीय महासभा में एक प्रस्ताव पर मतदान में हिस्सा नहीं लिया है। 193 सदस्यीय महासभा ने इस सप्ताह यूक्रेन के खिलाफ रूस की आक्रामकता की निंदा थी और मांग की थी कि मास्को यूक्रेन के क्षेत्र से अपने सभी सैन्य बलों को पूरी तरह से और बिना शर्त वापस हटा ले। इस तरह, भारत चौथी बार वोटिंग से तो दूर रहा लेकिन दूसरी बार दोस्त रूस को युद्ध को लेकर आगाह भी किया। हालांकि, रूस ने दावा किया कि यूक्रेनी नागरिकों ने 3,700 से अधिक भारतीयों को जबरन बंधक बना रखा है

यूएन में फिर रूस के खिलाफ प्रस्ताव

बहरहाल, संयुक्त राष्ट्र की 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद ने आपात बैठक में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने परमाणु संयंत्रों की सुरक्षा लेकर कहा, ‘भारत परमाणु संयंत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को सर्वोच्च महत्ता देता है क्योंकि परमाणु केंद्रों से जुड़ी किसी भी दुर्घटना के जन स्वास्थ्य और पर्यावरण पर गंभीर असर हो सकते हैं।’ तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत यूक्रेन में परमाणु ऊर्जा संयंत्रों और केंद्रों की सुरक्षा से संबंधित घटनाक्रम पर सावधानीपूर्वक नजर रख रहा है और साथ ही कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के उसकी सुरक्षा तथा निगरानी गतिविधियों को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को यूक्रेन में हमारे सामने पैदा हो रहे मानवीय संकट को समझना चाहिए, जहां कई हजार भारतीय नागरिकों खासतौर से छात्रों समेत निर्दोष नागरिकों की सुरक्षा दांव पर लगी है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि रूस और यूक्रेन के बीच दूसरे दौर की वार्ता से सुरक्षित मानवीय गलियारा तत्काल स्थापित होगा। तिरुमूर्ति ने कहा कि यह चिंताजनक है कि सुरक्षा परिषद के इस मामले पर पिछले सप्ताह बुलाई बैठक के बाद से यूक्रेन में हालात बिगड़ गए हैं। उन्होंने हिंसा को तत्काल खत्म करने की आवश्यकता दोहराई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दोहराया है कि मतभेदों को सतत संवाद और कूटनीति के जरिए हल किया जाना चाहिए।
हम जब इस संघर्ष के परमाणु आयाम पर बात कर रहे हैं तो यूक्रेन में मानवीय संकट है जहां हजारों भारतीयों सहित नागरिकों की सुरक्षा दांव पर है। हमें उम्मीद है कि दोनों देश दूसरे दौर की बातचीत में फंसे लोगों को सुरक्षित भेजने पर बात करेंगे।

UN में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति

रूस के समर्थन में फिर मतदान से दूर रहा भारत

वहीं, यूक्रेन के खिलाफ रूस की सैन्य कार्रवाई के बाद कथित मानवाधिकार उल्लंघनों और संबंधित अपराधों की जांच के लिए तत्काल एक स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय जांच आयोग गठित करने पर यूएनएचआरसी में शुक्रवार को हुए मतदान में भारत ने हिस्सा नहीं लिया। संयुक्त राष्ट्र की 47 सदस्यीय परिषद में ‘रूसी आक्रमण से यूक्रेन में उपजी मानवाधिकारों की स्थिति’ पर एक मसौदा प्रस्ताव पर मतदान हुआ।
यूएनआचआरसी में आया प्रस्ताव 32 मतों से पारित हो गया। रूस और इरिट्रिया ने इसके खिलाफ वोट दिए। वहीं भारत, चीन, पाकिस्तान, सूडान और वेनेजुएला सहित 13 देशों ने इस मतदान में हिस्सा नहीं लिया। प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करने वाले देशों में फ्रांस, जर्मनी, जापान, नेपाल, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं।
अब मानवाधिकार परिषद के अध्यक्ष जांच आयोग में एक वर्ष की प्रारंभिक अवधि के लिए तीन मानवाधिकार विशेषज्ञ नियुक्त करेंगें। आयोग को ‘जहां संभव हो, उन व्यक्तियों और संस्थाओं की पहचान करने का अधिकार होगा जो उल्लंघनों और मानवाधिकारों उल्लंघनों को जिम्मेदार हैं या यूक्रेन में अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून, या अन्य संबंधित अपराधों के उल्लंघन के लिए जिम्मेदार हैं। ऐसा यह सुनिश्चित करने के लिए है कि जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जा सके।’

यूक्रेन के खिलाफ रूसी संघ की आक्रामकता के संदर्भ में कथित सभी मानवाधिकारों उल्लंघनों और हनन और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के उल्लंघन और संबंधित अपराधों की जांच करने, साथ ही ऐसे किसी भी उल्लंघन और दुर्व्यवहार के तथ्यों, परिस्थितियों और मूल कारणों को स्थापित करने के लिए तत्काल एक स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय जांच आयोग की स्थापना करने का फैसला करता है।

रूस का यूक्रेन पर भारतीयों को बंधक बनाने का गंभीर आरोप

उधर, रूस ने यूक्रेन के नागरिकों पर आरोप लगाया कि उन्होंने विभिन्न शहरों में 3,700 से अधिक भारतीय नागरिकों को जबरन बंधक बनाकर रखा है। रूस ने कहा कि उसकी सेना विदेशी नागरिकों की शांतिपूर्ण निकासी के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। यूक्रेन स्थित जापोरिज्जिया परमाणु संयंत्र पर हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक आपात बैठक में रूसी स्थायी प्रतिनिधि वासिली नेबेंजिया ने कहा कि यूक्रेन में कट्टरपंथियों और चरमपंथियों को पश्चिमी देशों का संरक्षण हासिल है।
उन्होंने कहा, ‘यूक्रेनी राष्ट्रवादियों के जबरन बंधक बनाए जा रहे विदेशी नागरिकों की संख्या चौंकाने वाली है। खारकीव में भारत के 3,189 नागरिक, वियतनाम के 2,700 नागरिक, चीन के 202 नागरिक इनमें शामिल हैं। सूमी में 576 भारतीय नागरिक, 101 घाना के नागरिक और 121 चीनी नागरिक शामिल हैं।’ नेबेंजिया ने कहा कि रूसी सेना विदेशी नागरिकों की शांतिपूर्ण निकासी सुनिश्चित करने के लिए सब कुछ कर रही है। उन्होंने कहा कि विभिन्न चौकियों पर 130 आरामदायक बसें भारतीय छात्रों और अन्य विदेशी नागरिकों को बचाने को खारकीव और सुमी के लिए रवाना होने को तैयार हैं।

 

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