आपरेशन सिंदूर के बाद भारत: बढ़ानी होगी हर मोर्चे पर रफ्तार

‘भारत को पाकिस्तान नहीं, चीन पर फोकस करना चाहिए’, ब्रिटिश एक्सपर्ट ने सराहा ऑपरेशन सिंदूर 
लैडविग ने समाचार एजेंसी ANI से बातचीत में कहा, “जॉर्ज डब्ल्यू. बुश से लेकर अब तक अमेरिका की हर सरकार भारत को इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार बनाने की दिशा में काम करती रही है.
ब्रिटेन के सुरक्षा विशेषज्ञ डॉ. वाल्टर लैडविग (फोटो- ANI)

नई दिल्ली,17 मई 2025,किंग्स कॉलेज लंदन में अंतरराष्ट्रीय संबंधों के वरिष्ठ व्याख्याता डॉक्टर वॉल्टर लैडविग ने दक्षिण एशिया में अमेरिका की रणनीतिक प्राथमिकताओं को लेकर बड़ा  स्पष्ट कहा है कि भारत को अपने ध्यान को पाकिस्तान से हटाकर चीन जैसी बड़ी रणनीतिक चुनौती पर केंद्रित करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि अमेरिका का लंबे समय से लक्ष्य भारत को इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण साझेदार के रूप में विकसित करना रहा है, और क्षेत्रीय संघर्ष इस दिशा को कमजोर करता है. इस दौरान उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत की सटीक क्षमताओं की प्रशंसा की.

लैडविग ने समाचार एजेंसी ANI से बातचीत में कहा, “जॉर्ज डब्ल्यू. बुश के दौर से लेकर अब तक अमेरिका की हर सरकार भारत को इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार बनाने की दिशा में काम करती रही है. अगर भारत पाकिस्तान के साथ संघर्ष में उलझा रहता है, तो उसका ध्यान एशिया की बड़ी तस्वीर से भटक सकता है और यह अमेरिका के हित में नहीं है.”

भारत की नीतियों में बड़ा बदलाव
उन्होंने कहा कि पुलवामा हमले के बाद भारत द्वारा किए गए हवाई हमले यह दिखाते हैं कि अब भारत ने रक्षात्मक रणनीति से निकलकर आक्रामक आतंकवाद विरोधी नीति अपनाई है. उन्होंने कहा, “पहले भारत सरकारें आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं के लिए सबूत इकट्ठा करती थीं, लेकिन अब यह नीति बन चुकी है कि यदि कोई देश अपने क्षेत्र में आतंकी संगठनों को पनाह देने से नहीं रोकता, तो भारत सीधा सैन्य जवाब दे सकता है.”

अमेरिका के लिए क्यों जरूरी है भारत की स्थिरता
लैडविग ने यह भी कहा कि भारत की लगभग 7% की आर्थिक वृद्धि दर बहुत प्रभावशाली है, लेकिन उसे अपने सभी विकास लक्ष्यों को पूरा करने के लिए इससे भी तेज गति से बढ़ने की आवश्यकता है. “पाकिस्तान के साथ लम्बा संघर्ष इस विकास को खतरे में डाल सकता है, और यही कारण है कि अमेरिका के लिए भी यह जरूरी है कि भारत-PAK तनाव न बढ़े.”

युद्धविराम और स्वतंत्र निर्णय
हाल के युद्धविराम प्रयासों पर लैडविग ने कहा कि यह डी-एस्केलेशन दोनों देशों की इच्छा से अधिक प्रेरित था, न कि विदेशी मध्यस्थता से. उन्होंने स्पष्ट किया, “भारत और पाकिस्तान ने सैन्य कार्रवाई और गोलीबारी रोकने के लिए एक समझौता किया. यह दोनों पक्षों की इच्छा से हुआ और इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा वर्णित दबाव या मध्यस्थता की कोई भूमिका नहीं थी.”

इसके अलावा, उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत की सटीक सैन्य क्षमताएं और सार्वजनिक संवाद में बेहतर प्रदर्शन की भी सराहना की. उन्होंने कहा, “भारत ने पाकिस्तान की तुलना में अधिक प्रभावी ढंग से ऑपरेशन चलाए और उनकी तस्वीरें व जानकारियां सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं, जो भारतीय दावों को मजबूत करती हैं.”

India Defence Budget May Boost 50000 Crore After Operation Sindoor Against Pakistan 
ऑपरेशन सिंदूर के बाद सेना को 50 हजार करोड़ का बूस्टर, मोदी सरकार कर रही तैयारी
ऑपरेशन सिंदूर के बाद, सरकार रक्षा बजट में 50,000 करोड़ रुपये की वृद्धि करने की तैयारी में है, जिससे कुल आवंटन 7 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगा। यह वृद्धि रिसर्च और विकास, हथियार और गोला-बारूद की खरीद पर केंद्रित होगी।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद सरकार रक्षा बजट को 50 हजार करोड़ रुपये का बूस्ट देने की तैयारी में है। एनडीटीवी की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से खबर है कि ऑपरेशन सिंदूर के परिणामस्वरूप भारत के रक्षा बजट में 50,000 करोड़ रुपये की वृद्धि हो सकती है। सूत्रों ने बताया कि यह वृद्धि, जो संभवतः अनुपूरक बजट के माध्यम से प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही, कुल रक्षा आवंटन को 7 लाख करोड़ रुपये से अधिक कर देगी।

रिकॉर्ड 6.81 लाख करोड़ रुपये का बजट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 1 फरवरी को पेश किए गए 2025-26 के बजट में सशस्त्र बलों के लिए रिकॉर्ड 6.81 लाख करोड़ रुपये निर्धारित किए गए थे। इस वर्ष का आवंटन पहले ही 2024/25 के 6.22 लाख करोड़ रुपये से 9.2 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि है। रिपोर्ट के अनुसार सूत्रों ने बताया कि बढ़ा हुआ बजट का उपयोग संभवतः अनुसंधान और विकास, तथा हथियार, गोला-बारूद और अन्य आवश्यक उपकरणों की खरीद के लिए किया जाएगा।

शीतकालीन सत्र में मांगी जाएगी मंजूरी
इसके लिए संसद के शीतकालीन सत्र में मंजूरी मांगी जाएगी। डिफेंस सेक्टर पर 2014 से ही नरेंद्र मोदी सरकार का फोकस रहा है। बीजेपी सरकार के पहले वर्ष 2014-15 में रक्षा मंत्रालय को 2.29 लाख करोड़ रुपये दिए गए थे। वर्तमान आवंटन सभी मंत्रालयों में सबसे अधिक है और कुल बजट का 13 प्रतिशत है। भारत की रक्षा तैयारी और (संभावित) बजट आवंटन में वृद्धि, पाकिस्तान के साथ जारी तनाव के बीच हुई है।

यह विशेष रूप से 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले और भारत की सैन्य प्रतिक्रिया ऑपरेशन सिंदूर के बाद है। ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर ए तैयबा के आतंकी शिविरों को निशाना बनाया गया था।

 

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