पाकिस्तान के संगी तुर्की को भारत से एक और चोट,छीन ली नौ हवाई अड्डों की हैंडलिंग
पाकिस्तान का साथ देने वाले तुर्की को भारत की एक और चोट, जानिए अब क्या किया
मुख्य बिंदू
भारत ने तुर्की की कंपनी सेलेबी की सिक्योरिटी क्लियरेंस खत्म की.
सेलेबी अब भारतीय एयरपोर्ट्स पर सेवाएं नहीं दे पाएगी.
सेलेबी 2008 से भारत के 9 एयरपोर्ट्स पर सक्रिय थी.
नई दिल्ली 15 मई 2025. भारत ने तुर्की के साथ व्यापारिक रिश्ते खत्म करने की दिशा में एक और कदम उठाया है. सिविल एविएशन ब्यूरो ने तुर्की की कंपनी सेलेबी की सिक्योरिटी क्लियरेंस खत्म कर दिया है. परिणामत:, अब वह भारतीय एयरपोर्ट्स पर अपनी सेवाएं नहीं दे पाएगी. ऐसा नेशनल सिक्योरिटी के संदर्भ में किया गया है. सेलेबी भारत के 9 एयरपोर्टस पर अपनी सेवाएं देती है. सेलेबी (Celebi) ने भारत में अपने ऑपरेशन्स की शुरुआत साल 2008 में की थी और तब से यह देश के नौ प्रमुख एयरपोर्ट्स तक अपना काम बढा चुका है. इनमें मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोचीन, अहमदाबाद, गोवा (मनोहर इंटरनेशनल एयरपोर्ट) और कन्नूर शामिल हैं. सेलेबी भारत में दो मुख्य इकाइयों से अपनी सेवाएं देता है.
भारत के बड़े-बड़े एयरपोर्ट्स पर यात्रियों को समय पर सेवाएं मिलें, फ्लाइट्स बिना देरी के उड़ान भरें और कार्गो की हैंडलिंग सुचारू रूप से हो, इसके पीछे कई ज़मीन पर काम करने वाली कंपनियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. ऐसी ही एक बड़ी विदेशी कंपनी है सेलेबी एविएशन (Çelebi Aviation), जो पिछले करीब 17 सालों से भारत में एक्टिव है. लेकिन अब यह कंपनी सुरक्षा को लेकर विवादों में आ गई है. एक तरफ सेलेबी भारत में ग्राउंड हैंडलिंग और कार्गो सर्विसेस का एक मजबूत नेटवर्क बना चुकी है, वहीं दूसरी ओर तुर्की और पाकिस्तान के बीच बढ़ती नज़दीकी ने इसके भारत में काम को लेकर चिंता बढ़ा दी है.
भारत में शुरुआत
सेलेबी ने भारत में 2008 में अपने ऑपरेशन की शुरुआत मुंबई एयरपोर्ट के साथ एक संयुक्त उपक्रम (joint venture) के ज़रिए की थी. इसके बाद कंपनी ने दो बड़ी यूनिट खड़ी कीं—Çelebi Airport Services India Pvt. Ltd., जो ग्राउंड हैंडलिंग का काम देखती है, और Çelebi Delhi Cargo Terminal Management India Pvt. Ltd., जो दिल्ली एयरपोर्ट पर कार्गो टर्मिनल का संचालन करती है. आज कंपनी भारत के 9 महत्वपूर्ण एयरपोर्ट्स पर मौजूद है—मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोचीन, अहमदाबाद, गोवा (मोपा), और कन्नूर में कंपनी ग्राउंड सर्विसेस और कुछ जगहों पर कार्गो ऑपरेशन संभालती है. यह नेटवर्क देश के कुल हवाई यातायात का लगभग 65% हिस्सा कवर करता है.
सेलेबी की सेवाओं में यात्री चढ़ाने-उतारने से लेकर बैगेज और कार्गो की ढुलाई, एयरक्राफ्ट की सफाई, फ्लाइट ऑपरेशन और VIP सेवाएं शामिल हैं. कंपनी ने BME (Bridge Mounted Equipment) जैसी तकनीक को अपनाया है जिससे जहाज़ों को बाहर से बिजली और एयर कंडीशनिंग सप्लाई दी जाती है और ईंधन की बचत होती है. इसके अलावा TaxiBot सेमी-रोबोटिक मशीन से फ्लाइट्स को बिना इंजन चालू किए रनवे तक ले जाया जाता है, जिससे पर्यावरण को कम नुकसान होता है. यह सेवा अभी दिल्ली और बेंगलुरु में शुरू की गई है और जल्द ही चेन्नई में भी शुरू होने वाली है.
दिल्ली एयरपोर्ट पर सेलेबी का कार्गो टर्मिनल सबसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स में से एक है, जिसे कंपनी 25 साल के BOT मॉडल पर चला रही है. यहां अत्याधुनिक X-ray मशीनें, एक्सप्लोसिव डिटेक्टर और 450 से ज़्यादा कैमरों से पूरी निगरानी होती है. खासतौर पर फार्मा और सेंसिटिव सामान की हैंडलिंग में सेलेबी की भूमिका महत्वपूर्ण है. साथ ही कंपनी मुंबई और दिल्ली एयरपोर्ट्स पर BME सेवाएं भी दे रही है, जो ज़्यादा इको-फ्रेंडली विकल्प मानी जाती हैं.
भारत में कितना बड़ा कारोबार
सेलेबी के पास भारत में करीब 7,800 कर्मचारी हैं जो हर साल 58,000 से ज़्यादा उड़ानों और 5.4 लाख टन कार्गो की जिम्मेदारी संभालते हैं. कंपनी ने अब तक भारत में करीब USD 250 मिलियन (करीब ₹2,000 करोड़) का निवेश किया है और 2027 तक USD 80 मिलियन (₹670 करोड़) और निवेश की योजना है. यह पैसा खासकर नए एयरपोर्ट्स जैसे जेवर (नोएडा), नवी मुंबई और कोलकाता में अपनी मौजूदगी बढ़ाने में लगाया जाएगा. कंपनी की योजना अपने पूरे ऑपरेशन को इलेक्ट्रिक वाहनों पर शिफ्ट करने की है.
ताजा विवाद
मई 2025 में जब भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की, तो पता चला कि पाकिस्तान ने इसमें तुर्की के ड्रोन इस्तेमाल किए. यही नहीं, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि सेलेबी एविएशन में तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एर्दोआन की बेटी भी हिस्सेदार है. इन खबरों के बाद भारत में सेलेबी के ऑपरेशन को लेकर सुरक्षा चिंता सामने आने लगी थी. खासतौर पर मुंबई एयरपोर्ट पर जहां यह कंपनी 70% ग्राउंड ऑपरेशन हैंडल करती है, वहां राजनीतिक दलों ने विरोध शुरू कर दिया था । शिवसेना ने तो सीधे तौर पर सेलेबी का कॉन्ट्रैक्ट रद्द करने की मांग भी कर दी थी.
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