आईएएस की तैयारी करा रहे मुस्लिम प्रोफेसर ने ऋचा देवी को बना दिया माहिन अली, सुप्रिया बनी आयशा

कानपुर में धर्म परिवर्तन:MBA पास ऋचा ने धर्म बदलकर नाम माहीन रखा, परिवार को छोड़कर नोएडा शिफ्ट, 75 हजार सैलरी मस्जिद में करती है दान
कानपुर24जून।घाटमपुर के बीहूपुर गांव की 26 वर्षीय ऋचा देवी एक प्रतिष्ठित कुर्मी परिवार से ताल्लुख रखती है। परिजनों का कहना है कि अगर अब लौटकर आई भी तो स्वीकार नहीं करेंगे।

यूपी में धर्मांतरण मामले में जांच एजेंसियों के जरिए दैनिक भास्कर के हाथ 2018 में मुस्लिम धर्म अपनाने वाली 33 महिलाओं की लिस्ट हाथ लगी है। यह सभी महिलाएं हाई क्वालीफाइड हैं। इसके चलते धर्मांतरण के सरगना उमर ने इन महिलाओं को साइनिंग स्टार्स नाम दिया था। लिस्ट में शामिल कानपुर के घाटमपुर की युवती के घर जाकर भास्कर ने पड़ताल की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। घाटमपुर की होनहार छात्रा को इस तरह मोटिवेट कर दिया की परिवार छोड़कर नोएडा शिफ्ट हो गई है।

मेधावी छात्रा को बनाया शिकार, धर्मांतरण के बाद परिवार से तोड़ा नाता

घाटमपुर के बीहूपुर गांव की 26 वर्षीय ऋचा देवी एक प्रतिष्ठित कुर्मी परिवार से ताल्लुख रखती है। परिवार ने बड़ा अफसर बनाने की चाह में शहर के पीपीएन कॉलेज से स्नातक के बाद प्रयागराज के एक बड़े संस्थान से एमबीए की पढ़ाई कराई। फिर सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रही थी।

परिजनों का आरोप है कि इस दौरान प्रयागराज के एक मुस्लिम प्रोफेसर के संपर्क में आई थी। उसने ऐसा ब्रेनवाश कर दिया कि बेटी ऋचा धर्मांतरण करके ऋचा से माहीन अली बन गई है। अब वह नोएडा शिफ्ट हो गई है। एक बड़ी कंपनी में जॉब कर रही है। हर महीने मिलने वाली सैलरी भी मस्जिद में दान कर देती है। उसने परिवार से पूरी तरह से नाता तोड़ लिया जा। दो साल से वह घर नहीं आई है। परिजनों का कहना है कि अगर अब लौटकर आई भी तो स्वीकार नहीं करेंगे।

लिस्ट में ऋचा देवी का नाम माहीन अली लिखा है।

एटीएस समेत कई जांच एजेंसियां पूछताछ करने घर पहुंची
घाटमपुर की छात्रा के धर्मांतरण की बात सामने आने के बाद एटीएस, एलआईयू समेत कई जांच एजेंसियां छात्रा के घर जांच करने पहुंची। छात्रा के परिजनों ने बताया कि 2 साल से उनके संपर्क में नहीं है। छात्रा ने सभी के मोबाइल नंबरों को ब्लैक लिस्ट में डाल रखा है। सोशल मीडिया से परिवार और रिश्तेदारों को ब्लॉक कर दिया है। इसके चलते उसका हाल खबर भी परिजनों को नहीं मिल पाता है। उसका मोबाइल नंबर और नोएडा में कहां रहती है यह जानकारी परिजनों ने एटीएस से साझा की है।

धर्मांतरण करने वाली महिलाओं के नाम।

माहीन अली बनी छात्रा अब करा रही है धर्मांतरण

ऋचा ने पहले मुस्लिम धर्म ग्रहण किया अब वह ट्रेनर बन गई है। खुद छात्राओं और महिलाओं को धर्मांतरण के लिए प्रेरित कर रही है। इस संबंध में भी जांच एजेंसियों को कई अहम साक्ष्य मिले हैं। पुलिस छात्रा ऋचा से माहीन अली बनी छात्रा का कच्चा चिट्ठा खंगालने में लगी है।

कानपुर में पढ़ी छात्रा का कराया धर्मांतरण, सुप्रिया से बनी आयशा

छात्रा का धर्म परिवर्तन कराने की बात खुद मोहम्मद उमर गौतम ने स्वीकार की है। इस संबंध में यू-ट्यूब पर उसका वीडियो भी है।

धर्मांतरण गिरोह ने कानपुर में पढ़ी एक छात्रा का भी करीब तीन साल पहले धर्म परिवर्तन कराया है। परास्नातक पास छात्रा सुप्रिया ने अपना नाम बदलकर आयशा रख लिया है। गिरोह का पर्दाफाश होने के बाद छात्रा के बारे में जानकारी हुई है।

हालांकि अभी यह पता नहीं चल सका है कि छात्रा मूलरूप से कहां की रहने वाली है। छात्रा का धर्म परिवर्तन कराने की बात खुद मोहम्मद उमर गौतम ने स्वीकार की है। इस संबंध में यू-ट्यूब पर उसका वीडियो भी है।

वीडियो के मुताबिक तीन साल पहले मो. उमर गौतम अलीगढ़ मुस्लिम विवि में लेक्चर देने पहुंचा था। लेक्चर के दौरान उसने इस्लाम धर्म की खासियत बताईं। कहा कि जिस-जिस शख्स ने इस्लाम अपनाया वह तरक्की की राह पर चलता चला गया।

उसने सुप्रिया नाम की छात्रा का भी जिक्र किया। कहा था कि कानपुर के एक विश्वविद्यालय से परास्नातक की पढ़ाई करने वाली छात्रा सुप्रिया ने इस्लाम अपनाया है। लेक्चर में उसने कई और लोगों का भी जिक्र किया। जांच एजेंसियां सुप्रिया के बारे में पता करने में जुट गई हैं।

शिक्षण संस्थानों में गहरी पैठ

उमर गौतम का संगठन गरीब, मजबूर, लाचार और मूक बधिर लोगों को निशाना बनाता था। इसके अलावा शिक्षण संस्थानों में भी गिरोह की खासी पैठ है। कानपुर के कई शिक्षण संस्थानों में उनसे जुड़े लोग हैं। ये सभी उन छात्रों को अपनी तरफ डायवर्ट करने का प्रयास करते हैं, जो किसी न किसी समस्या से परेशान होते हैं।

आधा दर्जन से अधिक छात्रों का हुआ धर्म परिवर्तन

सूत्रों के मुताबिक अब तक की जांच में पता चला है कि कानपुर के आधा दर्जन छात्रों का धर्म परिवर्तन कराया जा चुका है। हालांकि किसी ने अभी तक इस तथ्य की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। सूत्रों के मुताबिक जिन-जिन का धर्म परिवर्तन किया गया है। जांच एजेंसी उनमें से ही लोगों को गवाह बनाएंगी। सबसे बड़ा सवाल ये है कि धर्म परिवर्तन करने वाले अभी भी अपनी बात पर अडिग हैं।

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