20साल पत्रकार रहे हिप्र के प्रथम उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री

हिमाचल के डिप्टी CM मुकेश अग्निहोत्री:कड़क मिजाज पत्रकार से नेता बने, सोनिया-राहुल और वीरभद्र के करीबी; 5वीं बार जीतकर विस पहुंचे

शिमला11 दिसंबर। हिमाचल की ब्यूरोक्रेसी को अब संभल कर रहना होगा। प्रदेश में नई सरकार आ गई है। इस सरकार में पहली बार अफसरशाही को मुख्यमंत्री के साथ डिप्टी CM के तेवर भी देखने होंगे। कांग्रेस ने मुकेश अग्निहोत्री के रूप में एक कड़क मिजाज पत्रकार रहे जन को उप मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी दी है।

उद्योग मंत्री का दायित्व हो या नेता प्रतिपक्ष की भूमिका, अग्निहोत्री हर मोर्चे पर तेज-तर्रार और मुखर रहे। अब वह प्रदेश के पहले उपमुख्यमंत्री बने हैं।  नेता प्रतिपक्ष रहते वह हमेशा अफसरशाही के BJP सरकार पर हावी रहने के आरोप लगाते रहे। ऐसे में अब अग्निहोत्री के सामने चुनौती रहेगी कि वह किस तरह से ब्यूरोक्रेसी काे टैकल करते हैं।

सीट बदलने के बाद भी जीतते आ रहे चुनाव

मुकेश अग्निहोत्री इस बार हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले की हरोली विधानसभा सीट से 5वीं बार जीतकर MLA बने। उन्होंने पहली बार वर्ष 2003 में संतोषगढ़ सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा और विजयी हुए। दूसरी बार 2007 में भी वह चुनाव जीते। वर्ष 2012 के चुनाव में डीलिमिटेशन के बाद संतोषगढ़ ऊना क्षेत्र में आ गया और हरोली नया विधानसभा क्षेत्र बना। मुकेश तीसरी दफा मुकेश हरोली सीट से भी चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे।

वीरभद्र सिंह ने उन्हें अपने मंत्रिमंडल में बतौर उद्योग मंत्री शामिल किया। इसके बाद वर्ष 2017 में भाजपा सत्ता में आई। इसमें मुकेश अग्निहोत्री को नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी साैंपी गई। वह कांग्रेस सरकार में संसदीय कार्य, सूचना एवं जनसंपर्क और श्रम एवं रोजगार विभाग की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। इसके अलावा कांग्रेस के संगठन में भी अहम पदों पर रहे हैं।

पिता की अधूरी राजनीतिक पारी को संभाला

मुकेश अग्निहोत्री को राजनीतिक पृष्ठभूमि विरासत में मिली है। उनके पिता पंडित ओंकार चंद शर्मा ऊना के बड़े कांग्रेस नेताओं में  रहे। वर्ष 1993 के दौरान मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने उन्हें हिमाचल प्रदेश एग्रो पैकेजिंग का उपाध्यक्ष बनाया था। पंडित ओंकार चंद शर्मा को 1998 में संतोषगढ़ सीट से कांग्रेस टिकट भी मिला था, मगर वह भाजपा के जयकिशन शर्मा ने चुनाव हार गए। बाद में मुकेश अग्निहोत्री ने अपने पिता की हारी सीट से जीतना शुरू किया और आज तक जीत ही रहे हैं।

पंजाब में जन्मे, हिमाचल में पढ़े-लिखे

मुकेश अग्निहोत्री का जन्म पंजाब के संगरूर में 9 अक्टूबर 1962 को हुआ। उनकी प्राइमरी शिक्षा ऊना जिले में हुई। बाद में उन्होंने मैथ्स में MSC की डिग्री ली। इसके अलावा पब्लिक रिलेशन में PG डिप्लोमा किया है।

करीब 20 साल पत्रकार रहे

जनसंपर्क में डिप्लोमा करने के बाद अग्निहोत्री ने पत्रकारिता को अपनाया। उन्होंने ऊना, शिमला व दिल्ली तक में एक पत्रकार के तौर पर करीब 20 साल काम किया। इसी दौरान दिल्ली में उनकी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व राहुल गांधी से भी नजदीकी रही। शिमला में वीरभद्र सिंह के साथ भी उनके नजदीकी संबंध थे।

ऐसे में वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव में वीरभद्र सिंह ने ऊना की संतोषगढ़ सीट से मुकेश अग्निहोत्री को कांग्रेस का टिकट दिलवाया। वह चुनाव जीते भी और उसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। लगातार 5वीं बार विधानसभा में पहुंचने के बाद उन्हें उपमुख्यमंत्री पद मिला।

 

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