हाईकोर्ट का धर्मांतरण पर मीडिया रिपोर्टिंग रोकने से इंकार

 

अवैध धर्मांतरण मामला: जानिए मीडिया रिपोर्टिंग रोकने की याचिका पर HC ने अपने फैसले में क्या कहा?
अ jiवैध धर्मांतरण मामले में गिरफ्तार उमर गौतम की ओर से दाखिल याचिका में मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक लगाने की मांग की गई थी. इसमें कहा गया था कि जांच एजेंसी विवेचना का कोई भी तथ्य मीडिया को लीक न करे.
अवैध धर्मांतरण मामला: जानिए मीडिया रिपोर्टिंग रोकने की याचिका पर HC ने अपने फैसले में क्या कहा?
आरोपी उमर गौतम ने HC से की मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक लगाने की मांग की है.
ऋषभ मणि त्रिपाठी

लखनऊ10 जुलाई. अवैध धर्मांतरण मामले (Illegal Religious Conversion Case) में गिरफ्तार उमर गौतम (Umar Gautam) ने मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक (Ban Media Reporting) लगाने के लिए हाईकोर्ट लखनऊ बेंच (High Court Lucknow Bench) में याचिका दाखिल की थी. इस पर 2 जुलाई को बहस के बाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. अब बुधवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस विकास कुंवर श्रीवास्तव ने फैसला सुनाते हुए याचिका को खारिज़ कर दिया है.

उमर गौतम की ओर से दाखिल याचिका में मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक लगाने के साथ ही मांग की गई थी. इसमें कहा गया था कि जांच एजेंसी विवेचना का कोई भी तथ्य मीडिया को लीक न करे. याचिका में 20 जून को जारी प्रेस नोट को मीडिया से हटाने की भी मांग की गई थी. अपने फैसले में कोर्ट ने कहा कि अभी तक ऐसा कोई तथ्य नहीं आया, जिससे पता चला हो कि एजेंसियों ने मीडिया को सूचना लीक की है. फैसले में स्पष्ट किया गया है कि 20 जून के प्रेस नोट से याची के किसी संवैधानिक या कानूनी अधिकार का हनन हुआ, ये साफ नहीं हो रहा है. कोर्ट ने फैसले में कहा कि प्रेस नोट जारी करने के कारणों का न्यायिक पुनरावलोकन करने की जरूरत नहीं है.

अवैध धर्मांतरण मामले में गिरफ्तार आरोपी उमर गौतम की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई के बाद 2 जुलाई को हाईकोर्ट ने आदेश सुरक्षित रखा था. गौरतलब है कि अवैध धर्म परिवर्तन के आरोप में यूपी एटीएस ने लंबी पूछताछ के बाद नई दिल्ली के रहने वाले और इस्लामिक दवाह सेंटर को चलाने वाले उमर गौतम को गिरफ्तार किया था. एटीएस ने दावा किया था कि उमर गौतम अवैध धर्म परिवर्तन का गिरोह चलाता हैै।

11 नवंबर 2018 को अमरोहा में उमर को बताया गया था डाक्ट्रेट किया मौलाना

मुल्क से मोहब्बत इस्लामी तालीम का हिस्सा : मौलाना
जागरण संवाददाता, अमरोहा: आलिमेदीन डॉ.मोहम्मद उमर गौतम ने कहा कि नबी-ए-करीम की सीरत पर अमल करके ही ¨जदगी को कामयाब बनाया जा सकता है  आलिमेदीन डॉक्टर मोहम्मद उमर गौतम ने कहा नबी-ए-करीम की सीरत पर अमल करके ही ¨जदगी को कामयाब बनाया जा सकता है। इस्लामी तालीम को अपनाइए। दूसरे लोगों की सलामती और खुशहाली के लिए भी दुआ कीजिए। न कोई छोटा है और न कोई बड़ा। इस्लाम का यह पैगाम पूरी दुनिया और आलमे इंसानियत के लिए है।

इस्लामिक दावा सेंटर के चेयरमैन डॉ.उमर गौतम मुस्लिम कमेटी के तत्वावधान में ईद मिलादुन्नबी की तकरीबात के सिलसिले में नल चौराहा पर आयोजित जलसा-ए-सीरते पाक को खिताब फरमा रहे थे। उन्होंने कहा बच्चों की तरबियत का खास ख्याल रखें क्योंकि आने वाले दौर में इन्हीं से आपकी पहचान होनी है। इत्तेहाद का पैगाम देते हुए कहा मुल्क और मिल्लत के लिए आपसी भाईचारे का बढ़ावा देना जरूरी है। मुल्क के मौजूदा हालात में अब मुसलमानों की जिम्मेदारी बढ़ गई है। उन्हें रसूल-ए-पाक के सुन्नत पर अमल करना जरुरी हो गया है।

फरमाया कि मुल्क से मोहब्बत इस्लाम की तालीम का हिस्सा है। पड़ोसियों से कैसा सुलूक करना है, उनके हुकूक क्या हैं, यह सब इस्लाम और कुरआन ने साफ-साफ बताया है। सिर्फ पड़ोसी का जिक्र है। चाहे वो किसी भी मजहब का क्यों न हो। आगे कहा आज पश्चिमी कल्चर मआशरे पर हावी हो गया, जिसके नुकसान भी सामने आ रहे हैं। बेहयाई बढ़ती जा रही है। इसकी रोकथाम के लिए समाज के हर शख्स को फिक्र करनी होगी अगर इस तरफ ध्यान नहीं दिया तो हमारे बुजुर्गो की तहजीब का नामोनिशां मिट जाएगा।

इससे पूर्व जलसे का आगाज मुफ्ती समीर ने तिलावते कलामे पाक से किया। मौलाना साद अमरोहवी, जुबैर इब्ने सैफी, आमिर लईक व मोहम्मद बाबर ने नात शरीफ पेश की। जलसे में मोहम्मद जाहिद साहब व मुफ्ती सगीर अहमद कासमी ने भी तकरीर की। इस दौरान मुस्लिम कमेटी के सदर हाजी अब्दुल कयूम राईनी, मंसूर अहमद, डॉ. नजमुन्नबी, आले नबी, उवैस मुस्तफा रिजवी, इकरार अंसारी, हाजी खुर्शीद अनवर, दिलशाद अहमद, अबसार अहमद, मरगूब सिद्दीकी, महबूब हुसैन जैदी, अली इमाम रिजवी, कमर नकवी मौजूद रहे।

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