‘हार्पिक’ सेसमे वर्कशॉप इंडिया ट्रस्ट के साथ लाया’स्वच्छता शिक्षा फ्रेमवर्क किट

हार्पिक युवाओं को करेगा शौचालय से जुड़ी अच्छी आदतों के बारे में शिक्षित

सेसमे वर्कशॉप इंडिया ट्रस्ट के साथ मिलकर ‘स्वच्छता शिक्षा फ्रेमवर्क’ पर आधारित एक रोमांचक किट की पेश

देहरादून, 01सितंबर 2023: शौचालय स्वच्छता श्रेणी में अग्रणी ब्रांड हार्पिक ने सेसमे वर्कशॉप इंडिया ट्रस्ट के साथ मिलकर “स्वच्छता शिक्षा फ्रेमवर्क” पर आधारित एक विशेष किट का अनावरण किया। अभिनव ‘किटाणुओं को दूर भगाओ!’ किट को हार्पिक के मिशन स्वच्छता और पानी अभियान का समर्थन करने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी, 2020)और नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (2022) के अनुरूप डिजाइन किया गया है। इस अनूठी किट का उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना और छोटे बच्चों में स्वच्छ शौचायल की आदतें विकसित करना है, जिससे उनमें “अच्छे स्वास्थ्य को स्वच्छता”का महत्व विकसित किया जा सके।

कार्यक्रम के हिस्से के रूप में, हार्पिक और सेसमे वर्कशॉप इंडिया ट्रस्ट पुरी, ओडिशा के आश्रमशालाओं में 17 लाख बच्चों को किट वितरित करेगी। 3डी पॉप-अप किताबों, 3डी जिगशॉ पजल्स, और एक एक्टिविटी बुकलेट वाली इन किटों को सेसमे के लोकप्रिय पात्रों एल्मो, चमकी, नीला जादूगर और केके किटाणु की मदद से बच्चों के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। यह पहल “सभी के लिए सुरक्षित शौचालय”सुनिश्चित करने के हार्पिक के मिशन का हिस्सा है और बच्चों को युवा राजदूत बनने को ज्ञान देगी, जो साफ-सफाई का महत्व समझते हैं। इसके अलावा, उन्हें ‘स्वच्छता चैंपियंस’ के रूप में पहचान बनाने के अवसर के साथ, अगले व्यक्ति के लिए शौचालय साफ रखने की प्रतिज्ञा लेने को प्रोत्साहित किया जाएगा।

किट को कहानी की शक्ति के माध्यम से स्कूली बच्चों के बीच भाषाओं की बाधाओं को तोड़ने और सकारात्मक व्यवहार को बढ़ावा देने के लिए विशेषरूप से तैयार किया गया है। सेसमे वर्कशॉप के रंग-बिरंगे और प्यारे मपेट पात्रों को बच्चे पसंद करते है और बच्चों से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित करने के तरीकों की वकालत करने को विश्व स्तर पर उनकी सराहना की जाती है। कार्यक्रम के लिए विकसित पाठ्यक्रम का उद्देश्‍य सकारात्‍मक मूल्‍यों और व्‍यवहार को प्रोत्‍साहित करते हुए कहानी सुनाने के प्रति लगाव को बढ़ावा देना है। हार्पिक मिशन स्‍वच्‍छता और पानी अभियान के उद्देश्‍य के अनुरूप, इसका फ्रेमवर्क तीन प्रमुख स्‍तंभों- पहुंच, उपयोग और देखभाल पर आधारित है, और यह संदेश: एक साफ-सुथरा शौचालय- एक अधिकार, सुरक्षित शौचालय का उपयोग- एक आदत और व्‍यवहार में बदलाव लाना- इसे सुरक्षित बनाए रखना, को फैलाने पर केंद्रित है।

गौरव जैन, एग्‍जीक्‍यूटिव वाइस प्रेसिडेंट, रेकिट- साउथ एशिया, ने कहा “रेकिट में, हम सभी के लिए पृथ्‍वी को स्‍वस्‍थ बनाने को प्रतिबद्ध हैं। एक ऐसा भविष्‍य बनाने को, जहां हर किसी के पास साफ, स्‍वस्‍थ शौचालय तक पहुंच हो, सेसमे इंडिया के साथ हमारी भागीदारी बच्‍चों में साफ-सफाई और शौचालय की स्‍वच्‍छता संबंधी कमियां दूर करने पर केंद्रित है। बच्‍चों में भारत को नई ऊंचाई पर ले जाने की अपार क्षमता है और यह जरूरी है कि उन्‍हें उचित स्‍वच्‍छता आदतों के महत्‍व के बारे में शिक्षित किया जाए। सेसमे वर्कशॉप इंडिया ट्रस्‍ट के साथ हार्पिक की भागीदारी के माध्‍यम से, हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि बच्‍चे सम्‍मानित सामाजिक व्‍यवहार और सकारात्‍मक स्‍वच्‍छता की बारीकियां गहराई से समझें।”

राहुल जोशी, मैनेजिंग डायरेक्टर, नेटवर्क 18 ने कहा, “न्यूज18 में, प्रभावशाली और स्थायी सामाजिक पहल का नेतृत्व करने का हमारा निरंतर प्रयास रहता है, जो बदलाव लाने का वादा करता है। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू का स्वच्छता पाठ्यक्रम का अनावरण करना, हमारे ‘मिशन स्वच्छता और पानी’ की यात्रा और एक स्वच्छ एवं स्वस्थ भारत निर्माण के हमारे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण क्षण है। अपनी युवा पीढ़ी को उचित साफ-सफाई और स्वच्छता के महत्व के बारे में शिक्षित कर, हम न केवल उनके जीवन में सुधार कर रहे हैं बल्कि अपने राष्ट्र के लिए एक अधिक समृद्ध और टिकाऊ भविष्य की नींव भी रख रहे हैं।”

सोनाली खान, मैनेजिंग ट्रस्टी, सेसमे वर्कशॉप इंडिया ट्रस्ट, ने कहा “सेसमे वर्कशॉप इंडिया ट्रस्ट में, हमारा लक्ष्य स्वच्छ और स्वस्थ भारत के लिए जल, स्वच्छता और सफाई (WASH) पर आजीवन बनी रहने वाली आदतें विकसित करना है। हमारा मानना है कि जब बच्चे स्वच्छता और शौचालय आदतों की यात्रा जल्दी शुरू करते हैं, तो वे जीवनभर को “स्वच्छता चैंपियन”बन जाते हैं। हम उत्साहित हैं कि हम अपने ‘स्वच्छता शिक्षा फ्रेमवर्क’ के अनुरूप ‘किटाणुओं को दूर भगाओ!’ किट को पेश करने के साथ मिशन स्वच्छता और जल पहल के साथ अपनी साझेदारी आगे बढ़ा रहे हैं। बच्चों के लिए टूल्स आसान, आकर्षक और सबसे महत्वपूर्ण मजेदार हैं। वे बच्चों को आवश्यक स्वच्छता आदतें सिखाते हैं, जैसे शौचालय की सफाई करना और कीटाणुओं को डरावने तरीके से न दिखाना, बल्कि उन्हें यह सिखाना कि सही जगह पर शौच कर और बाद में फ्लश कर खुद को कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है।”

स्वच्छ भारत मिशन और यूएन-एसडीजी के साथ जुड़कर रेकिट, हार्पिक मिशन स्वच्छता और पानी के हिस्से के रूप में, सुरक्षित शौचालय की जरूरत पर जागरूकता पैदा करने की दिशा में लगातार काम कर रहा है, क्योंकि यह सबसे महत्वपूर्ण मानव अधिकार में से एक है। सेसमे वर्कशॉप इंडिया ट्रस्ट के साथ यह साझेदारी बच्चों को उनके शुरुआती वर्षों में अपने साथ जोड़कर एक स्वच्छ और स्वस्थ राष्ट्र निर्माण में मदद करेगी। इस पहल का उद्देश्य सभी को सुरक्षित और स्वच्छ शौचालय सुनिश्चित करने और हमारे देश के भविष्य के बेहतर स्वास्थ्य पर ध्यान देने के साथ ‘कोई भी व्यक्ति पीछे न छूटे’ इसे सुनिश्चित करने के लिए शौचालय उपयोग के व्यवहार में बदलाव लाना है, जिससे बेहतर आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।

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