प्रधानमंत्री बनने पर भी अपनी जमीन नहीं भूले मोदी: आजाद

गुलाम नबी आजाद ने की PM नरेंद्र मोदी की तारीफ, कहा- वे खुद को गर्व से ‘चायवाला’ कहते हैं
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि नरेंद्र मोदी के साथ मेरी राजनीतिक विचारधारा काफी अलग है, लेकिन प्रधानमंत्री जमीन से जुड़े हुए व्यक्ति हैं.

गुलाम नबी आजाद ने की PM नरेंद्र मोदी की तारीफ, कहा- वे खुद को गर्व से ‘चायवाला’ कहते हैं
जम्मू के एक कार्यक्रम में मीडिया से बात करते गुलाम नबी आजाद.
नई दिल्ली. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की और कहा कि प्रधानमंत्री पद पर होने के बावजूद उन्होंने अपनी जड़ों को याद रखा है और खुद को गर्व से ‘चायवाला’ कहते हैं. जम्मू में आयोजित एक समारोह में गुज्जर समुदाय को संबोधित करते हुए आजाद ने कहा, ‘लोगों को नरेंद्र मोदी से सीखने की जरूरत है जो कि प्रधानमंत्री बनने के बाद भी अपनी जड़ों को नहीं भूले. वे खुद को बड़े गर्व से ‘चायवाला’ कहते हैं. हालांकि नरेंद्र मोदी के साथ मेरी राजनीतिक विचारधारा काफी अलग है, लेकिन पीएम जमीन से जुड़े हुए व्यक्ति हैं.’
इसी महीने कुछ दिनों पहले गुलाम नबी आजाद के लिए दिए अपने विदाई भाषण में पीएम नरेंद्र मोदी भावुक हो गए थे. आजाद का राज्यसभा में बतौर नेता प्रतिपक्ष का कार्यकाल पूरा होने के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने यह भाषण दिया था. अपने करीब 13 मिनट के विदाई भाषण में पीएम मोदी की आंखों में कई बार आंसू आए. दरअसल वे उस घटना को याद कर रहे थे जब 2007 में कश्मीर में आतंकी हमला हुआ था और उस दौरान वहां फंसे गुजरात के पर्यटकों को वहां से निकालने में प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने काफी मदद की थी. गुलाम नबी आजाद का 15 फरवरी को संसद के उच्च सदन में कार्यकाल पूरा हुआ था.
इसके साथ ही गुलाम नबी आजाद ने जम्मू-कश्मीर के विकास को लेकर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा, ‘हमें पहले जम्मू-कश्मीर की आर्थिक स्थिति ठीक करनी होगी. विकास के काम को 3 गुना करना होगा. दिल्ली से 3-4 गुना ज़्यादा पैसा मिलना चाहिए. हमारे वक्त में बजट कम होता था, लेकिन हम अलग-अलग चीजों में पैसे लेते थे. आज काम दिखाई नहीं दे रहा है और उद्योग बंद हैं.’
इससे एक दिन पहले, कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन और संगठनात्मक फेरबदल की मांग करने वाले वरिष्ठ नेताओं गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और कपिल सिब्बल समेत ‘जी-23’ के नेता शनिवार को जम्मू में एक मंच पर एकत्र हुए और उन्होंने कहा कि पार्टी कमजोर हो रही है और वे इसे मजबूत करने के लिए एक साथ आए हैं.
कांग्रेस के इन असंतुष्ट नेताओं को ‘जी-23’ भी कहा जाता है. सिब्बल ने महात्मा गांधी को समर्पित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘यह सच बोलने का मौका है और मैं सच बोलूंगा. हम यहां क्यों इकट्ठे हुए हैं? सच्चाई यह है कि हम देख सकते हैं कि कांग्रेस कमजोर हो रही है. हम पहले भी इकट्ठा हुए थे और हमें एक साथ मिलकर कांग्रेस को मजबूत करना है.’ इस कार्यक्रम में समूह (जिसे अब ‘जी-23’ कहा जाता है) के भूपेंद्र सिंह हुड्डा, मनीष तिवारी, विवेक तन्खा और राज बब्बर जैसे कई अन्य कांग्रेसी नेता भी शामिल हुए.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *