राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड पुनर्गठन: पूर्व रॉ चीफ आलोक जोशी अध्यक्ष, पाक से तनाव बीच बड़ा फैसला
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड का पुनर्गठन: पूर्व रॉ प्रमुख अध्यक्ष आलोक जोशी बने, पाकिस्तान से तनाव के बीच बड़ा फैसला
पहलगाम आतंकी हमले के बाद से मोदी सरकार ताबड़तोड़ फैसले ले रही है। आतंकवाद के आश्रय पाकिस्तान के खिलाफ सख्त प्रतिबंधों के अलावा जवाबी पलटवार की भी तैयारी है। इस बीच पाकिस्तान लगातार कश्मीर घाटी में नियंत्रण रेखा पर बिना उकसावे गोलीबारी करके संघर्ष विराम का उल्लंघन कर रहा है। हमारी सेना भी उसका उचित जवाब दे रही है.
देहरादून/ नई दिल्ली 30 अप्रैल 2025. पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार की रणनीतिक बैठकों के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड बड़ा फेरबदल किया गया है। सरकार की ओर से पुनर्गठित राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड में सात सदस्य होंगे। बोर्ड में तीनों सेनाओं के सेवानिवृत्त अधिकारी होंगे। सरकार की ओर से पूर्व रॉ प्रमुख आलोक जोशी को इसका अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। बोर्ड में पूर्व पश्चिमी एयर कमांडर एयर मार्शल पीएम सिन्हा, पूर्व दक्षिणी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एके सिंह और रियर एडमिरल मोंटी खन्ना सैन्य सेवाओं से सेवानिवृत्त अधिकारी भी हैं। राजीव रंजन वर्मा और मनमोहन सिंह भारतीय पुलिस सेवा से सेवानिवृत्त दो सदस्य भी बोर्ड में हैं। सात सदस्यीय बोर्ड में बी वेंकटेश वर्मा सेवानिवृत्त आईएफएस हैं।
JNU से पढ़ें हैं आलोक जोशी
आलोक जोशी लखनऊ के हैं और दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी से पॉलिटिकल साइंस में पोस्ट ग्रेजुएट है। उन्होंने 1976 में इंडियन पुलिस सर्विस के हरियाणा कैडर जॉइन किया।
साल 2005 में आलोक जोशी इंटेलिजेंस ब्यूरो के जॉइंट डायरेक्टर बनें। 2010 में उन्हें रॉ का स्पेशल सेक्रेटरी बनाया गया। 1977 त्रिपुरा कैडर के IPS अमिताभ माथुर और आलोक जोशी में रॉ चीफ बनने को लेकर स्पर्धा थी। दोनों ही इस पद को कोशिश में थे और दोनों इसको योग्य भी थे। प्रधानमंत्री की अपॉइंटमेंट्स कमेटी ऑफ द कैबिनेट (इंडिया) ने आलोक जोशी को ही रॉ का चीफ चुना।
प्रधानमंत्री मोदी ने की ताबड़तोड़ बैठकें
इससे पहले पहलगाम आतंकवादी हमले के दृष्टिगत बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक बुलाई। इसके बाद राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीपीए), आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) की बैठक हुई। ताबड़तोड़ बैठकों के बाद एक पूर्ण कैबिनेट की बैठक भी हुई।
सुरक्षा तैयारियों पर चर्चा हुई
पहलगाम हमलों के बाद दूसरी बार बुलाई गई सीसीएस पहलगाम की घटना के मद्देनजर सुरक्षा तैयारियों पर चर्चा हुई। सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (सीसीएस) की पिछली बैठक 23 अप्रैल को हुई थी और पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई थी। हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की आतंकियों ने निर्मम हत्या कर दी थी। सीसीएस ने हमले की कड़े शब्दों में निंदा की थी और पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की थी। सीसीएस ने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की थी।
प्रधानमंत्री की सेना को खुली छूट
इससे पहले मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी ने देश के शीर्ष रक्षा अधिकारियों के साथ बैठक की थी, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल हुए थे। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान भी इस बैठक का हिस्सा थे। बैठक करीब डेढ़ घंटे चली थी। बैठक तब हुई, जब दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत जवाबी कार्रवाई के विकल्पों पर विचार कर रहा है। सरकारी सूत्रों के अनुसार, बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद पर करारी चोट करना हमारा राष्ट्रीय संकल्प है। प्रधानमंत्री मोदी ने सशस्त्र बलों की पेशेवर क्षमताओं पर पूरा विश्वास और भरोसा जताया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कि सशस्त्र बलों को हमारी प्रतिक्रिया के तरीके, लक्ष्य और समय तय करने की पूरी स्वतंत्रता है।
Former Raw Chief Alok Joshi Appointed Nsab Chairman Ex-officials From All Three Armed Forces Also Included
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने CCS की बैठक में सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा की
पहलगाम में हमला, CCS को सीमा पार संबंधों की जानकारी दी गई
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड क्या काम करता है?
NSAB एक खास तरह का समूह है। इसमें सरकार के बाहर के प्रतिष्ठित लोग शामिल होते हैं। इसका मुख्य काम राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद को लंबे समय के लिए विश्लेषण देना है। साथ ही, यह परिषद द्वारा उठाए गए मुद्दों पर समाधान और नीति विकल्प सुझाता है।
यह फैसला प्रधानमंत्री ने लिया। उन्होंने अपने आवास पर सुरक्षा पर कैबिनेट कमेटी (CCS) की बैठक की थी। यह बैठक पहलगाम में हुए हमले के बाद बुलाई गई थी। CCS की बैठक के साथ-साथ दो और कमेटियों की बैठकें हुईं। ये थीं कैबिनेट कमेटी ऑन पॉलिटिकल अफेयर्स (CCPA) और कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स (CCEA)। ये बैठकें भी प्रधानमंत्री के आवास पर हुईं।
प्रधानमन्त्री मोदी की बैठकों का दौर जारी
सुरक्षा पर कैबिनेट कमेटी (CCS) की पिछली बैठक 23 अप्रैल को हुई थी। उस बैठक में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई थी। उस हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक मारे गए थे। CCS को बताया गया कि इस आतंकवादी हमले के तार सीमा पार से जुड़े हुए हैं। यह भी बताया गया कि यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब केंद्र शासित प्रदेश में सफलतापूर्वक चुनाव हुए हैं और यह आर्थिक विकास और विकास की ओर तेजी से बढ़ रहा है।
मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी ने एक और बैठक की थी। इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (Chief of Defence Staff – CDS) जनरल अनिल चौहान और तीनों सेना प्रमुख शामिल हुए थे। सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी ने भारतीय सशस्त्र बलों की पेशेवर क्षमताओं पर पूरा भरोसा जताया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों को भारत की प्रतिक्रिया के तरीके, लक्ष्यों और समय पर निर्णय लेने की पूरी आजादी है। उन्होंने कहा, “भारतीय सशस्त्र बलों के पास कार्रवाई की पूरी आज़ादी है।”